पटना: बिहार में भाजपा और जदयू के बीच लंबे समय से चुनावी गठबंधन रहा है. लेकिन साल 2015 में नीतीश कुमार भाजपा का दामन छोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए थे. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी और भाजपा महज 53 सीटों पर सिमट गई. 2020 में भाजपा और जदयू के बीच अगर 2010 के फार्मूले पर सीटों का बंटवारा हुआ तो भाजपा के दो दर्जन विधायकों के टिकट कट सकते हैं.
पारंपरिक सीटों को हासिल करना चाहेगी जेडीयू
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी जदयू लंबे समय से भाजपा की सहयोगी पार्टी रही है. लेकिन जदयू पिछले कई चुनाव से बड़े भाई की भूमिका में रही है. 2010 विधानसभा चुनाव में यदि 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी तो इस साल क्यों नहीं? जेडीयू को 115 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जबकि भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी और 91 सीटों पर जीत दर्ज की. यानी एनडीए के खाते में कुल 206 सीटें गई थी.
2013 में बीजेपी-जेडीयू ने ली अलग राह
17 जून 2013 को भाजपा और जदयू अलग हो गई. 17 साल पुराना गठबंधन अचानक टूट गया और नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए. 2015 विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू अलग-अलग लड़ी. भाजपा को 53 सीटों पर जीत हासिल हुई. भाजपा के हिस्से आई 53 सीटों में से 23 विधानसभा सीटें ऐसी रही जिन पर लंबे समय से जदयू के प्रत्याशी ही चुनाव लड़ते और विधायक बनते थे. ऐसे में जाहिर तौर पर 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू तमाम वैसी सीटों पर दावा पेश कर भाजपा के सामने मुश्किलें खड़ी करेगी.
एक नजर उन सीटों पर जिसको लेकर एनडीए में हो सकता है विवाद:
विधानसभा | विजेता(BJP) | उपविजेता(JDU) |
रामनगर | राघव शरण पांडे | भीष्म साहनी |
नौतन | नारायण प्रसाद | वैद्यनाथ महतो |
चनपटिया | प्रकाश राय | एनएन शाही |
कल्याणपुर | सचिंद्र प्रसाद सिंह | रजिया खातून |
पिपरा | श्याम बाबू यादव | कृष्ण चंद्र |
मधुबन | राणा रणधीर | शिवाजी राय |
सिकटी | विजय मंडल | शत्रुघ्न प्रसाद सुमन |
कटिहार | तार किशोर प्रसाद | विजय सिंह |
जाले | जीवेश कुमार | ऋषि मिश्रा |
विधानसभा | विजेता(BJP) | उपविजेता(JDU) |
कुढ़नी | केदार प्रसाद | मनोज सिंह |
मुजफ्फरपुर | सुरेश शर्मा | विजेंद्र चौधरी |
बैकुंठपुर | मिथिलेश तिवारी | मनजीत कुमार सिंह |
सिवान | व्यासदेव प्रसाद | बबलू प्रसाद |
अमनौर | शत्रुघ्न तिवारी | कृष्ण कुमार महतो |
लखीसराय | विजय सिन्हा | रामानंद मंडल |
बाढ़ | ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू | मनोज कुमार |
दीघा | संजीव चौरसिया | राजीव रंजन |
भभुआ | आनंद भूषण पांडे | डॉक्टर प्रमोद कुमार |
गोह | मनोज कुमार | डॉ. रणविजय कुमार |
गरुआ | राजीव नंदन | रामचंद्र प्रसाद सिंह |
हिसुआ | अनिल सिंह | कौशल यादव |
वारसलीगंज | अरुणा देवी | प्रदीप कुमार |
झाझा | रविन्द्र यादव | दामोदर रावत |
भाजपा कोटे के दो मंत्रियों के टिकट पर जदयू की नजर
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा नेता और विधान पार्षद संजय पासवान ने कहा है कि पहली प्राथमिकता हमारी यह होगी कि जो सिटिंग एमएलए हैं उनको डिस्टर्ब ना किया जाए. इसके अलावा जिले में राजद और कांग्रेस कोटे की सीटें बचेगी तो उसमें सहमति के आधार पर अदला-बदली की जा सकती है. इस पर कुछ काम हम लोगों ने किया है.
'जब सीट शेयरिंग की बात आएगी तब निकालेंगे हल'
वहीं, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि सीट शेयरिंग पर कि जब बात होगी तो इस मसले का समाधान ढूंढ लिया जाएगा. शीर्ष नेता जब बैठेंगे तब तमाम मुद्दों पर चर्चा होगी. एनडीए के नेता समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ लेंगे.