पटना: बिहार का बहुप्रतीक्षित इकलौता जू सफारी (Zoo Safari) बहुत जल्द शुरू होने वाला है. वर्ष 2017 में शुरू हुए जू सफारी के निर्माण कार्य को करीब-करीब पूरा कर लिया गया है. अब सेन्ट्रल जू अथॉरिटी की हरी झंडी मिलने के साथ ही अगले कुछ दिनों में लोगों के लिए इसे खोला जाएगा. यह प्रोजेक्ट पिछले वर्ष ही पूरा होने वाला था. इस बारे में बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह 'बबलू' (Minister Neeraj Singh 'Bablu') ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत भी की है.
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राजगीर बिहार में पर्यटकों का नया हॉटस्पॉट बनने जा रहा है. यहां बहुत जल्द राज्य का पहला जू सफारी दर्शकों के लिए खुलने वाला है. राजगीर की हसीन वादियों में जू सफारी का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. हालांकि इसे वर्ष 2020 के अगस्त महीने में ही दर्शकों के लिए खोला जाना था. लेकिन कोविड-19 की वजह से तब निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया था.
इस वर्ष की शुरुआत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजगीर में नेचर सफारी पार्क और इसके अंदर स्काईवॉक का उद्घाटन कर चुके हैं. अब सबकी नजरें जू सफारी पर हैं. क्योंकि यहां का बड़ा अट्रैक्शन खतरनाक जंगली जानवर होंगे. जो खुले में घूमेंगे. जबकि उन्हें देखने के लिए दर्शक बख्तरबंद गाड़ियों में सफर करेंगे.
बता दें कि करीब 191 हेक्टेयर में बने जू सफारी पर कुल करीब 176 करोड़ रुपए की लागत आई है. बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह 'बबलू' ने ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में जू सफारी को लेकर कई अहम जानकारियां दी हैं.
'काफी पहले यहां शाकाहारी जानवरों को लाया गया था. लेकिन मांसाहारी जानवरों को लाने की प्रक्रिया कोरोना महामारी की वजह से पूरी नहीं हो पाई थी. कोरोना संक्रमण की वजह से देश के अन्य राज्यों से पशुओं को लाने में परेशानी हो रही है. हैदराबाद जू में जानवरों के बीच कोरोना की खबर के बाद जानवरों के आदान-प्रदान पर भी रोक लगा दी गई थी. फिलहाल शेर, बाघ, तेंदुआ समेत अन्य जानवरों को पटना चिड़ियाघर से राजगीर शिफ्ट किया गया है. जू सफारी में अब फिनिशिंग का काम चल रहा है. बहुत जल्द मुख्यमंत्री से समय लेकर अगले कुछ महीने में इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा.' -नीरज कुमार सिंह 'बबलू', वन एवं पर्यावरण मंत्री
उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों के लिए राजगीर जू सफारी आकर्षण का केंद्र बनेगा. इस सफारी में लोग शेर, बाघ, तेंदुआ और भालू के अलावा हिरण, चीतल और सांभर को देख पाएंगे. इनके अलावा विभिन्न प्रकार की चिड़ियों की कई प्रजातियां यहां देखने को मिलेंगी. वहीं बटरफ्लाई पार्क भी दर्शकों के लिए अलग आकर्षण का केंद्र बनेगा.
बिहार में इस वर्ष 5 करोड़ पौधे लगाने का काम वन पर्यावरण विभाग कर रहा है. वन पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि करीब 70 फीसदी पौधे लग चुके हैं. बहुत जल्द पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य पूरे हो जाएंगे. यहीं नहीं, वन विभाग में अलग से इको टूरिज्म विंग के लिए सारी तैयारियां हो रही हैं.
जू सफारी के बारे में आपको बता दें कि इसे बनाने में कुल 176 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रहा है. इसका कुल क्षेत्रफल 191 हेक्टेयर है. 45.62 हेक्टेयर में हिरण, चीतल और सांभर सफारी होगी. 20.63 हेक्टेयर में तेंदुआ सफारी, 20.60 हेक्टेयर में भालू सफारी, 20.54 हेक्टेयर में शेर सफारी, 20.50 हेक्टेयर में बाघ सफारी, 10.74 हेक्टेयर में बर्ड एवियरी, 0.38 हेक्टेयर में बटरफ्लाई पार्क होगा.
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