पटनाः बिहार के पटना जदयू कार्यायल के बाहर ग्रामीण चिकित्सकों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान कटोरा लेकर पहुंचे ग्रामीण चिकित्सकों ने सरकार से समायोजन की मांग की. बुधवार को जदयू कार्यालय के दोनों गेट को काफी देर तक जाम कर दिया. ग्रामीण चिकित्सकों का कहना था कि कोरोना काल में सरकार ने उनसे मदद ली, लेकिन इसके बाद सरकार भूल गयी. स्वास्थ्य विभाग में समायोजन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
पटना में चिकित्सकों ने प्रदर्शन कियाः जदयू कार्यालय में मौजूद मंत्रियों से ग्रामीण चिकित्सकों के पांच सदस्यीय टीम ने मुलाकात की. हंगामा कर रहे ग्रामीण चिकित्सकों को पुलिस ने बलपूर्वक जदयू कार्यालय के पास से हटाया. प्रदर्शन करने आए ग्रामीण चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने 1 साल का सीएचएस कोर्स और 3 साल की सामुदायिक ट्रेनिंग ली है. उन्होंने सीएम से नौकरी देने की मांग की है.
'30 साल से नहीं हुई बहाली': ग्रामीण चिकित्सकों कहना है कि 30 साल से सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की बहाली नहीं हुई है. डॉक्टरों की डिमांड है कि सरकार स्वास्थ्य कार्यकर्ता की बहाली करें. सरकार ने ₹21000 लोगों को ट्रेनिंग भी जिलाई है. सरकार प्रशिक्षित सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में बहाल करे.
"विगत 30 सालों से सामुदायिक कार्यकर्ता की बहाली नहीं हुई है. सरकार ने 21 हजार लोगों चिकित्सक को ट्रेनिंग दी थी. उस ट्रेनिंग के आधार पर हमलोगों को बहाल करे. इसी मांग को लेकर हमलोग कटोरा लेकर पहुंचे हैं." -जितेंद्र नाथ मौर्या, राष्ट्रीय प्रवक्ता, ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता
समायोजन की मांगः ग्रामीण चिकित्सकों का कहना है कि पहले हमलोग तेजस्वी यादव के पास भी गए थे. राजद कार्यालय में भी अपनी बात रखे थे. जगदानंद सिंह ने आश्वासन भी दिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. चिकित्सकों ने कहा कि हम लोग पूरी उम्मीद से नीतीश कुमार के पास आए हैं कि हम लोगों का समायोजन करेंगे.
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