पटना: बिहार में लोकसभा चुनाव बीजेपी और जेडीयू ने कंधे से कंधे मिलाकर लड़ते हुए भारी सफलता हासिल की. कल पीएम मोदी के संग उनके मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने भी शपथ लिया. लेकिन जिस बात की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है वो है मोदी मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल होने के इनकार करना. जदयू ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के बजाए बाहर से समर्थन करने की बात कही है.
असल में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने वाली जेडीयू को एक मंत्री पद मिल रहा था. इसके लिए जेडीयू तैयार नहीं थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक कर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला लिया. हालांकि केंद्र की मोदी सरकार को बाहर से समर्थन करेंगे. जेडीयू की तरफ से पटना में जश्न की पूरी तैयारी हो गई थी. लेकिन शपथ नहीं लेने की जानकारी मिलते ही मंत्री बनने वाले नेताजी के आवास पर मायूसी छा गई है.
JDU कार्यकर्ताओं में मायूसी और नाराजगी
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू की तरफ तीन मंत्रियों के लिए जगह मांगी गई. लेकिन बीजेपी नेतृत्व एक पद से ज्यादा देने को तैयार नहीं हुई. जिसके कारण सीएम के करीबी जेडीयू राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह और ललन सिंह मंत्री बनते-बनते रह गए. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से डेरा भी डाले हुए थे. लेकिन इस खबर के बाद कार्यकर्ताओं में नाराजगी के साथ-साथ मायूसी भी है. हालांकि यह भी उम्मीद है कि आगे कुछ रास्ता निकलेगा. क्योंकि बिहार में बीजेपी और जदयू की सरकार है.
आरसीपी सिंह के लिए यह पहला मौका नहीं है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पाते-पाते रह गए. इससे पहले बिहार में जेडीयू-बीजेपी के बीच गठबंधन होने के बाद मोदी सरकार पार्ट वन में आरसीपी सिंह सिंह मंत्री बनने से चूक गये थे. इस बार भी दुर्भाग्यवश आरसीपी मंत्री नहीं बन पाए हैं. आरसीपी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से उनके पटना स्थित आवास पर सन्नाटा पसरा हुआ है. मंत्री नहीं बनने से उनके समर्थकों के बीच मायूसी छा गयी है. बिहार में कितना पड़ेगा असर?
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल नहीं होने के इस फैसले का बिहार में कितना असर पड़ता है ये देखना होगा. हालांकि नीतीश कुमार ने कहा है कि इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. मजबूती के साथ बिहार में एनडीए की सरकार चलेगी. केंद्र में भी हमारा समर्थन जारी रहेगा.