पटना: बिहार में शराबबंदी कानून (Prohibition Law in Bihar) के बीच पुलिसिया कार्रवाई और मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड को लेकर (RJD Protest In Vidhan mandal) राष्ट्रीय जनता दल ने आज विधान परिषद में प्रदर्शन किया है. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में आरजेडी के विधान पार्षदों ने सदन पोर्टिको में कार्यवाही शुरू होने के पहले प्रदर्शन किया है. वहीं, राबड़ी देवी ने मुजफ्फरपुर मोतियाबिद कांड को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे काे (Rabri demands resignation from Mangal Pandey) इस्तीफा देना चाहिए है.
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पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुजफ्फरपुर कांड पर हमला करते हुए कहा, 'इस सरकार में कोई सुरक्षित नहीं है. एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री दावा करते हैं कि मेरे जैसा कोई मंत्री ही नहीं है. दूसरी तरफ उनके रहते इतने लोगों की आंखों की रोशनी चली गई. इसके लिए जिम्मेदार कौन है? स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए.'
'इस मामले की जांच होनी चाहिए. यह जांच हो कि आखिर किस नौसिखिया आदमी ने इतने लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया. जिससे उनकी आंखों की रोशनी चली गई. साथ ही आंख निकालने की नौबत आ गयी. हर पीड़ित परिवार को मुआवाजा मिलना चाहिए.' :- राबड़ी देवी, पूर्व मुख्यमंत्री
वहीं इस पूरे मामले पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि जो भी घटना हुई है, वह अत्यंत चिंताजनक है. सरकार इस मामले को लेकर पूरी तरह गंभीर है. जिला प्रशासन ने सूचना मिलते ही कार्रवाई की है. इस मामले में जो भी नियमानुकूल कार्रवाई है, जरूर होगी.
दरअसल, मुजफ्फरपुर में आंख के ऑपरेशन के बाद लापरवाही के चलते दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. कई लोगों की आंखें भी निकालनी पड़ीं. मिल रही जानकारी के मुताबिक 25 लोगों की आंख की रोशनी चली गई. 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी हैं. पूरे घटना को बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीरता से लिया है और जांच की बात कही है.
बताते चलें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन असफल होने के कारण 25 लोगों की आंखें खराब (Many people Lost Eyes in Muzaffarpur) हो गईं. अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि अब तक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी हैं. बाकी लोगों की आंखों में भी दर्द, जलन और दिखाई नहीं देने की समस्या अभी बरकरार है. ऐसे में SKMCH के नेत्र विभाग के डॉ. मनोज मिश्रा ने बताया कि आज आधा दर्जन और मरीजों की आंखें निकाली जाएंगी. आंख निकालने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 13 हो जाएगी.
यह पूरा मामला जिले के जुरण छपरा स्थित आई हॉस्पिटल का है. बीते 22 नवंबर को अस्पताल में विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इस दौरान दर्जनों महिला-पुरुषों ने अपनी आंखों का ऑपरेशन कराया था. लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही (Negligence of Eye Hospital in Muzaffarpur) ने उन्हें हमेशा के लिए अंधा बना दिया.
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