पटना: रेलवे की ओर से वंदे भारत ट्रेन का पटना-रांची रूट पर इस महीने के तीसरे हफ्ते से ट्रायल शुरू होने की संभावना है. वहीं रेल सूत्रों के अनुसार इसी महीने के आखिरी सप्ताह में ट्रेन का संचालन शुरू होगा. 6 जून की शाम को चेन्नई से 8 बोगियां पटना पहुंची हैं. 9 जून यानी कि शुक्रवार से स्टाफ की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है.
पढ़ें- Vande Bharat : पटना से रांची के बीच जल्द दौड़ेगी वंदे भारत, चेन्नई से आ रही 8 बोगी
रेल कर्मियों की ट्रेनिंग शुरू: ट्रेन परिचालन में कोई समस्या ना हो इसको लेकर कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वंदे भारत के लिए रेलवे ने अपने तेज तर्रार कर्मियों का चुनाव किया है और कुछ वरिष्ठ रेलकर्मियों को पटना बुलाया गया है, जिनकी निगरानी में पूर्व मध्य रेलवे के रेलवे कर्मियों की ट्रेनिंग चल रही है.
वंदे भारत का रूट: अबतक की जानकारी के अनुसार वंदे भारत ट्रेन का रूट पहले से ही चल रही पटना-रांची जनशताब्दी ट्रेन से थोड़ा अलग होगा. जनशताब्दी ट्रेन पटना से तारेगना, जहानाबाद, गया होते हुए झारखंड के कोडरमा, हजारीबाग, पारसनाथ, चंद्रपुरा, बोकारो और फिर रांची पहुंचती है. वंदे भारत एक्सप्रेस पटना से शुरू होकर जहानाबाद, गया, हजारीबाग होते हुए बरकाकाना रूट से रांची पहुंचेगी.
हजारीबाग से बरकाकाना का नया रूट: हजारीबाग से बरकाकाना होते हुए रांची का रूट नया बनाया गया है. इस पर पहली बार वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी. जानकारी के अनुसार ट्रेन जनशताब्दी के बाद खुलेगी. पटना से सुबह सात बजे का समय इसके स्टार्ट होने का बताया जा रहा है और रांची पहुंचने का समय एक बजे है.
इस समय पर चल सकती है ट्रेन: पटना से ट्रेन चलकर 1:00 बजे रांची पहुंचेगी और इसके बाद रांची से वापसी का समय शाम 5:00 बजे का होगा. रांची से निकलकर ट्रेन 11:00 बजे पटना पहुंचेगी. हालांकि रेलवे बोर्ड की ओर से अभी समय सारणी नहीं आई है. रेलवे के आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही सही समय का पता चलगा. वंदे भारत सप्ताह में 6 दिन चलाई जा सकती है.
ट्रेन की खासियत: ट्रेन में आरामदायक कुर्सियां हैं. ऑटोमेटिक दरवाजा से लेकर बाथरूम के भी दरवाजे ऑटोमेटिक हैं. हर बोगी के मेन गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए सुविधा होगी.
बेस्ट रेल कर्मयों को दी जा रही ट्रेनिंग: रेल कर्मियों की ट्रेनिंग जारी है जो 10 दिन चलेगी. जिनको ट्रेनिंग मिल रही है उनमें गार्ड, पायलट, टीटी, कोच अटेंडेंड समेत दूसरे कर्मी शामिल हैं. प्रशिक्षण का उद्देश्य ट्रेन परिचालन के दौरान यात्रियों को परेशानी से बचाना है. अधिकारियों का कहना है कि अगर सब ठीक ठाक रहा तो 1 हफ्ते के अंदर ट्रेन का ट्रायल शुरू किया जा सकता है.