पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए सरकार अधिक से अधिक जांच पर फोकस कर रही है. मगर हाल के दिनों में प्रदेश में आरटी पीसीआर सैंपल काफी संख्या में बर्बाद हो रहे हैं. वजह यह है कि सैंपल सही से कलेक्ट नहीं हो रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रोसेसिंग नहीं हो पा रही है और आरटी पीसीआर किट खराब हो रहे हैं.
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एम्स में रोज खराब हो रहे हैं 3-5 सौ सैंपल
पटना एम्स में प्रतिदिन लगभग 1600 आरटी पीसीआर के नमूने टेस्ट होते हैं. इनमें से 300 से 500 किट की प्रोसेसिंग नहीं हो पाती. जांच केंद्र द्वारा जिन लोगों के सैंपल की प्रोसेसिंग नहीं हो पाती उनका दोबारा सैंपल मंगाया जाता है. ऐसे में 300 से 500 सैंपल एम्स में प्रतिदिन खराब हो रहे हैं.
प्रोसेस नहीं हो पाते 3-5 फीसदी सैंपल
यही हाल पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और आरएमआरआई का है. यहां प्रतिदिन जांच होने वाले आरटी पीसीआर सैंपल में से 3-5 फीसदी सैंपल सही तरीके से कलेक्ट ना किए जाने की वजह से प्रोसेस नहीं हो पाते. आईजीआईएमएस में बीते ढाई माह में लगभग 5000 ऐसे आरटी पीसीआर सैंपल किट पहुंचे हैं, जिनकी प्रोसेसिंग नहीं की जा सकी. ये नमूने मानक पर खड़े नहीं उतरे, इस वजह से उपयोग में नहीं लाए गए.
जल्दबाजी के चलते खराब हो रहे हैं किट
गौरतलब है सरकार ने आरटी पीसीआर का सैंपल कलेक्शन और उसे सुरक्षित रखने के लिए लैब टेक्नीशियन को ट्रेनिंग दी है. हाल के दिनों में जैसे ही आरटी पीसीआर जांच की संख्या बढ़ाई गई है खराब किट की संख्या भी बढ़ गई है. जल्दबाजी में टेक्नीशियन सही तरीके से सैंपल कलेक्ट नहीं कर रहे और जांच केंद्र पर वह नमूना मानक के अनुरूप नहीं मिल रहा है. ऐसे में आरटी पीसीआर किट के नमूनों की प्रोसेसिंग नहीं हो पा रही और वे खराब हो जा रहे हैं.
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