भोजपुर : बिहार के पटना जिले से आने वाली बालू लदे ट्रकों की लंबी कतार ने भोजपुर जिले के प्रवेश द्वार को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया है. सोमवार की सुबह से ही लगे इस भीषण जाम ने कोइलवर सिक्सलेन पुल के सभी छह लेन को पैक कर दिया, जिससे कोई भी वाहन आगे नहीं बढ़ पा रहा है. जाम में यात्री बसें, मालवाहक वाहन और वीआईपी वाहन भी घंटों फंसे रहे.
भोजपुर में फिर लगा महाजाम : इस जाम से कोइलवर थाने की पुलिस पूरी तरह हलकान हो गई. अंततः, थानाध्यक्ष नरोतमचंद्र ने जाम की स्थिति को सुधारने के लिए खुद कमान संभाली और पुलिस अधिकारियों के साथ पूरे दिन कोइलवर से लेकर बड़हरा के फुहा तक जाम को छुड़ाने में लगे रहे.
नासूर बनी बालू ढुलाई : पटना, सारण और भोजपुर जिलों के सोन नदी के तटवर्ती इलाकों में बालू लदे ट्रकों से हो रहा जाम अब नासूर बन चुका है. पटना जिले के कन्हौली, महाबलीपुर, बिहटा और सारण जिले के डोरीगंज तक लगातार ट्रकों का जाम लगा रहता है. सोमवार को यह जाम पटना-बक्सर फोरलेन तक बढ़ गया और पटना जिले के बिहटा तक फैल गया. 8 घंटे से अधिक समय तक लगे इस जाम के कारण चार पहिया वाहन पूरी तरह रुक गए थे, जबकि दो पहिया वाहन डिवाइडर पर चढ़कर निकलने की कोशिश कर रहे थे.
यात्रियों की परेशानी: यात्रियों ने अपनी परेशानियों का बयां करते हुए कहा कि वे प्रयागराज महाकुंभ से लौट रहे थे और रास्ते में कहीं कोई जाम नहीं मिला, लेकिन भोजपुर में प्रवेश करते ही जाम का सामना करना पड़ा. एक यात्री ने कहा, "हम 160 महिलाओं और बच्चों के साथ दो बसों में सफर कर रहे हैं. कोइलवर पुल पर 7 से 8 घंटे से जाम में फंसे हैं. प्रशासन इस जाम को छुड़वाने का प्रयास नहीं कर रहा है."
एक अन्य यात्री ने कहा, "हम लोग हाइवे पर चलने का टोल टैक्स तो दे रहे हैं, लेकिन जाम की स्थिति को लेकर प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए."
प्रशासन से यात्री की अपील: यात्रियों का कहना है कि कुंभ मेला जैसे बड़े आयोजन के दौरान प्रशासन को ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत थी. उन्होंने यह भी कहा कि जाम की स्थिति के कारण कई घंटे का समय बर्बाद हो गया, और छोटे-छोटे बच्चे भूखे-प्यासे बसों में बैठे रहे. यात्री प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि जाम को समाप्त किया जाए या फिर टोल टैक्स को फ्री किया जाए.
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