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Bihar Politics: सम्राट चौधरी का नाम CM फेस के रूप में उछला तो बढ़ गयी JDU की बैचेनी - जदयू का लवकुश वोट

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जिस तरीके से सम्राट चौधरी का नाम सीएम फेस के रूप में (Samrat Chowdhary CM face) बेगूसराय में कार्यक्रम के दौरान उछाला और कार्यकर्ताओं से नारे लगवाए, इसके बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी कि बिहार में भाजपा सम्राट चौधरी में अपना भविष्य देखती है. भारतीय जनता पार्टी के इस मास्टर स्ट्रोक से जदयू पशोपेस में है.

सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी
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Published : May 3, 2023, 8:46 PM IST

बिहार में कुशवाहा वोट बैंक की राजनीति.

पटना: भारतीय जनता पार्टी बिहार में लंबे समय से संघर्ष कर रही है. नीतीश के साथ मिलकर राज्य में अपना जनाधार बढ़ाया. इस दौरान भाजपा ने लालू प्रसाद यादव को निशाने पर रखा था और एमवाई समीकरण में डेंट करने की कोशिश की. पार्टी की योजना थी कि यादव वोट बैंक में डेंट कर लालू प्रसाद यादव को कमजोर किया जाए, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली. इस बीच नीतीश ने भाजपा का साथ छोड़ दिया. अब भाजपा के निशाने पर नीतीश कुमार आ गये और भाजपा की नजर नीतीश कुमार के लवकुश वोट बैंक ( JDU Luvkush vote)पर है.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'बिहार में योगी जैसा मुख्यमंत्री चाहिए.. इसलिए सम्राट चौधरी जैसा CM चाहिए'

जदयू को झटके पे झटकाः भाजपा, नीतीश कुमार के लवकुश वोट में सेंधमारी की कवायद कर रही है. उपेंद्र कुशवाहा के जरिए जदयू को पहला झटका दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़ अपनी पार्टी बना ली. कुशवाहा लगातार वोटरों के बीच जाकर नीतीश कुमार के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा ने नीतीश कुमार को दूसरा झटका सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर दिया. कुशवाहा जाति से आने वाले सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद से भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा गया.

ऊहापोह की स्थिति में जदयूः भाजपा ने सम्राट चौधरी का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर उछाल कर नीतीश को तीसरा झटका दिया. जदयू को इस बात का भय सताने लगा कि अगर सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर दिया गया तो कुशवाहा वोटर भाजपा की ओर शिफ्ट कर सकते हैं. हालांकि भाजपा ने आधिकारिक तौर पर सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया, लेकिन भाजपा के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह ने इसकी घोषणा की है. राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि गिरिराज सिंह अपने मन से यह घोषणा नहीं कर सकते. एक रणनीति के तहत कुशवाहा वोटरों को रिझाने के लिए यह घोषणा करवायी गयी हो.

"भाजपा ने बड़ा राजनीतिक दांव खेला है. लंबे अरसे तक यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश करने के बाद भाजपा ने कुशवाहा वोट बैंक पर दांव लगाया है. रणनीतिक तौर से अगर भाजपा आगे बढ़ती है तो वैसे स्थिति में नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है और भाजपा के लिए सत्ता की सीढ़ियां चढ़ना आसान हो सकता है"- शिवपूजन झा, राजनीतिक विश्लेषक

गिरिराज के बयान से भाजपा नेता भी असहजः बता दें कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय के एक कार्यक्रम में सम्राट चौधरी का नाम मुख्यमंत्री के रूप में उछाला था. कार्यकर्ताओं से सम्राट चौधरी के पक्ष में नारे लगवाए थे. गिरिराज सिंह ने यहां तक कहा था कि नरेंद्र मोदी भले ही 2014 में प्रधानमंत्री बने थे लेकिन उनके लिए 2012 से ही नारे लग रहे थे. गिरिराज के बयान के बाद भाजपा के कुछ नेता भी कश्मकश में हैं. भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने सम्राट चौधरी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने के सवाल पर कहा कि भाजपा में कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है. नेताओं की कमी नहीं है. मेरी पार्टी का हर कार्यकर्ता मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच सकता है.

इसे भी पढ़ेंः Bihar BJP CM Face: 'कड़ा मंतव्य और उन्मादी भाषा.. गिरिराज सिंह में पात्रता की कोई कमी नहीं'- नीरज कुमार

फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना हैः हालांकि भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि गिरिराज सिंह ने जो कुछ कहा वह जन भावना का प्रकटीकरण था. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी की नजर लवकुश वोट बैंक पर है. इस वोट बैंक के जरिए हम पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं. सम्राट चौधरी दल के बड़े नेता हैं और कुशवाहा जाति से आते हैं. आम लोग इनको मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं, लेकिन फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है.

