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राजधानी में बढ़ी पुलिस टीम पर हमले की घटना, सभी अनुमंडल में तैनात होगी क्यूआरटी टीम - क्विक रिस्पांस टीम

बिहार में कानून व्यवस्था (Law and Order in Bihar) को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच हालिया दिनों में पुलिस पर हमले (Attack On police Police in Bihar) की घटनाएं भी बढ़ गई हैं. हालांकि पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (Police Headquarters ADG Jitendra Singh Gangwar) ने कहा कि आम पब्लिक को पुलिस की मदद करनी चाहिए ना कि पुलिस पर हमले करने चाहिए.

Attack On police Police in Bihar
Attack On police Police in Bihar
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Published : Jan 15, 2022, 3:32 PM IST

पटना: इन दिनों अपराधियों का हौसला इतना बुलंद हो गया है कि बिहार में पुलिस पर हमला (Attack On police Police in Bihar) बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार देर शाम नशे में युवक को पकड़ने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी. जिसके बाद पुलिस के चुंगल से युवक को छुड़ा ले गए. दरअसल मसौढ़ी के भगवान गंज और दुल्हिन बाजार की सीमा पर स्थित देवरिया पुलिस से पश्चिमी दुल्हिन बाजार थाना क्षेत्र में भगवान गंज के हसनपुरा और खैनिया के युवकों के बीच मारपीट हो गई. जिससे दोनों पक्ष के द्वारा एक पत्थर चलाने लगे.

ये भी पढ़ें: वैशाली का बिकरू कांड: तलवार से 7 पुलिसकर्मियों को काटा, 11 घायल, कई राउंड फायरिंग

सूचना मिलते ही पहुंची दुल्हिन बाजार पुलिस ने नशे की हालत में युवक को पकड़ लिया, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर युवक को पुलिस के चंगुल से छुड़ा लिया. यही नहीं 2 दिन पहले राजधानी पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र के चांगर इलाके में दो दर्जन लोगों ने नालंदा पुलिस की टीम पर हमला कर ठगी के आरोपी को छुड़ा लिया है. स्थानीय लोगों ने एसआई का सिर फोड़ दिया. वहीं पुलिस की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और पुलिस के राइफल खींचने का प्रयास किया गया है.

हाल के दिनों की बात करें तो बिहार पुलिस पर कई हमला हो चुका है. उनमें से कुछ बड़ी घटनाएं भी घटित हुई है. आपको बता दें कि साल 2018 के सितंबर माह में राजधानी पटना के गर्दनीबाग में शराब तस्करों को पकड़ने गई पुलिस पर हमला कर दिया गया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. साल 2019 के मार्च महीने में बाढ़ के सकरी हाल्ट के पास शराब तस्करों ने पुलिस की टीम पर हमला किया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

साल 2019 के अगस्त महीने में खेड़ी मोड़ थाना पुलिस पर हमला थानेदार सहित चार जवान जख्मी हुए थे. 8 जनवरी 2020 को गौरीचक थाना पुलिस पर शराब तस्करों को छुड़ाने के लिए पुलिस पर हमला किया गया था. राजधानी पटना के जक्कनपुर पुलिस पर साल 2020 के सितंबर माह में हमला किया गया था. जिसमें एक एएसआई की पिटाई और फायरिंग की गई थी. 2021 के जून माह में दीघा थाना पुलिस पर शराब तस्करों ने हमला किया था. इसमें कुछ पुलिस के जवानों को पिटाई भी की गई थी. वहीं राजधानी पटना के परसा बाजार थाना की टीम पर साल 2021 के जून माह में ही शराब तस्करों द्वारा हमला किया गया था. साल 2021 के जून माह में ही है. रानी तालाब पुलिस से वारंटी को छुड़ाने के लिए हमला किया गया था. इसमें पुलिस की राइफल भी छीन ली गई थी. साल 2021 के अक्टूबर माह में फिर पुलिस पर ग्रामीणों का हमला हुआ, जिसमें थानेदार सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे.

