पटनाः गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई घटना पर सभी राजनीतिक दल अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इसी क्रम में आरजेडी ने भी इस घटना को निंदनीय बताया है. लेकिन पार्टी का कहना है कि ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई घटना को बीजेपी और आरएसएस के इशारों पर अंजाम दिया गया है. आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि दिल्ली में किसानों का जो आंदोलन हो रहा है. मेरी जानकारी के अनुसार वहां उपद्रव जैसा कोई विषय नहीं था. आंदोलन में लाखों लोग शामिल हो रहे हैं. इसमें छोटी-मोटी जो घटना घटी है वह कोई बड़ी बात नहीं है.
"सरकार के खिलाफ इतना बड़ा आंदोलन किया जा रहा है. ये खबर होनी चाहिए. लाल किले तक जाने तक की अनुमति किसानों को नहीं थी. किसानों ने जब रास्ता बदला तो दिल्ली पुलिस वहां क्या कर रही थी. कुछ बदमाश संघ समर्थी लोगों ने वहां उपद्रव किया."-सुधाकर सिंह, विधायक, आरजेडी
'बढ़ा चढ़ा कर दिखाई जा रही लाल किले की घटना'
आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि लाल किले की घटना को बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है. सुधाकर सिंह ने किसानों को लाल किले तक जाने की अनुमति नहीं थी, तो फिर वे वहां कैसे पहुंच गए. उन्होंने कहा कि आज खालसा झंडे को बीजेपी खालिस्तानी झंडा बता रही है. लेकिन आजादी के बाद भी संघ मुख्यालय में देश का तिरंगा क्यों नहीं फहराया जाता ? क्या वह देश का अपमान नहीं है?
'किसान आंदोलन के साथ है आरजेडी'
सुधाकर सिंह ने कहा कि जिस लाल किले की बात हो रही है उसे केंद्र सरकार ने डालमिया जैसे उद्योगपति के हाथों नीलाम कर दिया. क्या यह देश का अपमान नहीं है? उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को बदनाम करने के लिए बीजेपी की तरफ से जो काम किया जा रहा है वह काफी निंदनीय है. हम लोग किसान आंदोलन के साथ हैं.
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मानव श्रृंखला में शामिल होंगे लाखों लोग
किसान संगठनों के आंदोलन से पीछे हटने पर आरजेडी विधायक ने कहा कि जिन लोगों ने कभी आंदोलन का समर्थन किया ही नहीं वही लोग पीछे हट रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन से पीछे हटने वाले बीजेपी से प्रभावित किसान हैं. सुधाकर सिंह ने कहा कि कृषि बिल के विरोध में हमलोग 30 जनवरी को मानव श्रृंखला जरूर बनाएंगे. किसानों के इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए बनाए जा रहे मानव श्रृंखला में लाखों लोग शामिल होंगे.
कृषि बिल का विरोध
वहीं बीजेपी नेता सुशील मोदी के मानव श्रृंखला समाप्त करने के बयान पर विधायक ने कहा कि अब बीजेपी खुद सुशील मोदी को समाप्त करना चाह रही है. इसलिए उन्हें अब इस ठंड के मौसम में घर में डाल दिया है. बता दें कि किसानों का आंदोलन का लगभग 60 दिनों से अधिक हो गया है. किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठकर लगातार कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं.