पटना: पटना सरस्वती पूजा (Basant Panchami 2023) श्रद्धा और भक्ति के माहौल में मनाई जा रही है. जिला के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में माता सरस्वती की पूजा की गई. साथ ही कई छात्रों ने अपने घरों के अलावा मुहल्लों में भी माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की. वैदिक मंत्रोचार से वातावरण भक्तिमय बना हुआ है. पूरे मसौढ़ी अनुमंडल में कुल 34 जगहों पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की गई है. जिसको लेकर जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट की तैनाती की है.
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मां सरस्वती की पूजा-अर्चना : राजधानी पटना समेत ग्रामीण इलाकों में विधि विधान के साथ मां विद्या की देवी सरस्वती की पूजा अर्चना की जा रही है. सभी शिक्षण संस्थानों, सरकारी, गैर सरकारी, स्कूल कॉलेज में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जा रही है. वहीं इस बार जिला प्रशासन ने बिना लाइसेंस लिए मां सरस्वती की प्रतिमा नहीं बैठाने के सख्त आदेश दिए हैं. इसको लेकर एसडीएम को कड़ाई से पालन करने का निर्देश भी दिए हैं.
मां सरस्वती से मांगी मुराद: मसौढ़ी में छात्र-छात्राओं ने विद्या की देवी मां सरस्वती से मुराद मांग रहे हैं कि पिछले साल जिससे करोना काल में पढ़ाई बाधित हुई थी. इस बार किसी आपदा के कारण हम सबके पढ़ाई बाधित ना हो.कोचिंग संस्थानों में पूजा अर्चना करने के दौरान अनुराधा, स्वीटी, रागनी मौसमी, आदी छात्राओं ने मां सरस्वती से मुराद मांगी है. पढ़ाई में किसी भी तरह के कोई अड़चन आए हमारी सारी परीक्षाएं सफल रहे.
बसंत पंचमी के उत्सव में पीले रंग का बहुत महत्व होता है: देवी सरस्वती को पीले रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं और उन्हें उसी रंग के फूल और मिठाई चढ़ाई जाती है. बसंत पंचमी के उत्सव में पीले रंग का बहुत महत्व होता है. यह सरसों की फसल की कटाई के समय को चिह्नित करता है. जिसमें पीले फूल खिलते हैं, जो देवी सरस्वती का पसंदीदा रंग है. इसलिए, सरस्वती के अनुयायियों द्वारा पीले रंग की पोशाक पहनी जाती है.