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ठोस कचरा प्रबंधन पर गंभीर हुई सरकार, NGT की सख्ती पर एक्शन में नगर आवास विभाग

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जाहिर की है. जिसके बाद नगर विकास विभाग एक्शन मोड में आ गया है. सचिव आनंद किशोर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर चर्चा की है. सभी नगर आयुक्तों और कार्यपालक पदाधिकारियों को अगले तीन से चार दिनों में विभिन्न बिंदुओं पर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.

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Published : Mar 4, 2020, 7:40 PM IST

पटना: नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने आज अपने कार्यालय कक्ष में सभी नगर आयुक्त और कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) पर रिव्यू मीटिंग की. बैठक में सचिव ने सभी नगर निकायों को विभिन्न बिंदुओं पर अगले 3 से 4 दिनों के अंदर काम शुरू कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं.

बैठक में सचिव ने कहा कि अब तक एक सौ अर्बन लोकल बॉडी (ULB) से सैनिटरी लैंडफिल साइट मिल चुकी है. बाकी बचे नगर निकायों को अपने जिलों में मिल चुके साइट से टैग करने के निर्देश दिए गए हैं. अगले 3 दिनों के अंदर इस संबंध में रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया. वहीं, बायोडायवरसेवल वेस्ट की चर्चा करते हुए सचिव ने कहा कि अब तक 267 में से 48 जगहों पर काम शुरू हो चुका है. शेष 219 जगहों पर काम की शुरुआत अभी तक नहीं हुई है.

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बैठक करते सचिव आनंद किशोर
धीमी प्रगति पर एनजीटी नाराज

आनंद किशोर ने बैठक में कहा कि धीमी प्रगति पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आपत्ति जाहिर की है. अगर इसकी शुरुआत सभी जगहों पर नहीं होगी तो एनजीटी इस संबंध में नगर आयुक्त और एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पर कार्रवाई भी कर सकती है. उन्होंने बताया कि 13 मार्च को एनजीटी में इससे संबंधित मामले की सुनवाई होगी, जिसमें मुख्य सचिव समेत अन्य सचिव स्तर के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे.

कचरा जमा करने के लिए लगेगा यूजर चार्ज
एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) का कार्य अगले 3 से 4 दिनों में शुरू कर इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही सभी नगर निगमों में (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन) को लेकर भी गंभीरता बरतने के निर्देश दिए गए. सचिव ने कहा कि अक्सर बड़े निर्माण कार्यों के बाद इस तरह का कचरा जमा हो जाता है. उसे किस जगह पर एकत्रित किया जाएगा या जनता उसको कहां फेंकेगी ऐसी जगहों का पता कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट देनी है. इस संबंध में जनता या सम्बंधित निर्माण एजेंसियों से यूजर चार्ज लिया जाएगा. स्थल चयन के बाद प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आम लोगों को इसकी जानकारी दी जायेगी.

ये भी पढ़ेंः कोरोना को लेकर मुख्य सचिव का सख्त निर्देश- बार्डर इलाकों पर हो विशेष निगरानी
आनंद किशोर ने बताया कि 134 यूएलबी से अब तक लैंडफिल साइट क्लीयरेंस नहीं मिल सका है. अगले 3 दिनों के अंदर प्री-ऑडिट इंफॉर्मेशन की चेक लिस्ट सभी यूएलबी को भेजने के आदेश दिए गए हैं. वहीं, स्वच्छ भारत मिशन की टीम को हर प्रमंडल का दौरा करेगी. टीम स्थितियों को देखते हुए वहां कार्यरत लोगों को प्रशिक्षण भी देगी जिससे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सके.

सभी वार्डों में सेग्रीगेशन शुरू करने की जरूरत
बैठक में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी आलोक कुमार ने कहा कि राज्य के 3,386 वार्डों में से 1,108 वार्ड में अब तक सेग्रीगेशन (कचरों को अलग-अलग करना) का काम शुरू हो चुका है. अन्य वार्डों में भी इसे जल्द शुरू करने की जरुरत बताई. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पर्यावरण योजना बनानी है. जिसमें यूएलबी को सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक और सीवरेज आदि का डाटा भरना है. जिला वन पदाधिकारी के साथ बैठक कर जल्द ही प्लान बनाने पर जोर दिया गया है. बैठक में प्रदूषण बोर्ड के मेंबर सेक्रेट्री आलोक कुमार, पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अधिकारी मौजूद रहे.

