पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित आरजेडी कार्यालय में मंगलवार राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय गणना और आर्थिक सर्वे के रिपोर्ट आने के बाद सब कुछ साफ हो गया है. निश्चित तौर पर अब सरकार को बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 70% तक कर देनी चाहिए.
"पिछड़ा हो, अति पिछड़ा हो, अत्यंत पिछड़ा समाज के लोग हो या दलित समाज के लोग. अभी भी आर्थिक रूप से येलोग पूरी तरह से मजबूत नहीं हुए हैं और आरक्षण का मतलब होता है, उन्हें पूरी तरह से आर्थिक रूप से मजबूत करना. ऐसे में निश्चित तौर पर बिहार में आरक्षण की सीमा को बढ़ाना होगा. उसके बाद ही समाज के लोग और मजबूत होंगे."- मनोज झा, सांसद, आरजेडी
'एक प्रति केंद्र सरकार को भी भेजेंगे' : मनोज झा ने कहा कि खुद समझ लीजिए कि बिहार में पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित, महादलित समाज की क्या हालत है. यह आंकड़ा सबकुछ बताता है. बिहार सरकार ने जो जातीय गणना और आर्थिक सर्वे कराया है, निश्चित तौर पर उससे सब कुछ सामने आ गया है. हम लोग इसकी एक प्रति केंद्र सरकार को भी भेजेंगे. हमलोग शुरू से चाहते हैं कि पूरे देश में जातीय गणना हो, लेकिन केंद्र सरकार नहीं कर रही है.
प्राइवेट सेक्टर में भी लागू हो आरक्षण : आरजेडी सांसद ने कहा कि हम लोग शुरू से कहते रहे हैं कि अभी भी आरक्षण देने की जरूरत है. साथ ही प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू होना चाहिए और इसको लेकर भी केंद्र सरकार को हम लोग पत्र लिखेंगे. निश्चित तौर पर जो हालात बिहार में एक बड़े वर्ग के लोगों का है उसको देखकर कहा जा सकता है कि यहां पर आरक्षण की सीमा बढ़ाना नितांत जरूरी है और इसकी मांग हम लोग कर रहे हैं.
मनोज झा ने कहा कि बिहार पहला ऐसा राज्य है जिसने जातीय गणना करवाया. इसके साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण भी करवाया है. इसकी रिपोर्ट आज रिलीज भी की गई है. इस रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि अभी भी पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित और महादलित समाज के जो लोग हैं, निश्चित तौर पर आर्थिक रूप से काफी पिछड़े हुए हैं. आप खुद बताइए कि अभी जो रिपोर्ट बिहार सरकार ने बनाया है. उसमें क्या कुछ आया है.
'आरजेडी शुरू से आरक्षण बढ़ाने की पक्षधर' : एक बार फिर से मनोज झा ने कहा कि हम चाहते हैं की राष्ट्रीय जनता दल जो पहले से सोच रखती थी कि बिहार में भी आरक्षण की सीमा बढ़ाया जाए. निश्चित तौर पर इस सोच पर हम लोग कायम है. हम लोग सरकार में रहकर भी बिहार सरकार से यह मांग करते हैं कि जल्द से जल्द बिहार में आरक्षण की सीमा को 70% तक की जाए. इससे कि समाज के वैसे लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सकेगा जो अभी तक समाज की अंतिम पंक्ति पर खड़े होकर विकास की राह देख रहे हैं.
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