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पटना की महापौर सीता साहू ने फिर से महापौर पद के लिए ठोका ताल, जनता से दोबारा मौका देने की कर रहीं अपील

पटना की महापौर सीता साहू एक बार फिर से चुनावी समर में महापौर पद के लिए ताल ठोक चुकी हैं और जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियां बता रही हैं. साथ ही जो कामियां रह गई हैं, उसे इस बार मौका देने पर पूरा करने का आश्वासन भी दे रही हैं.

सीता साहू,  महापौर
सीता साहू, महापौर
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Published : Sep 14, 2022, 2:24 PM IST

पटनाः प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (municipal elections in bihar) की बिगुल बज चुकी है और पटना नगर निगम क्षेत्र में 20 अक्टूबर को मतदान होना है. इस बार पहली बार ऐसा हो रहा है कि प्रदेश में महापौर और उपमहापौर को जनता सीधे अपने वोटों से चुनेगी. पटना नगर निगम क्षेत्र में दीघा से दीदारगंज का इलाका आता है जिसमें 4 विधानसभा के क्षेत्र पड़ते हैं. पटना की महापौर सीता साहू एक बार फिर से चुनावी समर में महापौर पद (Sita Sahu contest for mayor in municipal elections) के लिए ताल ठोक चुकी हैं और जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियां बता रही हैं. जो कामियां हैं उसे इस बार मौका देने पर कार्यकाल में पूरा करने का आश्वासन भी दे रही हैं. सीता साहू ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि उनके इस बार के कार्यकाल में नगर निगम की कई उपलब्धियां रही है जिसमें पेयजल और जल निकासी की सुविधा, डोर टू डोर कचरा उठाव, कचरो का निष्पादन आदि कई कार्य प्रमुख हैं.


ये भी पढ़ेंः खबर अच्छी है: 15 रुपये में खाएं भरपेट खाना, वो भी पटना के इस फेमस चौक पर

'शहर में कराए कई महत्वपूर्ण कार्य' : महापौर सीता साहू ने बताया कि वह जब नगर निगम में मेयर का पद संभाली उस समय पटना की गलियां रात में अंधेरे में डूबी रहती थी लेकिन उनके प्रयास से पटना के 75 वार्डों में गली-गली एलईडी लाइट लगा और 82 हजार से अधिक एलईडी लाइट लगाए गए ताकि गलियों में रोशनी की पुख्ता व्यवस्था हो और लोग सुरक्षित देर रात तक पटना की सड़कों पर चल सके. सीता साहू ने बताया कि इसके अलावा सबसे प्रमुख कार्य कचरो का निष्पादन है. पहले शहर में हर घर के आस-पास कचरा जमा रहता था लेकिन उनके प्रयास से डोर टू डोर कचरा उठाने का काम शुरू हुआ और आज पटना की सड़कें पूरी तरह से साफ और स्वच्छ नजर आती हैं, लोगों के घरों से गाड़ियां जाकर कचरा उठाती हैं और उसका प्रॉपर ट्रीटमेंट राम चक बैरिया में होता है. उन्होंने बताया कि पहले गर्दनीबाग, अनिशाबाद, मीठापुर बाईपास के इलाके में कचरे के ढेर लगे रहते थे लेकिन उनके प्रयास से सभी जगह से कचरा साफ किया गया और उसे हटाकर रामचक बैरिया में डंपिंग यार्ड बनाकर कचरे का निष्पादन शुरू किया गया. आज कचरे का निष्पादन हो रहा है और कचरा ट्रीटमेंट प्लांट से बिजली बनाने की प्रक्रिया चल रही है.

"पटना में आए दिन गली मोहल्लों में पेयजल की किल्लत से सड़क जाम हुआ करते थे लेकिन हमारे प्रयास से शहर के प्रत्येक वार्ड में वार्ड पार्षद को संज्ञान में रखते हुए 110 उच्च प्रवाह बोरिंग लगाए गए इसके अलावा 1110 से अधिक समरसेबल इंस्टॉल किए गए इसके साथ ही 366 नए जलापूर्ति पाइप लाइन लगाए गए. सड़क को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए कई पहल किए गए और 500 से अधिक मॉड्यूलर टॉयलेट पटना में विभिन्न स्थानों पर इंस्टॉल किए गए इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम ने 19 स्प्रिंकल मशीन खरीदा जिससे सड़कों पर धूल ना उड़े इसके लिए पानी का छिड़काव होता है. इसके साथ ही नगर निगम के द्वारा शहर में डीजल वाले सिटी बस को सीएनजी बस में कन्वर्ट कर चलाया जा रहा है और अब कई सीएनजी बसें शहर में निगम द्वारा चल रही है"- सीता साहू, महापौर, पटना

जलजमाव क्षेत्र में लगे 39 अस्थाई संप मशीनः सीता साहू ने कहा कि शहर में जल निकासी के लिए उन्होंने 4200 अधिक छोटे से मध्यम स्तर के नालों का निर्माण कराया है. इसके साथ ही लोगों के सुविधा और मॉर्निंग वॉक के लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में 50 से अधिक पार्क बनवाए हैं और 20 पार्क अभी निर्माणाधीन भी हैं. उनके कार्यकाल में निगम में अत्याधुनिक मशीनों की खरीददारी हुई है, स्वीपिंग मशीन से शहर की बड़ी सड़के साफ होती हैं. उनके प्रयास से शहर में बरसात के बाद वार्ड क्षेत्र में जलजमाव ना हो इसके लिए जलजमाव क्षेत्र में 39 अस्थाई संप मशीन लगाए गए हैं जो जलजमाव क्षेत्र से पानी को खींचकर नजदीक के नाले में डालते हैं.


पटना को हरित क्षेत्र बनाने का है प्रयासः सीता साहू ने बताया कि उनका शुरू से प्रयास रहा है कि पटना हरित क्षेत्र बने और इस दिशा में काफी काम भी हुए हैं लेकिन कई जगहों पर सड़क किनारे गैस पाइपलाइन नमामि गंगे, पटना मेट्रो जैसे कई कार्य चल रहे हैं जिस कारण सड़क किनारे पेड़ लगाने का कार्य अधूरे रह गए. लेकिन जनता फिर से यदि उन्हें मौका देती है तो वह गंगा किनारे और पटना के सड़कों के आसपास हरित क्षेत्र बनाने के लिए काम करेंगी इसके अलावा पॉल्यूशन फ्री पटना बनाना भी उनका प्रमुख एजेंडा है. उन्होंने बताया कि वह जहां भी जा रही है लोग उन्हें काफी पॉजिटिव रिस्पांस दे रहे हैं क्योंकि गलियों में एलईडी लाइट लगाने का काम हो, कचरो का निष्पादन जिससे मोहल्ला साफ रह रहे हैं, यह सब काम लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं.

जनता को बता रहीं अपनी उपलब्धियांः महापौर सीता साहू ने बताया कि वह जनता के बीच जब जा रही है तो इन्हीं उपलब्धियों को बता रही हैं और कुछ जो कार्य अधूरे रह गए हैं उसको लेकर जनता से आग्रह कर रही है कि इस बार फिर से उन्हें जनता मौका दे ताकि वह अधूरे कार्यों को पूरे कर सकें. उन्होंने बताया कि शहर में 9 बड़े नाले हैं जिस पर यदि उसे ढक कर सड़क बना दिया जाए तो उस शहर में जाम की समस्या से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है. शुरू से उनकी यह पहल रही है और मंदिरी नाले पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया है इसके साथ ही तीन अन्य नालों पर सड़क बनाने की स्वीकृति मिली है लेकिन उनका प्रयास रहेगा कि बादशाही नाला, सैदपुर नाला और अन्य बड़े नालों को ढक कर उस पर सड़क निर्माण कराया जाए ताकि नाले में अधिक सिल्ट भी ना जमे और लोगों को चौड़ी सड़क भी मिले. उन्होंने बताया कि अभी भी कई वार्ड क्षेत्रों में नाले निर्माण के कार्य अधूरे हैं और जनता उन्हें फिर से मौका देती है तो इन अधूरे कार्यों को पूरा करेंगी.

