बेगूसराय: नौकरी करने और मोटी सैलरी पाने की चाहत में विदेश गए बेगूसराय के एक युवक का सपना चकनाचूर हो गया. उसके साथ नौकरी के नाम पर न सिर्फ ठगी की गई बल्कि उसकी जान भी आफत में फंस गई.
विदेश में नौकरी के नाम पर ठगी : मामला बेगूसराय के भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र के दहिया गांव का है. बलवंत शर्मा के इकलौते पुत्र रौशन कुमार ने होटल मैनेजमेंट के बाद विदेश मे नौकरी करने का मन बनाया. उसने विदेश में नौकरी दिलाने वाली एजेंसी सें संपर्क स्थापित किया.
प्लेसमेंट एजेंसी से संपर्क: रौशन ने बताया कि उसने एक प्लेसमेंट एजेंसी से संपर्क किया और 3 दिसंबर 2023 को ओमान के मस्कट पहुंचा था, जहां पांच महीने बाद ही उनका पासपोर्ट ले लिया गया और मांगने पर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. रौशन ने कहा कि लगभग 4 हजार भारतीय अब भी वहां फंसे हैं.
एजेंसी ने ऐंठ लिए 2 लाख: रौशन ने बताया कि कंपनी के द्वारा 80 हजार रुपया प्रतिमाह सैलरी देने पर बात तय की गई और इसके लिए दो लाख के करीब मोटी रकम ली गई. फिर भी रौशन ने पासपोर्ट बनवाया और खुशी खुशी एक वर्ष पहले तीन दिसंबर को ओमान के मस्कट पहुंचा.
80 हजार की जगह 26 हजार सैलरी: इस बीच रौशन को अपने ठगे जाने का पहला एहसास तब हुआ जब उसे फ्लाइट में अस्सी हजार रुपये प्रतिमाह की जगह मात्र 26 हजार प्रतिमाह सैलरी का कागज़ दिया गया. विमान में 26 हजार का कागज मिलने पर वो हतप्रभ था, लेकिन लाचार होकर वो फ्लाइट से ओमान के मस्कट पहुंचा, जहां उसे मैरक्योर नामक एक फाइव स्टार होटल में काम में लगाया गया.
"पांच महीने बाद कंपनी द्वारा बैंक में अकाउंट खोलने के नाम पर पासपोर्ट ले लिया गया. बाद में कंपनी द्वारा पासपोर्ट लौटाने से इंकार कर दिया गया. लगातार पासपोर्ट मांगने पर धमकी मिलने लगी और सैलरी भी बंद कर दी गई."- रौशन कुमार, पीड़ित
दूसरी बार कंपनी से भागने में हुए सफल: बुरी तरीके से फंस जाने का एहसास होते ही अगस्त महीने में रौशन वहां सें भाग गया और ओमान के भारतीय दूतावास से संपर्क स्थापित किया. दूतावास द्वारा कम्पनी सें बात कर फिर सें उसे उसी कंपनी के पास भेज दिया गया.लेकिन हालात सुधरने के बदले कम्पनी द्वारा उसे टार्चर किया जाने लगा. जिसके बाद वो फिर सें भाग कर दूतावास पहुंचा और आपबीती बताई.
"दूतावास द्वारा एक गुरुद्वारा में रहने की व्यवस्था कराई गई, जहां भोजन आदि मुफ्त में मिलने लगा. बाद में परिजनों ने केंद्रीय
मंत्री सह स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह से मिलकर सही सलामत वतन लौटने की गुहार लगाई. जिसके बाद गिरिराज सिंह के प्रयास से सकुशल घर वापस लौट पाया."-रौशन कुमार, पीड़ित
पिता ने गिरिराज सिंह को दिया धन्यवाद: वहीं इस संबंध में रौशन के पिता बलवंत शर्मा ने बताया कि उनके बेटे को बुरी तरीके से फंसा लिया गया था, लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की पहल पर वह सकुशल अपने घर लौट कर आ सका. हम उनका जितना भी शुक्रिया करें वो कम है. रौशन के लौटने से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.
"हमारा लड़का फंस गया था, गिरिराज सिंह ने बहुत मदद की. उनके कारण ही मेरा बेटा घर लौटा है."- बलवंत शर्मा, रौशन के पिता
'विदेश जाने का प्रलोभन मिले तो कर लें जांच पड़ताल': गिरिराज सिंह के सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय ने बताया कि रौशन के ओमान में फंसे होने की जानकारी परिजनों द्वारा गिरिराज सिंह को मिलने पर गिरिराज सिंह ने विदेश मंत्रालय से संपर्क स्थापित किया. जिसके बाद विदेश मंत्रालय द्वारा ओमान के दूतावास से संपर्क किया गया. कम्पनी द्वारा रौशन का पासपोर्ट वापस किया गया.
"रौशन जान बचाकर वहां से भाग कर चार महीने तक एक गुरुद्वारा में रहा. एजेन्सी द्वारा युवाओं को गुमराह कर, उन्हें फंसा कर विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ले जाया जा रहा है.रौशन जैसे सैकड़ों लोग आज भी वहां फंसे हुए हैं. इस लिए अभिभावक बच्चों को विदेश भेजने से पहले अच्छे से पता कर ले और पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही भेजे."- प्रभाकर राय, सांसद प्रतिनिधि
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