पटना: बजट सत्र के दौरान हर विभाग का अलग-अलग बजट पेश किया जाता है. आगामी सत्र में कई चुनौतियों के बीच ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विभागीय बजट पेश होगा. विभागीय बजट की तैयारी पर आर्थिक जानकार प्रो. एनके सिंह का मानना है कि किसी भी राज्य के ग्रामीण परिवेश को मजबूत करना बेहद जरूरी है. बिहार में ग्रामीण आबादी अधिक है. सरकार को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पेश किए जाने वाले बजट में काफी गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए.
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एनके सिंह ने कहा कि ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए. बीते साल जिस तरह से कोरोना महामारी के बाद आर्थिक स्थिति चरमरा गई है उसे पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने पर काम करना होगा. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पिछले साल कुल बजट का 12% उसके मध्य में रखा गया था. इस विभाग द्वारा मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास और लोहिया स्वच्छता अभियान जैसे महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जाती. लॉकडाउन के दौरान बिहार लौटे कामगारों और मजदूरों के रोजगार सृजन में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अहम भूमिका निभाई गई थी. करीब 26 लाख लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया था.