कुशवाहा वोट बैंक का समीकरणः बिहार की सियासत में कुशवाहा वोट 6 से 7% के आसपास माना जाता है. कुशवाहा वोट का ज्यादातर हिस्सा नीतीश कुमार के साथ जाता है. लवकुश वोट बैंक के जरिए नीतीश कुमार ने बिहार की सियासत में मजबूत पकड़ बना रखी है. कुशवाहा वोट बैंक को साधने के लिए नीतीश कुमार ने उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया, बाद में उपेंद्र कुशवाहा को भी साथ लाये थे. मंत्रिमंडल में भी कुशवाहा नेता को हिस्सेदारी दी गई है.

बिहार में कुशवाहा वोट बैंक की राजनीति.

पटना: भारतीय जनता पार्टी बिहार में लंबे समय से संघर्ष कर रही है. नीतीश के साथ मिलकर राज्य में अपना जनाधार बढ़ाया. इस दौरान भाजपा ने लालू प्रसाद यादव को निशाने पर रखा था और एमवाई समीकरण में डेंट करने की कोशिश की. पार्टी की योजना थी कि यादव वोट बैंक में डेंट कर लालू प्रसाद यादव को कमजोर किया जाए, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिली. इस बीच नीतीश ने भाजपा का साथ छोड़ दिया. अब भाजपा के निशाने पर नीतीश कुमार आ गये और भाजपा की नजर नीतीश कुमार के लवकुश वोट बैंक ( JDU Luvkush vote)पर है.

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जदयू को झटके पे झटकाः भाजपा, नीतीश कुमार के लवकुश वोट में सेंधमारी की कवायद कर रही है. उपेंद्र कुशवाहा के जरिए जदयू को पहला झटका दिया. उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़ अपनी पार्टी बना ली. कुशवाहा लगातार वोटरों के बीच जाकर नीतीश कुमार के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा ने नीतीश कुमार को दूसरा झटका सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना कर दिया. कुशवाहा जाति से आने वाले सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के बाद से भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखा गया.

ऊहापोह की स्थिति में जदयूः भाजपा ने सम्राट चौधरी का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर उछाल कर नीतीश को तीसरा झटका दिया. जदयू को इस बात का भय सताने लगा कि अगर सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर दिया गया तो कुशवाहा वोटर भाजपा की ओर शिफ्ट कर सकते हैं. हालांकि भाजपा ने आधिकारिक तौर पर सम्राट चौधरी को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया, लेकिन भाजपा के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह ने इसकी घोषणा की है. राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि गिरिराज सिंह अपने मन से यह घोषणा नहीं कर सकते. एक रणनीति के तहत कुशवाहा वोटरों को रिझाने के लिए यह घोषणा करवायी गयी हो.

"भाजपा ने बड़ा राजनीतिक दांव खेला है. लंबे अरसे तक यादव वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश करने के बाद भाजपा ने कुशवाहा वोट बैंक पर दांव लगाया है. रणनीतिक तौर से अगर भाजपा आगे बढ़ती है तो वैसे स्थिति में नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है और भाजपा के लिए सत्ता की सीढ़ियां चढ़ना आसान हो सकता है"- शिवपूजन झा, राजनीतिक विश्लेषक

गिरिराज के बयान से भाजपा नेता भी असहजः बता दें कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय के एक कार्यक्रम में सम्राट चौधरी का नाम मुख्यमंत्री के रूप में उछाला था. कार्यकर्ताओं से सम्राट चौधरी के पक्ष में नारे लगवाए थे. गिरिराज सिंह ने यहां तक कहा था कि नरेंद्र मोदी भले ही 2014 में प्रधानमंत्री बने थे लेकिन उनके लिए 2012 से ही नारे लग रहे थे. गिरिराज के बयान के बाद भाजपा के कुछ नेता भी कश्मकश में हैं. भाजपा विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने सम्राट चौधरी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होने के सवाल पर कहा कि भाजपा में कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है. नेताओं की कमी नहीं है. मेरी पार्टी का हर कार्यकर्ता मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच सकता है.

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फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना हैः हालांकि भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि गिरिराज सिंह ने जो कुछ कहा वह जन भावना का प्रकटीकरण था. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी की नजर लवकुश वोट बैंक पर है. इस वोट बैंक के जरिए हम पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं. सम्राट चौधरी दल के बड़े नेता हैं और कुशवाहा जाति से आते हैं. आम लोग इनको मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं, लेकिन फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है.

कुशवाहा वोट बैंक का समीकरणः बिहार की सियासत में कुशवाहा वोट 6 से 7% के आसपास माना जाता है. कुशवाहा वोट का ज्यादातर हिस्सा नीतीश कुमार के साथ जाता है. लवकुश वोट बैंक के जरिए नीतीश कुमार ने बिहार की सियासत में मजबूत पकड़ बना रखी है. कुशवाहा वोट बैंक को साधने के लिए नीतीश कुमार ने उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया, बाद में उपेंद्र कुशवाहा को भी साथ लाये थे. मंत्रिमंडल में भी कुशवाहा नेता को हिस्सेदारी दी गई है.

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