पटनाः रविवार 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया. राजधानी पटना में विभिन्न जगहों पर कलश स्थापना कर भक्त मां दुर्गा की आराधना में श्रद्धालु लगे हैं. कुछ ऐसे श्रद्धालु भी हैं जो अपने साधना के तरीके को लेकर चर्चा में है. पटना के पुनाइचाक स्थित नौलखा दुर्गा मंदिर में नागेश्वर बाबा 21 कलश अपने सीने पर रखकर साधना में लीन हो गए हैं. वह 27 वर्षों से इसी तरह से मां दुर्गे की आराधना कर रहे हैं.
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"पूरे विश्व का कल्याण हो यही भावना लेकर इस तरह की साधना करते हैं. 27 वर्षों से इस तरह से साधना करते आ रहे हैं इस दौरान किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती है. 9 दिनों तक नित्य क्रिया कर्म को छोड़कर इस तरह साधना में लगे हुए हैं."- नागेश्वर बाबा, साधक
मनोकामना होती है पूरीः माना जाता है कि मां दुर्गा की आराधना के साथ अगर कठिन साधना करके साधक उनकी पूजा करते हैं तो मन वांछित फल प्राप्त होता है. लेकिन, बाबा नागेश्वर कहते हैं कि हम अपने लिए नहीं संपूर्ण विश्व के लिए इस तरह की साधना कर रहे हैं. मान्यता यह है कि नौलखा दुर्गा मंदिर में जो भक्त आते हैं उनकी मनोकामना मां दुर्गा पूरा करती है. बाबा नागेश्वर जिस तरह से 21 कलश अपने सीने पर रखकर कठिन साधना करते हैं इसको देखने के लिए दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में आते हैं. आज से 9 दिनों तक यहां भक्तों का जमावड़ा लगा रहेगा.
दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं: मंदिर के व्यवस्थापक विजय यादव का कहना है कि इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा करने के लिए आते हैं. बाबा नागेश्वर 27 वर्षों से अपने सीने पर कलश लेकर इस तरह साधना कर रहे हैं. उन्हें देखने के लिए भी भक्त राजधानी पटना सहित कई जिलों से यहां पहुंचते हैं. उनके रहने खाने पीने का प्रबंध मंदिर समिति द्वारा किया जाता है. यहां पर बड़े अधिकारी से लेकर के कई राजनेता भी पहुंचते हैं. यहां जो भी भक्त अपने मन से माता से कुछ भी मांगते हैं तो वह पूरा होता है.