पटनाः सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का दूसरा कार्यकाल तो याद ही होगा. उस समय सीएम के तेवर से भ्रष्ट अधिकारियों के होश उड़े हुए थे. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से सरकार की खूब चर्चा हुई थी. जो अब सिर्फ यादें बनकर रह गई है. क्योंकि उस वक्त कार्रवाई के दौरान जो सीएम ने कहा था वह दशकों बाद भी नहीं हुआ. ऐसे भ्रष्ट अधिकारी अभी भी बड़े बड़े पदों पर जमे हैं.
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अभियान पर ग्रहण लगता चला गयाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरे कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे, जो राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बनी थी. भ्रष्ट अधिकारियों पर मुख्यमंत्री की तिरछी नजर थी. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी की गई थी. जब्त मकान में सरकारी स्कूल भी खोले गए थे. लेकिन इस अभियान पर धीरे-धीरे ग्रहण लगता चला गया. अब बिहार नीतीश कुमार ऐसी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
कार्रवाई को अंजाम तक नहीं पहुंचाया : सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मिली है कि 2010 से लेकर 2022 तक कुल 34 अधिकारियों के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई में आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की गई है. विडंबना यह रही कि कार्रवाई को अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया. अवैध संपत्ति को जब्त कर उसमें स्कूल खोले जाने की योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई और न ही ऐसे अधिकारी पर आगे की कार्रवाई की गई.
"2010 से लेकर 2022 के बीच 34 अधिकारियों के खिलाफ जांच एजेंसियों ने कार्रवाई का डंडा चलाया, लेकिन कार्रवाई को मुकाम तक नहीं पहुंचाया गया. जिनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई वह या तो आज नौकरी कर रहे हैं या फिर रिटायर हो चुके हैं. उनकी संपत्ति को भी जब्त नहीं की गई." -प्रकाश राय, आरटीआई एक्टिविस्ट
भ्रष्ट अधिकारियों पर चला था सरकार का डंडाः सीएम नीतीश कुमार का पहला और दूसरा कार्यकाल कई मायनों में महत्वपूर्ण था. आय से अधिक संपत्ति अर्जित मामले में पूर्व डीजीपी नारायण मिश्रा (Former DGP Narayan Mishra) और एसएस वर्मा के आलीशान मकान को भी जब्त किया गया था. जिसमें सरकारी स्कूल खोल दिए गए थे. मुख्यमंत्री के फैसले की सराहना पूरे देश भर में हुई थी. नीतीश कुमार भाषण में कहा करते थे कि अगर भ्रष्टाचार से धन इकट्ठा कीजिएगा तो उसमें सरकारी स्कूल खुल जाएगा. इसलिए आप लोग समझ जाएं.
"सरकार ने दो मामलों में कार्रवाई की उसके बाद फिर अधिकारियों को खुली छूट दे दी गई. सरकार भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रही है. उनकी संपत्ति को जब्त करना तो दूर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है." - अरविंद सिंह, भाजपा नेता
"मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस को लेकर कायम हैं. भ्रष्ट अधिकारियों की संपत्ति जब्त की जा रही है. जहां तक जब्त संपत्ति में स्कूल खोले जाने का सवाल है तो यह मेरी जानकारी में नहीं है." -शमीम अहमद, कानून मंत्री