पटनाः प्रदेश में नगर निकाय चुनाव (municipal elections in bihar) की बिगुल बज चुकी है और पटना नगर निगम क्षेत्र में 20 अक्टूबर को मतदान होना है. इस बार पहली बार ऐसा हो रहा है कि प्रदेश में महापौर और उपमहापौर को जनता सीधे अपने वोटों से चुनेगी. पटना नगर निगम क्षेत्र में दीघा से दीदारगंज का इलाका आता है जिसमें 4 विधानसभा के क्षेत्र पड़ते हैं. पटना की महापौर सीता साहू एक बार फिर से चुनावी समर में महापौर पद (Sita Sahu contest for mayor in municipal elections) के लिए ताल ठोक चुकी हैं और जनता के बीच जाकर अपनी उपलब्धियां बता रही हैं. जो कामियां हैं उसे इस बार मौका देने पर कार्यकाल में पूरा करने का आश्वासन भी दे रही हैं. सीता साहू ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि उनके इस बार के कार्यकाल में नगर निगम की कई उपलब्धियां रही है जिसमें पेयजल और जल निकासी की सुविधा, डोर टू डोर कचरा उठाव, कचरो का निष्पादन आदि कई कार्य प्रमुख हैं.


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'शहर में कराए कई महत्वपूर्ण कार्य' : महापौर सीता साहू ने बताया कि वह जब नगर निगम में मेयर का पद संभाली उस समय पटना की गलियां रात में अंधेरे में डूबी रहती थी लेकिन उनके प्रयास से पटना के 75 वार्डों में गली-गली एलईडी लाइट लगा और 82 हजार से अधिक एलईडी लाइट लगाए गए ताकि गलियों में रोशनी की पुख्ता व्यवस्था हो और लोग सुरक्षित देर रात तक पटना की सड़कों पर चल सके. सीता साहू ने बताया कि इसके अलावा सबसे प्रमुख कार्य कचरो का निष्पादन है. पहले शहर में हर घर के आस-पास कचरा जमा रहता था लेकिन उनके प्रयास से डोर टू डोर कचरा उठाने का काम शुरू हुआ और आज पटना की सड़कें पूरी तरह से साफ और स्वच्छ नजर आती हैं, लोगों के घरों से गाड़ियां जाकर कचरा उठाती हैं और उसका प्रॉपर ट्रीटमेंट राम चक बैरिया में होता है. उन्होंने बताया कि पहले गर्दनीबाग, अनिशाबाद, मीठापुर बाईपास के इलाके में कचरे के ढेर लगे रहते थे लेकिन उनके प्रयास से सभी जगह से कचरा साफ किया गया और उसे हटाकर रामचक बैरिया में डंपिंग यार्ड बनाकर कचरे का निष्पादन शुरू किया गया. आज कचरे का निष्पादन हो रहा है और कचरा ट्रीटमेंट प्लांट से बिजली बनाने की प्रक्रिया चल रही है.

"पटना में आए दिन गली मोहल्लों में पेयजल की किल्लत से सड़क जाम हुआ करते थे लेकिन हमारे प्रयास से शहर के प्रत्येक वार्ड में वार्ड पार्षद को संज्ञान में रखते हुए 110 उच्च प्रवाह बोरिंग लगाए गए इसके अलावा 1110 से अधिक समरसेबल इंस्टॉल किए गए इसके साथ ही 366 नए जलापूर्ति पाइप लाइन लगाए गए. सड़क को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए कई पहल किए गए और 500 से अधिक मॉड्यूलर टॉयलेट पटना में विभिन्न स्थानों पर इंस्टॉल किए गए इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम ने 19 स्प्रिंकल मशीन खरीदा जिससे सड़कों पर धूल ना उड़े इसके लिए पानी का छिड़काव होता है. इसके साथ ही नगर निगम के द्वारा शहर में डीजल वाले सिटी बस को सीएनजी बस में कन्वर्ट कर चलाया जा रहा है और अब कई सीएनजी बसें शहर में निगम द्वारा चल रही है"- सीता साहू, महापौर, पटना