पटना: नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर ने आज अपने कार्यालय कक्ष में सभी नगर आयुक्त और कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) पर रिव्यू मीटिंग की. बैठक में सचिव ने सभी नगर निकायों को विभिन्न बिंदुओं पर अगले 3 से 4 दिनों के अंदर काम शुरू कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं.

बैठक में सचिव ने कहा कि अब तक एक सौ अर्बन लोकल बॉडी (ULB) से सैनिटरी लैंडफिल साइट मिल चुकी है. बाकी बचे नगर निकायों को अपने जिलों में मिल चुके साइट से टैग करने के निर्देश दिए गए हैं. अगले 3 दिनों के अंदर इस संबंध में रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया. वहीं, बायोडायवरसेवल वेस्ट की चर्चा करते हुए सचिव ने कहा कि अब तक 267 में से 48 जगहों पर काम शुरू हो चुका है. शेष 219 जगहों पर काम की शुरुआत अभी तक नहीं हुई है.

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बैठक करते सचिव आनंद किशोर
धीमी प्रगति पर एनजीटी नाराज

आनंद किशोर ने बैठक में कहा कि धीमी प्रगति पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आपत्ति जाहिर की है. अगर इसकी शुरुआत सभी जगहों पर नहीं होगी तो एनजीटी इस संबंध में नगर आयुक्त और एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पर कार्रवाई भी कर सकती है. उन्होंने बताया कि 13 मार्च को एनजीटी में इससे संबंधित मामले की सुनवाई होगी, जिसमें मुख्य सचिव समेत अन्य सचिव स्तर के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे.

कचरा जमा करने के लिए लगेगा यूजर चार्ज
एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) का कार्य अगले 3 से 4 दिनों में शुरू कर इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही सभी नगर निगमों में (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन) को लेकर भी गंभीरता बरतने के निर्देश दिए गए. सचिव ने कहा कि अक्सर बड़े निर्माण कार्यों के बाद इस तरह का कचरा जमा हो जाता है. उसे किस जगह पर एकत्रित किया जाएगा या जनता उसको कहां फेंकेगी ऐसी जगहों का पता कर उसकी विस्तृत रिपोर्ट देनी है. इस संबंध में जनता या सम्बंधित निर्माण एजेंसियों से यूजर चार्ज लिया जाएगा. स्थल चयन के बाद प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से आम लोगों को इसकी जानकारी दी जायेगी.

ये भी पढ़ेंः कोरोना को लेकर मुख्य सचिव का सख्त निर्देश- बार्डर इलाकों पर हो विशेष निगरानी
आनंद किशोर ने बताया कि 134 यूएलबी से अब तक लैंडफिल साइट क्लीयरेंस नहीं मिल सका है. अगले 3 दिनों के अंदर प्री-ऑडिट इंफॉर्मेशन की चेक लिस्ट सभी यूएलबी को भेजने के आदेश दिए गए हैं. वहीं, स्वच्छ भारत मिशन की टीम को हर प्रमंडल का दौरा करेगी. टीम स्थितियों को देखते हुए वहां कार्यरत लोगों को प्रशिक्षण भी देगी जिससे ठोस अपशिष्ट प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सके.

सभी वार्डों में सेग्रीगेशन शुरू करने की जरूरत
बैठक में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी आलोक कुमार ने कहा कि राज्य के 3,386 वार्डों में से 1,108 वार्ड में अब तक सेग्रीगेशन (कचरों को अलग-अलग करना) का काम शुरू हो चुका है. अन्य वार्डों में भी इसे जल्द शुरू करने की जरुरत बताई. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में पर्यावरण योजना बनानी है. जिसमें यूएलबी को सॉलिड वेस्ट, प्लास्टिक और सीवरेज आदि का डाटा भरना है. जिला वन पदाधिकारी के साथ बैठक कर जल्द ही प्लान बनाने पर जोर दिया गया है. बैठक में प्रदूषण बोर्ड के मेंबर सेक्रेट्री आलोक कुमार, पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा और स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अधिकारी मौजूद रहे.

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