पटना: देश भर में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से लड़ने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन का काम करवा रही है. बिहार में भी टीका (Vaccination in Bihar) लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है.
इन सबके बीच खबर यह भी है कि कुछ लोग टीका नहीं लगवा रहे हैं. जिसको लेकर अब पंचायती राज (Panchayati Raj Department) विभाग सख्त कदम उठाने जा रहा है. बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने कोरोना का टीका नहीं लिया है, वे लोग पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
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राज्य निर्वाचन आयोग से अपील
इसके लिए विभाग अब राज्य निर्वाचन आयोग भी जाने की तैयारी में लगा हुआ है. विभाग के मंत्री ने निर्वाचन आयोग से अपील की है कि इस पहल में सरकार की आप मदद करें.
पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी (Panchayati Raj Minister Samrat Choudhary) ने राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) से अपील की है कि कोरोना वैक्सीन नहीं लेने वाले व्यक्ति चुनाव न लड़ सकें, इस पर विभाग कार्य करे. सरकार चाहती है कि संक्रमण जड़ से समाप्त हो.
अपने दायित्व को समझें
इसके लिए पंचायत के हर व्यक्ति अपने दायित्व को समझें, और टीका लें. सम्राट चौधरी ने कहा कि जिन लोगों को पंचायत का चुनाव लड़ना है, तो उन्हें सबसे पहले वैक्सीन लेनी होगी. तभी वह चुनाव लड़ सकें, तभी आयोग उन्हें उम्मीदवार घोषित करें.
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पहले लेने होगी वैक्सीन
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जो लोग पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं या फिर बीडीसी का चुनाव लड़ना चाहते हैं या फिर जिला परिषद का चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें सबसे पहले वैक्सीन लेनी होगी. उन्होंने कहा कि जो लोग जनप्रतिनिधि हैं और वह वैक्सीनेशन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए हैं, उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया जा सके, इस पर आयोग ज्यादा ध्यान दें.
सरकार की करें मदद
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जो लोग इस आपदा की घड़ी में सरकार का साथ नहीं दे रहे हैं और इस आपदा की घड़ी में वह राजनीति कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई भी आयोग की तरफ से की जानी चाहिए.
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उन्होंने लोगों से अपील की है कि जो लोग पंचायत चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे लोग सबसे पहले लोगों को वैक्सीन लेने के लिए जागरूक करें. खुद वैक्सीन लें और दूसरों को भी लगवाने का प्रयत्न करें और सरकार की मदद करें.
वैक्सीन लेने के लिए जागरूक
बता दें कि बिहार में अब तक कुल एक करोड़ 32 लाख 72 हजार 640 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. बिहार सरकार लगातार लोगों को वैक्सीन लेने के लिए जागरूक कर रही है. इसको लेकर कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीएम निवास के संकल्प से हरी झंडी दिखाकर 121 टीकाकरण एक्सप्रेस (Vaccination Express) को रवाना किया था.
टीकाकरण एक्सप्रेस किया गया रवाना
टीकाकरण एक्सप्रेस से शहरी इलाकों में घूम-घूम कर लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगाएगा. इससे पहले ग्रामीण इलाकों के लिए भी स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण एक्सप्रेस रवाना किया था. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा था कि सरकार इस साल सभी लोगों का टीकाकरण करेगी.
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कई तरह के अभियान
वहीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा था कि टीकाकरण एक्सप्रेस से वैक्सीनेशन का अभियान तेज होगा. सभी लोगों को जल्द से जल्द टीका लगाने के लिए बिहार सरकार प्रदेश में कई तरह के अभियान चला रही है.
विभाग ने जारी की अधिसूचना
बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो चुका है. कैबिनेट में नीतीश सरकार ने सलाहकार समिति के माध्यम से पंचायतों को चलाने का फैसला लिया है. आज राज्यपाल की सहमति के बाद विधि विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी है. अब त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का काम 16 जून के बाद सलाहकार (परामर्शी) समितियां संभाल रही हैं. इसके लिए पंचायती राज अधिनियम, 2006 में संशोधन किया गया है.
नीतीश सरकार ने लिया फैसला
मंगलवार को नीतीश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में इस पर बड़ा फैसला लिया और राज्यपाल की सहमति के लिए राजभवन भेजा. राजभवन से स्वीकृति के बाद आज यह जारी हुआ है. अब संशोधन के बाद यह अध्यादेश बिहार पंचायत राज संशोधन अध्यादेश-2021 कहा जाएगा.
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बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा में संशोधन कर नई उप धारा 5 जोड़ी जाएगी. जिसमें धारा 14 की उप धारा 1 में 5 वर्षों की अवधि खत्म होने से पूर्व यदि किसी कारण से किसी ग्राम पंचायत का निर्वाचन कराना संभव नहीं हो तो, उक्त अवधि के अवसान पर वह ग्राम पंचायत भंग हो जाएगी.
कोरोना के कारण नहीं हुआ चुनाव
इस अधिनियम के अधीन या तत्समय प्रवृत किसी अन्य विधि के अधीन ग्राम पंचायत में निहित सभी शक्ति और कृत्य का प्रयोग या संपादन ऐसी परामर्शी समिति द्वारा की जाएगी, जिससे राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना से गठित किया जाए. बिहार में पंचायत का चुनाव पहले ईवीएम और फिर कोरोना महामारी के कारण नहीं हो सका है. उसके कारण सरकार को यह फैसला लेना पड़ा है.