बक्सर: देश में 'कोविड-19' का कहर जारी है. एक महीने से अधिक समय से देश में लगे लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूरी करने वालों से लेकर सड़क किनारे छोटे-छोटे रोजगार कर परिवार का भरण पोषण करने वाले लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वैश्विक आपदा की इस घड़ी में गरीबों की मदद करने वाले समाजसेवी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी बजट बिगड़ने लगा है, जिसके कारण वैसे लोग जिसके पास ना तो राशन कार्ड है और ना ही लेबर कार्ड उनको अब मदद नहीं पहुंच पा रही है.
लोगों की परेशानियों को देखते हुए जिला आपदा पदाधिकारी प्रभात कुमार और अंचलाधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने नगर परिषद क्षेत्र में घूम-घूमकर झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया. इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
क्या कहते हैं लोग
झोपड़पट्टी में रहकर जीवनयापन करने वाले लोगों ने बताया कि लॉकडाउन से पहले सड़क किनारे दातून और सत्तु बेचने के साथ ही लोगों के घरों में काम करके जो पैसा मिलता था, उससे पूरे परिवार का गुजारा होता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद रोजगार बंद होने के साथ ही लोगों ने अपने घरों में काम देना भी बंद कर दिया, जिसके कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. परेशानियां बहुत थी, लेकिन अधिकारियों के द्वारा राहत सामग्री दी गई है. आज कई दिनों बाद भरपेट पूरा परिवार खाना खाएगा.
रोजगार बंद होने से लोग परेशान
लोगों के बीच राहत सामग्री लेकर पहुंचे आपदा पदाधिकारी प्रभात कुमार ने कहा कि लंबे समय से लॉकडाउन लगे होने के कारण लोगों के रोजगार धंधे बंद हो गए हैं. उनकी परेशानियों को देखते हुए आपदा विभाग द्वारा हर संभव इनकी मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि लोगों से अपील है कि घरों में रहकर लॉकडाउन का पालन करें. हर संभव मदद उनके घर तक आपदा विभाग के द्वारा पहुंचाया जाएगा.
बता दें कि जिला प्रशासन के द्वारा युद्धस्तर पर वैसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जिसके पास ना तो राशन कार्ड है और ना ही लेबर कार्ड, ताकि तत्काल उनको मदद पहुंचाई जा सके.