पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जीएसटी से पूर्व के विभिन्न स्तर पर टैक्स विवाद के 62 हजार 383 मामले लंबित हैं. इसमें 3,483 करोड़ की टैक्स के लिए एकमुश्त समाधान योजना लायी गयी है. अभी तक सात सौ करदाताओं ने समाधान के लिए आवेदन दिया है.
उपमुख्यमंत्री ने अपील की है कि अधिक से अधिक करदाता 25 मार्च तक विवादित राशि का 35 प्रतिशत और ब्याज सहित पेनाल्टी की 10 प्रतिशत राशि जमा कर समाधान योजना का लाभ उठा लें. शनिवार को बजट पूर्व परिचर्चा की चौथी कड़ी में मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में कराधान क्षेत्र के लोगों से विमर्श और उनके सुझाव सुन रहे थे.
राजस्व संग्रह करने में सभी से सहयोग की अपील
सुशील मोदी ने कहा कि 2018-19 में 33,539 करोड़ का राजस्व 5 विभागों द्वारा संग्रह किया गया था. इस साल का संशोधित लक्ष्य 35,690 करोड़ है, जिनमें जनवरी तक 26,883 करोड़ का संग्रह हो चुका है. अगले दो महीने में बाकी 8,806 करोड़ का संग्रह करने में सभी सहयोग की अपील की.
37,305 कारोबारियों के निबंधन रद्द
सुशील मोदी ने बताया कि जीएसटी के अंतर्गत कर चोरी के मामलों को रोकने के लिए 5,479 निबंधित करदाताओं के परिसर का निरीक्षण किया गया. इनमें 744 का कोई अता-पता नहीं पाया गया. छह महीने तक विवरणी दाखिल नहीं करने वाले 37,305 कारोबारियों के निबंधन को रद्द कर दिया गया है.
103 करोड़ की लगाई पेनल्टी
पिछले 20 महीनों में कुल 21 हजार वाहनों और 425 परिसरों का निरीक्षण कर 103 करोड़ की पेनाल्टी लगायी गयी. फर्जी कंपनियों के जरिये सौ कारोबारियों ने 1991.6 करोड़ का माल बाहर से मंगाया, जिनमें 426.87 करोड़ का कर निहित है. ऐसे कर चोरी करनेवालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
परिचर्चा में लोगों ने दिए सुझाव
परिचर्चा में शामिल लोगों ने बिहार में पेट्रोलियम पदार्थों पर पड़ोसी राज्यों के समतुल्य वैट दर करने, बालू का अवैध खनन कर यूपी में ले जाने से रोकने के लिए चेकपोस्ट पर कड़ाई करने, बिल्डिंग बॉयलॉज अधिसूचित करने, 15 साल पुराने वाहनों के लिए एकमुश्त समधान योजना लाने, सर्किल रेट बिक्री दर से ज्यादा होने और ईंट, बालू, परिवहन व निबंधन से जुड़े करीब दो दर्जन से अधिक मुद्दे उठाये और अपने सुझाव दिये.