जलजमाव क्षेत्र में लगे 39 अस्थाई संप मशीनः सीता साहू ने कहा कि शहर में जल निकासी के लिए उन्होंने 4200 अधिक छोटे से मध्यम स्तर के नालों का निर्माण कराया है. इसके साथ ही लोगों के सुविधा और मॉर्निंग वॉक के लिए उन्होंने अपने कार्यकाल में 50 से अधिक पार्क बनवाए हैं और 20 पार्क अभी निर्माणाधीन भी हैं. उनके कार्यकाल में निगम में अत्याधुनिक मशीनों की खरीददारी हुई है, स्वीपिंग मशीन से शहर की बड़ी सड़के साफ होती हैं. उनके प्रयास से शहर में बरसात के बाद वार्ड क्षेत्र में जलजमाव ना हो इसके लिए जलजमाव क्षेत्र में 39 अस्थाई संप मशीन लगाए गए हैं जो जलजमाव क्षेत्र से पानी को खींचकर नजदीक के नाले में डालते हैं.


पटना को हरित क्षेत्र बनाने का है प्रयासः सीता साहू ने बताया कि उनका शुरू से प्रयास रहा है कि पटना हरित क्षेत्र बने और इस दिशा में काफी काम भी हुए हैं लेकिन कई जगहों पर सड़क किनारे गैस पाइपलाइन नमामि गंगे, पटना मेट्रो जैसे कई कार्य चल रहे हैं जिस कारण सड़क किनारे पेड़ लगाने का कार्य अधूरे रह गए. लेकिन जनता फिर से यदि उन्हें मौका देती है तो वह गंगा किनारे और पटना के सड़कों के आसपास हरित क्षेत्र बनाने के लिए काम करेंगी इसके अलावा पॉल्यूशन फ्री पटना बनाना भी उनका प्रमुख एजेंडा है. उन्होंने बताया कि वह जहां भी जा रही है लोग उन्हें काफी पॉजिटिव रिस्पांस दे रहे हैं क्योंकि गलियों में एलईडी लाइट लगाने का काम हो, कचरो का निष्पादन जिससे मोहल्ला साफ रह रहे हैं, यह सब काम लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं.

जनता को बता रहीं अपनी उपलब्धियांः महापौर सीता साहू ने बताया कि वह जनता के बीच जब जा रही है तो इन्हीं उपलब्धियों को बता रही हैं और कुछ जो कार्य अधूरे रह गए हैं उसको लेकर जनता से आग्रह कर रही है कि इस बार फिर से उन्हें जनता मौका दे ताकि वह अधूरे कार्यों को पूरे कर सकें. उन्होंने बताया कि शहर में 9 बड़े नाले हैं जिस पर यदि उसे ढक कर सड़क बना दिया जाए तो उस शहर में जाम की समस्या से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है. शुरू से उनकी यह पहल रही है और मंदिरी नाले पर सड़क निर्माण का कार्य शुरू हो गया है इसके साथ ही तीन अन्य नालों पर सड़क बनाने की स्वीकृति मिली है लेकिन उनका प्रयास रहेगा कि बादशाही नाला, सैदपुर नाला और अन्य बड़े नालों को ढक कर उस पर सड़क निर्माण कराया जाए ताकि नाले में अधिक सिल्ट भी ना जमे और लोगों को चौड़ी सड़क भी मिले. उन्होंने बताया कि अभी भी कई वार्ड क्षेत्रों में नाले निर्माण के कार्य अधूरे हैं और जनता उन्हें फिर से मौका देती है तो इन अधूरे कार्यों को पूरा करेंगी.

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