पटना: बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) ने सरकारी स्कूल के शिक्षकों को शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) सफल बनाने के काम में लगा दिया है. शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को शराब के सेवन, उत्पादन, कालाबाजारी और तस्करों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. शिक्षा विभाग के इस फरमान के बाद राज्य का सियासी पारा गर्म हो गया है. राज्य सरकार के आदेश को राष्ट्रीय जनता दल ने बेतुका फरमान बताकर विरोध किया है.
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राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari) ने कहा है कि सरकार शराबबंदी कानून को लेकर बिहार सरकार क्या-क्या कर रही है, जनता सब देख रहा है. शिक्षक पढ़ाने के बदले अब शराब के सेवन, कालाबाजारी और तस्कर पर नजर रखेंगे. यह किस तरह का फरमान है. उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ानेवाले गुरुजी को नीतीश सरकार ने ये फरमान जारी किया है. राज्य के शिक्षक इस फरमान से परेशान है. उन्होंने कहा कि वैसे ही शिक्षकों को पढ़ाई के अलावे कई कार्य दिए गए है. अब नया काम दे दिया गया है. जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. सरकार सत्ता संरक्षित शराब तस्कर को रोकने के असफल है तो कुछ से कुछ करती रहती है.
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री को फौरन इस फरमान को वापस लेना चाहिए. शराबबंदी है, लेकिन उसमें शिक्षक क्या करेंगे. घर-घर जाकर शराब खोजेंगे क्या. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को क्यों ऐसे कार्य में लगाया गया है. सरकार को इसका जवाब भी देना होगा. ये सरकार क्या-क्या कर रही है. पता नहीं शराबबंदी कानून में सत्ता संरक्षण में शराब बिक रहा है और मुख्यमंत्री तरह-तरह के फरमान जारी करने में लगे हैं.
आपको बता दें कि शुक्रवार को शिक्षा विभाग (Bihar Education Department Notification) के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है. जिसमें यह स्पष्ट कहा गया है कि सभी स्कूलों में शिक्षा समिति की बैठक बुलाकर बताया जाए कि शिक्षक को नशाबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करना है और अगर कोई शराब पीते हुए या शराब बेचते हुए मिलता है, तो उसकी जानकारी टोल फ्री नंबर पर देनी है.
दरअसल, बिहार में शराबबंदी के बावजूद चोरी छिपे शराब के सेवन और जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर सरकार की सख्ती जारी है. कई बार स्कूल कैंपस से शराब की बोतलें मिलने और स्कूल कैंपस में स्कूल अवधि के बाद शराब पीने की खबरों को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सभी जिलों को ये भी निर्देश जारी किया गया है कि स्कूल अवधि के बाद भी स्कूल कैंपस का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.
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