पटना: महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. लगातार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी राजद से नाराज चल रहे हैं. मांझी की कोर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग लेकर राजद को 31 मार्च तक के लिए अल्टीमेटम भी दे रखा है. उनके अल्टीमेटम के बाद आरजेडी ने अपना रुख साफ कर दिया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि जीतन राम मांझी आरजेडी को अल्टीमेटम देने वाले कौन होते है. महागठबंधन के किसी भी दल को सोच-समझकर बोलना चाहिए.
मांझी के अल्टीमेटम पर आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि महागठबंधन के दलों को सोचना चाहिए. इनके रवैये के कारण ही पार्टी किसी को बुलाकर टिकट नहीं देती है. मांझी पर कटाक्ष करते हुए भाई वीरेंद्र ने कहा कि उनके पुत्र को जिनके पास 1 वोट रहा, उनको भी राजद ने विधान परिषद भेजने का काम किया है.
'लालू प्रसाद हैं बड़े दिलवाले'
भाई वीरेंद्र ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद बड़े दिलवाले हैं. किसी भी दल के पास कोई विधायक नहीं होता है, उस दल के नेताओं को भी लालू प्रसाद राज्यसभा और कभी विधान परिषद भेजते हैं. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने जिन नेताओं पर एहसान किए हैं, उन नेताओं को वह एहसान कभी भूलना नहीं चाहिए.
मांझी हमारे मालिक नहीं हैं- भाई वीरेंद्र
मांझी के अल्टीमेटम के सवाल को लेकर पर भाई वीरेंद्र ने कहा कि जीतन राम मांझी हमारे पार्टी के कोई मालिक नहीं है. इनके अल्टीमेटम से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. महागठबंधन में सब दल के लोग हैं इसलिए मांझी के बयान पर राजद कभी ध्यान नहीं देती है क्योंकि मांझी आज कुछ और बोलेंगे कल कुछ और बोल देते हैं. पार्टी उनके बयान को सीरियस नहीं लेती है. महागठबंधन है जिनको रहना है वह रहे, जिनको नहीं रहना है उनकी अपनी मर्जी है.
'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है'
आरजेडी ने साफ कहा है कि मांझी को अपना देखना चाहिए क्योंकि यह पब्लिक सब जानती है. आरजेडी ने मांझी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि 'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है'. हमारे पास बहुमत है. इसलिए किसी की बयानबाजी का कोई मतलब नहीं बनता है.