आपको बता दें कि पिछले डेढ़ साल के अंदर लगभग दर्जनों ऐसे मामले घटित हुए हैं, जिसमें पुलिस पर हमले हो चुके हैं. इनमें ज्यादातर वारंटी की गिरफ्तारी और शराब मामले में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस पर हमले हुए हैं. जिसमें लगभग दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. ज्यादातर मामलों में पुलिस शराब माफियाओं यह तस्करों को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर हमले हुए हैं. दरअसल बिहार पुलिस इन दिनों अभियान चलाकर शराब तस्करों और माफियाओं की गिरफ्तारी कर रहा है, जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: अपराधी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर तलवार से हमला, सात घायल

हिंसक घटना के पीछे कहीं ना कहीं पुलिस बल की कमी कारण माना जा रहा है. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लेकर घटनास्थल पर नहीं जाने की वजह से ऐसी घटना हुई है. दरअसल घटनास्थल पर पहुंचने के बाद आपात स्थिति में कई बार पुलिस बल को बुलाया गया है, लेकिन घटनास्थल पर पुलिस बल पहुंचते-पहुंचते उग्र भीड़ के द्वारा पुलिस पर ही हमले हो चुके हैं. ऐसी घटनाओं के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय सजग हो गई है.

पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (Police Headquarters ADG Jitendra Singh Gangwar) ने टेलीफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी या अन्य मामलों में छापेमारी के दौरान पुलिस पर लगातार हमले हो रहे हैं, जो कि कहीं से भी सही नहीं है. आम पब्लिक को पुलिस की मदद करनी चाहिए ना कि पुलिस पर हमले करने चाहिए. ऐसी घटनाओं की वृद्धि को देखते हुए पटना के सभी अनुमंडल में एक-एक क्विक रिस्पांस टीम (Quick Response Team) तैनात की जाएगी, जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित 10 जवान तैनात रहेंगे और छापेमारी यह गिरफ्तारी के लिए उस अनुमंडल के पुलिस के साथ यह क्यूआरटी टीम भी जाएंगे. इसमें महिला पुलिस को भी शामिल किया जाएगा.

पुलिस मुख्यालय ने गिरफ्तारी या वारंटी करने जा रही पुलिस को पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लेकर जाने का निर्देश दिया है, ताकि इस तरह की घटनाएं घटित ना हो सके. इसके साथ-साथ उन्होंने बताया है कि जो लोग भी कानून को हाथ में ले रहे हैं, उन को बख्शा नहीं जाएगा. स्पीडी ट्रायल करवा कर उन्हें सजा दिलाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसा गलती करने से पहले उन्हें सबक मिल सके.

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पटना: इन दिनों अपराधियों का हौसला इतना बुलंद हो गया है कि बिहार में पुलिस पर हमला (Attack On police Police in Bihar) बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार देर शाम नशे में युवक को पकड़ने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने पत्थरबाजी करनी शुरू कर दी. जिसके बाद पुलिस के चुंगल से युवक को छुड़ा ले गए. दरअसल मसौढ़ी के भगवान गंज और दुल्हिन बाजार की सीमा पर स्थित देवरिया पुलिस से पश्चिमी दुल्हिन बाजार थाना क्षेत्र में भगवान गंज के हसनपुरा और खैनिया के युवकों के बीच मारपीट हो गई. जिससे दोनों पक्ष के द्वारा एक पत्थर चलाने लगे.

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सूचना मिलते ही पहुंची दुल्हिन बाजार पुलिस ने नशे की हालत में युवक को पकड़ लिया, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर युवक को पुलिस के चंगुल से छुड़ा लिया. यही नहीं 2 दिन पहले राजधानी पटना के कंकड़बाग थाना क्षेत्र के चांगर इलाके में दो दर्जन लोगों ने नालंदा पुलिस की टीम पर हमला कर ठगी के आरोपी को छुड़ा लिया है. स्थानीय लोगों ने एसआई का सिर फोड़ दिया. वहीं पुलिस की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और पुलिस के राइफल खींचने का प्रयास किया गया है.

हाल के दिनों की बात करें तो बिहार पुलिस पर कई हमला हो चुका है. उनमें से कुछ बड़ी घटनाएं भी घटित हुई है. आपको बता दें कि साल 2018 के सितंबर माह में राजधानी पटना के गर्दनीबाग में शराब तस्करों को पकड़ने गई पुलिस पर हमला कर दिया गया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. साल 2019 के मार्च महीने में बाढ़ के सकरी हाल्ट के पास शराब तस्करों ने पुलिस की टीम पर हमला किया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे.

