पटनाः नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है. इससे जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार पर नाराजगी जाहिर की है. इसपर बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने प्रसन्नता जताई है. राजद नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार से साबित होता है कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून बनाकर गलती की है.
"भारत सरकार को जो कानून किसानों के हित में नहीं है इसे अविलंब वापस लेना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जो कहा उसके लिए धन्यवाद."- उदय नारायण चौधरी, वरिष्ठ नेता, राजद
'किसानों के हित में नहीं है कानून'
राजद के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार जो कृषि कानून लाई है वो किसानों के हित में नहीं है. सरकार इसे जितनी जल्दी वापस ले ले उतना अच्छा है.
"काले कानून से किसान आहत हैं. किसानों की मांग जायज है. इस आंदोलन में ठंड से कई किसानों की मौत हो गई. सरकार अगर इसपर पहल कर रही है तो यह अपेक्षित है."-भूदेव चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजद
'कोर्ट के आदेश पर अमल करे सरकार'
राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष भूदेव चौधरी ने भी केंद्र सरकार से कृषि कानून को तुरंत वापस लेने की मांग की है. राजद की बैठक में शामिल होने पहुंचे नेताओं ने कहा कि लंबे समय से किसान दिल्ली की सड़क पर बैठे हैं, उनके पक्ष में अगर सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश दिया है तो केंद्र सरकार को तुरंत इस पर अमल करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि दोनों पक्षों में हाल ही में मुलाकात हुई, जिसमें तय हुआ है कि चर्चा चलती रहेगी. हालांकि, चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने इस पर नाराजगी व्यक्त की. चीफ जस्टिस ने कहा कि जिस तरह से सरकार इस मामले को हैंडल कर रही है, हम उससे खुश नहीं हैं. हमें नहीं पता कि आपने कानून पास करने से पहले क्या किया.