अररिया: दिव्यांग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर शादी का प्रलोभन देकर गर्भवती करने व गर्भपात कराने का मामला प्रमाणित होने पर आरोपी युवक को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिला एवं षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार ने यह सजा सुनाई है.
दुष्कर्म के आरोपी को उम्रकैद: न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा के अलावा आरोपी को 20 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है. वहीं जुर्माना की राशि नहीं जमा होने पर आरोपी युवक को एक महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. इसके अलावा पीड़िता को विक्टिम कंपनसेशन फंड के रूप में सात लाख रुपए देने का आदेश भी जारी किया है.
पीड़िता को 7 लाख मुआवजा का आदेश: सात लाख रुपए में से दो लाख रुपए पूर्व में पीड़िता को देय है. दो लाख और पीड़िता को देना है. शेष बचे तीन लाख रुपए पीड़िता के बेटे को दिया जायेगा. चूंकि पीड़िता का बेटा माइनर है, इसलिए बच्चे के बालिग होने तक बच्चे के नाम से किसी नेशनलाइज बैंक में उक्त तीन लाख रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट करने का आदेश जारी किया गया है.
चाकू का भय दिखाकर नाबालिग से दुष्कर्म: यह आदेश स्पेशल (पॉक्सो) 43/2018 महिला थाना कांड संख्या 77/2018 मे पारित किया गया है. 30 जुलाई 2018 को दिव्यांग पीड़िता देर संध्या शौच करने के लिए अपने घर से खेत गई थी, जहां पहले से घात लगाए युवक ने चाकू का भय दिखाकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. जिसको लेकर पीड़िता ने महिला थाना में आरोपी युवक पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
"सजा पाने वाला 25 वर्षीय युवक अब्दुल कय्यूम जिले के ताराबाड़ी थाना क्षेत्र का रहने वाला है. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय के न्यायाधीश अजय कुमार ने आरोपी की सज़ा सुनाई."- डॉ श्याम लाल यादव, स्पेशल पीपी, पॉक्सो एक्ट
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