पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने के कारण भी कोरोना संक्रमण में बढ़ोत्तरी हुई है. बता दें कि पहले बिहार विधान परिषद के 9 सीटों के लिए हुए चुनाव में नेता और कार्यकर्ताओं तक का जमावड़ा हुआ. इसके बाद विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ने के बाद राजनीतिक दलों के सम्मेलन और मिलन समारोह ने भी कोरोना संक्रमण के प्रसार में अहम भूमिका निभाई.
- कोरोना संक्रमण: कोई दल अछूता नहीं BJP में अधिकता
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना संक्रमण की विस्फोटक स्थिति के पीछे राजनीतिक दलों की बड़ी भूमिका रही है. बिहार में अनलॉक- 1 और अनलॉक- 2 में जिस प्रकार की छूट दी गई. उसमें राजनीतिक गतिविधियां भी काफी तेजी से बढ़ीं हैं. इस दौरान बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी द्वारा लगातार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय पहुंच रहे थे. इसलिए कोरोना बढ़ने का एक बड़ा कारण राजनीतिक दलों को भी माना जा रहा है.
- राजनीतिज्ञों में कोरोना संक्रमण प्रसार के मुख्य कारण-
1. बिहार विधानसभा में 9 विधान परिषद सदस्यों का चयन, नॉमिनेशन से लेकर शपथ ग्रहण समारोह तक नेताओं और कार्यकर्ताओं का जमावड़ा, वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सोशल डिस्टेंसिंग नियमों की अनदेखी करते पाए गए.
2. मुख्यमंत्री आवास में आरजेडी के 8 विधान परिषद में से पांच सदस्य जदयू में शामिल हुए. मुख्यमंत्री आवास में जिस प्रकार से जदयू और पांचों सदस्य अपने समर्थकों के साथ पहुंचे. वहां चहल-पहल और काफी भीड़-भाड़ वाला माहौल बन गया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का भी ध्यान नहीं रखा गया.
3. बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी द्वारा लगातार कार्यक्रमों की शुरूआत की जा रही है. सम्मेलन और कार्यक्रमों ने कोरोना संक्रमण बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. साथ ही कोरोना महामारी के प्रसार में राजनीतिक दलों का मिलन समारोह, क्षेत्रीय सम्मेलन और प्रेस कॉन्फ्रेंस की भी खूब भागीदारी रही.
4. बीजेपी के वर्चुअल सम्मेलन में भी एक स्थान पर कई नेताओं का जमावड़ा होने लगा. इसके कारण राजनीतिक क्षेत्र में बड़े पैमाने नेता संक्रमित होने लगे और मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया.
- राजद के कोरोना संक्रमित नेता-
राजनीतिक गलियारों में कोरोना संक्रमित होने वाले बड़े नेताओं में सबसे पहले रघुवंश प्रसाद सिंह का नाम सामने आया. कहा गया कि तेजस्वी यादव के ताली-थाली कार्यक्रम के दौरान वो संक्रमित हुए. इसी के साथ आरजेडी के कई विधायकों के भी संक्रमित होने की खबरें आईं. साथ ही कई नेताओं की कोरोना से मौत भी हुई.
- बीजेपी के कोरोना संक्रमित नेता-
1. बीजेपी कोटे के मंत्री विनोद कुमार सिंह के संक्रमण संक्रमित होने की सबसे पहले खबर आई. इसके बाद हड़कंप मचना शुरू हो गया. मंत्री का परिवार और कई लोग भी संक्रमित पाए गए.
2. इसके बाद विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह के संक्रमित होने की खबर से भूचाल मच गया. क्योंकि मुख्यमंत्री लगातार उनके संपर्क में थे और विधानसभा अध्यक्ष से लेकर बीजेपी के कई मंत्री भी उनके संपर्क में रहे. वहीं शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. बता दें कि अवधेश नारायण सिंह का पूरा परिवार भी संक्रमित पाया गया. साथ ही शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे जदयू एमएलसी गुलाम गौस सहित भी कई लोग पॉजिटिव हो गए.
3. बीजेपी कार्यालय में 100 से अधिक सैंपलों की जांच की गई. जिसमें 2 दर्जन से अधिक लोग संक्रमित पाए गए. इसमें पार्टी संगठन से जुड़े लोगों की बड़ी संख्या रही.
4. बीजेपी के कई विधायक कोरोना पॉजिटिव पाए गए. दरभंगा के एमएलसी सुनील कुमार सिंह की एम्स में इलाज के दौरान मौत भी हो गई.
- जदयू में कोरोना पॉजिटिव
1. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भतीजी से लेकर मुख्यमंत्री आवास में कई लोग पॉजिटिव पाए गए.
2. मंत्री शैलेश कुमार सिंह और उनके आवास पर कई लोग पॉजिटिव मिले. वहीं शैलेश कुमार सिंह के पीए की मौत भी हो चुकी है. साथ ही कई विधायक भी कोरोना संक्रमित पाए गए.
3. जदयू-बीजेपी के कई मंत्रियों के आवास पर भी काफी संख्या में पॉजिटिव लोग मिले.
4. वहीं कांग्रेस के विधायक भी कोरोना संक्रमित पाए गए. सभी दलों में संक्रमण और इसके कारण मौतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. पूर्व सांसद राम अवधेश सिंह की भी मौत हो चुकी है.
- बीजेपी के पूर्व विधान पार्षद नवल यादव ने कहा कि राजनीतिक गतिविधियों से कोरोना संक्रमण बढ़ने की बात भ्रम फैलाने जैसा है. गौरतलब है कि नवल यादव कोरोना को सामान्य बीमारी बता रहे हैं.
- प्रोफेसर डीएम दिवाकर ने कोरोना को गंभीर समस्या बताते हुए सभी दलों को स्वार्थ से ऊपर उठकर संक्रमण को गंभीरता से लेने की सलाह दी.
- वहीं, पटना हाईकोर्ट के वकील महेश्वर द्विवेदी ने कहा कि राजनीतिक दलों के साथ बाहर से आए मजदूरों ने बिहार में कोरोना विस्फोट की स्थिति उत्पन्न की है. जांच भी उतना नहीं हो रहा है. जिससे संक्रमितों की जल्द पहचान हो सके.
जांच और इलाज पर असर
बिहार में कोरोना संक्रमण बढ़ाने में बिहार के राजनीतिक दलों की भूमिका किसी भी तरह से कम नहीं है. जितने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम हुए सब कुछ कोरोना संक्रमण बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुआ.