पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत कई लोगों को रोजगार के लिए ऋण दिया गया है. इसी बीच 7877 लाभुकों का चयन किया गया जिसे रोजगार के लिए लोन दिया जाएगा. इसकी जानकारी मंगलवार को उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ (Industries Minister Sameer Kumar Mahaseth) ने दी. उन्होंने बताया कि 2,23,863 आवेदन प्राप्त हुए थे. जिसमें कैटेगरी-ए में 5 हजार, कैटेगरी-बी में 2 हजार और कैटैगरी-सी में 877 आवेदकों का चयन किया गया.
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"बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना तहत 877 लाभुकों का चयन किया गया है, जिसे 10 लाख रुपए का ऋण दिया जाएगा. बहुत कम समय में यह किया गया है. बिहार के युवाओं से अपील है कि दूसरे प्रदेश में जाने से बेहतर है अपने राज्य में रोजगार शुरू करें. सरकार उनके साथ है." -समीर कुमार महासेठ, उद्योग मंत्री
कम समय में किया गया चयनः उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने बताया कि कैटेगरी-ए में कुल 201204 और बी में कुल 21,782 आवेदन प्राप्त हुए. मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि चयन की पूरी प्रक्रिया को अल्प समय में पारदर्शी तरीके से पूर्ण किया गया है. जिसके लिए प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक और निदेशक, तकनीकी विकास संजीव कुमार बधाई के पात्र हैं. एनआईसी के सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए पूर्ण किया गया है.
ईमानदारी से उद्योगों की स्थापना करेंः मंत्री ने कहा कि कहा कि 01 दिसम्बर से 31 दिसम्बर 2022 तक पोर्टल खोला गया था. 01 जनवरी 2023 को रविवार का अवकाश था. इस तरह 24 घंटे में ही तकनीकी प्रक्रिया पूरी की गई. उद्योगों की स्थापना के लिए हर काम तेजी से कर रहे हैं. हम विश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं. मंत्री ने नए उद्यमियों से अपील की है कि पूरी मेहनत और ईमानदारी से उद्योगों की स्थापना करें, अपने लिए रोजी-रोजगार की व्यवस्था करें. परिवार एवं समाज के लोगों को भी रोजगार दें.
10 लाख रुपये की वित्तीय सहायताः उन्होंने कहा कि राज्य में स्वरोजगार के विस्तार के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में उद्यमी योजना प्रारंभ की गयी है. जिसके तहत चयनित लाभार्थियों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता का प्रावधान है. इसमें 5 लाख रुपए अनुदान और 5 लाख रुपए ब्याज रहित ऋण के रूप में है. निर्धारित आयु सीमा 18 से 50 वर्ष है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में समान प्रावधानों के साथ मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना प्रारंभ किया गया.
ट्रांस जेन्डरों को भी शामिल किया गयाः 2021-22 से मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना व युवा उद्यमी योजना लागू की गई. इसमें ट्रांस जेन्डरों को भी शामिल किया गया. ऋण पर एक प्रतिशत के ब्याज के प्रावधान किया गया. चयनित लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का भुगतान तीन चरणों में 4 लाख, 4 लाख और 2 लाख किया जाता है. चयनित योग्य आवेदकों के कागजातों और कार्यस्थल की जांच जिलास्तर पर की जाती है. मुख्यमंत्री योजना के अन्तर्गत लाभुकों के चयन हेतु जिलावार संख्या निर्धारित है. सबसे अधिक 381 लाभुक पटना जिला से और सबसे कम 45 लाभुक शिवहर जिला के लिए निर्धारित है.
51 ट्रेड में से किसी एक उद्योग लगाना हैः वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत चयनित किये गये 15,986 लाभुकों में से 15101 को प्रशिक्षण दिया गया. उन्हें प्रथम किस्त की राशि प्रदान की गई. 6447 लाभुकों को द्वितीय किस्त और 955 लाभुकों को तृतीय किस्त प्रदान किया गया. 860 करोड़ से अधिक की राशि लाभुकों को दी जा चुकी है. लाभुक निर्धारित 51 ट्रेड में से किसी एक उद्योग की स्थापना अपनी जमीन पर कर सकेंगे.
मुजफ्फरपुर लेदर फैक्ट्री शुरूः 2 हजार लाभुकों का चयन टेक्सटाईल, लेदर और खाद्य प्रसंस्करण प्रक्षेत्र से किया गया है. 1 हजार ऐसे लाभुकों हेतु प्रावधान किया गया जिन्होंने बियाडा के द्वारा आवंटित शेड में टेक्सटाईल और लेदर उद्योग लगाने की योजना बनायी है. मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से जीविका के दीदीयों को जोड़ा गया और बैग कलस्टर की शुरूआत के लिए 39 जीविका दीदीयों को मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के तहत 10-10 लाख रुपये की सहायता दी गई, मुजफ्फरपुर और फतुहा में नई इकाइयों की स्थापना की गई. 40 व्यक्तियों को रोजगार मिला