साल 2019 के अगस्त महीने में खेड़ी मोड़ थाना पुलिस पर हमला थानेदार सहित चार जवान जख्मी हुए थे. 8 जनवरी 2020 को गौरीचक थाना पुलिस पर शराब तस्करों को छुड़ाने के लिए पुलिस पर हमला किया गया था. राजधानी पटना के जक्कनपुर पुलिस पर साल 2020 के सितंबर माह में हमला किया गया था. जिसमें एक एएसआई की पिटाई और फायरिंग की गई थी. 2021 के जून माह में दीघा थाना पुलिस पर शराब तस्करों ने हमला किया था. इसमें कुछ पुलिस के जवानों को पिटाई भी की गई थी. वहीं राजधानी पटना के परसा बाजार थाना की टीम पर साल 2021 के जून माह में ही शराब तस्करों द्वारा हमला किया गया था. साल 2021 के जून माह में ही है. रानी तालाब पुलिस से वारंटी को छुड़ाने के लिए हमला किया गया था. इसमें पुलिस की राइफल भी छीन ली गई थी. साल 2021 के अक्टूबर माह में फिर पुलिस पर ग्रामीणों का हमला हुआ, जिसमें थानेदार सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे.

आपको बता दें कि पिछले डेढ़ साल के अंदर लगभग दर्जनों ऐसे मामले घटित हुए हैं, जिसमें पुलिस पर हमले हो चुके हैं. इनमें ज्यादातर वारंटी की गिरफ्तारी और शराब मामले में अतिक्रमण हटाने गई पुलिस पर हमले हुए हैं. जिसमें लगभग दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. ज्यादातर मामलों में पुलिस शराब माफियाओं यह तस्करों को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर हमले हुए हैं. दरअसल बिहार पुलिस इन दिनों अभियान चलाकर शराब तस्करों और माफियाओं की गिरफ्तारी कर रहा है, जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ रहा है.

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हिंसक घटना के पीछे कहीं ना कहीं पुलिस बल की कमी कारण माना जा रहा है. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लेकर घटनास्थल पर नहीं जाने की वजह से ऐसी घटना हुई है. दरअसल घटनास्थल पर पहुंचने के बाद आपात स्थिति में कई बार पुलिस बल को बुलाया गया है, लेकिन घटनास्थल पर पुलिस बल पहुंचते-पहुंचते उग्र भीड़ के द्वारा पुलिस पर ही हमले हो चुके हैं. ऐसी घटनाओं के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय सजग हो गई है.

पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (Police Headquarters ADG Jitendra Singh Gangwar) ने टेलीफोनिक बातचीत के दौरान बताया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी या अन्य मामलों में छापेमारी के दौरान पुलिस पर लगातार हमले हो रहे हैं, जो कि कहीं से भी सही नहीं है. आम पब्लिक को पुलिस की मदद करनी चाहिए ना कि पुलिस पर हमले करने चाहिए. ऐसी घटनाओं की वृद्धि को देखते हुए पटना के सभी अनुमंडल में एक-एक क्विक रिस्पांस टीम (Quick Response Team) तैनात की जाएगी, जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित 10 जवान तैनात रहेंगे और छापेमारी यह गिरफ्तारी के लिए उस अनुमंडल के पुलिस के साथ यह क्यूआरटी टीम भी जाएंगे. इसमें महिला पुलिस को भी शामिल किया जाएगा.

पुलिस मुख्यालय ने गिरफ्तारी या वारंटी करने जा रही पुलिस को पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लेकर जाने का निर्देश दिया है, ताकि इस तरह की घटनाएं घटित ना हो सके. इसके साथ-साथ उन्होंने बताया है कि जो लोग भी कानून को हाथ में ले रहे हैं, उन को बख्शा नहीं जाएगा. स्पीडी ट्रायल करवा कर उन्हें सजा दिलाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसा गलती करने से पहले उन्हें सबक मिल सके.

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