पटना: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात को निधन हो गया. मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश के तमाम राजनीतिक दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी है और अपने-अपने तरीके से उनको याद कर रहे हैं. डॉ मनमोहन सिंह का राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ गहरा लगाव था.
बिहार के लिए खोल दिया था खजाना: लालू प्रसाद यादव ने मनमोहन सिंह को बिहार का हितैषी बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर लंबा पोस्ट लिखा है कि 𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟏𝟒 के बीच उन्होंने बिहार और भारत को बेहतरीन एवं फलदायक वर्ष अथवा यूं कहे कि स्वर्णिम दशक दिया.उन्होंने 𝟐𝟎𝟎𝟒 से 𝟐𝟎𝟎𝟗 के बीच कैसे उनके कहने पर मनमोहन सिंह बिहार आए और एक लाख करोड़ से अधिक की राशि राज्य को दी थी.
आदरणीय पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का दुखद समाचार सुना। सरदार मनमोहन सिंह जी ईमानदारी, सादगी, सज्जनता, सरलता, विनम्रता, बुद्धिमत्ता व दूरदर्शिता की प्रतिमूर्ति थे। आर्थिक उदारीकरण के शिल्पकार सरदार मनमोहन सिंह ने आधुनिक व स्वावलंबी भारत की नींव रखी।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) December 26, 2024
उनका जाना एक… pic.twitter.com/CuDwRq6XXJ
मनमोहन सरकार का हिस्सा: दरअसल, 2004 लोकसभा चुनाव में केंद्र में अटल बिहारी बाजपेयी नेतृत्व में एनडीए सरकार को बहुमत नहीं मिला. 2004 में देश में डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए वन की सरकार का गठन हुआ था. उसे सरकार में कांग्रेस के प्रमुख घटक दलों में आरजेडी शामिल था.
लालू प्रसाद रेल मंत्री बने: मनमोहन सिंह के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कैबिनेट के कद्दावर मंत्रियों में से एक थे. लालू प्रसाद देश के रेल मंत्री बने. यूपीए की जब तक सरकार रही लालू प्रसाद यादव का तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के साथ बेहतर संबंध रहा.
कोशी पीड़ितों के दर्द देखने पहुंचे मनमोहन: वरिष्ठ पत्रकार सुनील पांडेय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और लालू प्रसाद यादव के बेहतर रिश्तों की बात साझा करते हुए बताया कि 2008 में बिहार में बहुत बड़ा कुसहा त्रासदी हुआ था. कोसी नदी का तटबंध सुपौल के कुसहा में टूटा था सुपौल सहरसा सहित पूरा कोशी और मिथिलांचल में भयंकर बाढ़ आई थी.
पूर्णिया एयरपोर्ट पर 1000 करोड़ रुपए देने का ऐलान: लालू प्रसाद ने बिहार में आए इस त्रासदी के बारे में प्रधानमंत्री से बात कि प्रधानमंत्री ने बिना देर किए बिहार का एरिया सर्वे करने का निर्णय लिया. पूरा बाढ़ प्रभावित इलाकों का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सर्वेक्षण किया इसके बाद पूर्णिया एयरपोर्ट पर उन्होंने बार पीड़ितों के लिए तत्काल 1000 करोड़ रुपए की सहायता और सवा लाख टन अनाज भी देने की घोषणा की.
बिहार के लिए रेलवे में योगदान: डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद ने अनेक योजनाओं को मंजूर करवाया. वरिष्ठ पत्रकार इंद्रभूषण ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बिहार में रेलवे की तीन बड़ी योजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई. छपरा के मरहौरा और बेला में एवं मधेपुरा में रेलवे के कारखाने की मंजूरी दी गई.
छपरा-मधेपुरा में रेल पहिए का कारखाना: लालू प्रसाद की पहल पर छपरा एवं मधेपुरा में रेल पहिए का कारखाना खोला गया. मधेपुरा एवं छपरा से लालू प्रसाद सांसद रह चुके थे. इसीलिए इन दोनों जिलों में रेलवे के प्रोजेक्ट को लेकर लालू प्रसाद के अनुरोध को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंजूरी दी और बिहार को बड़ा सौगात मिला.
"डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में भी दो बड़े काम शुरू हुए. इसमें भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का अहम रोल रहा. बिहार सरकार ने नालंदा में नालंदा विश्वविद्यालय की फिर से स्थापना करने का निर्णय लिया था."- इंद्रभूषण, वरिष्ठ पत्रकार
बोधगया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मंजूरी मिली: वरिष्ठ पत्रकार इंद्रभूषण ने बताया कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होना था इसीलिए नालंदा विश्वविद्यालय के अधिनियम डॉ मनमोहन सिंह के ही कार्यकाल में पास हुआ था. इसके अलावा बोधगया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की बात हुई थी. बोधगया में बनने वाले सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मंजूरी डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही हुआ था.
मनमोहन सिंह का बिहार से लगाव: वरिष्ठ पत्रकार इंद्रभूषण ने बताया कि डॉ मनमोहन सिंह और लालू प्रसाद का संबंध बहुत ही बेहतर था. यही कारण है कि प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल में तीन बार बिहार आए. पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में डॉक्टर मनमोहन सिंह 27 जुलाई 2004 को पटना आए थे. उसे समय बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग उठने लगी थी.
मनमोहन के बिहार दौरा में लालू की भूमिका: जुलाई 2007 मैं डॉ मनमोहन सिंह बिहार आए थे वह पटना में नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अध्यक्षता की थी. इसके बाद 2008 में कुसहा त्रासदी के दौरान बिहार का दौरा किया था और बाढ़ पीड़ितों को विशेष सहायता का ऐलान किया था. वरिष्ठ पत्रकार इंद्रभूषण बताते हैं कि प्रधानमंत्री के सभी दौरों में लालू प्रसाद की भूमिका रही है.
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