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पटना: कैदी की मौत मामले में एक्सआज विभाग और जेल प्रशासन ने रखा अपना पक्ष, आखिर कैसे हुई रमेश की मौत - शराब बरामद

पीएमसीएच में राजेश पांडे की कथित तौर पर एक्साइज विभाग के पुलिसकर्मियों के पिटाई के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी. वहीं सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि आखिरकार राजेश की पिटाई एक्साइज विभाग के पुलिसकर्मियों ने की है या फिर जेल प्रशासन के अंदर मौजूद जेल प्रशासन के पुलिस कर्मियों के द्वारा.

कैदी की मौत
कैदी की मौत
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Published : Dec 1, 2020, 10:58 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 5:37 PM IST

पटना: पीएमसीएच में बीते शनिवार को बस खलासी का काम करने वाले राजेश पांडे की कथित तौर पर एक्साइज विभाग के पुलिसकर्मियों के पिटाई के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर शिविर मंडल कारा फुलवारी और सहायक आयुक्त कार्यालय मध निषेध विभाग की ओर से जिलाधिकारी को अपनी अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई है.

देखें रिपोर्ट

गहरे निशान दे रहे हैं पिटाई के गवाही
वहीं, इस मामले में रजेश पांडे की मौत के बाद पटना के पीएमसीएच के पोस्टमार्टम रूम के बाहर पड़े रमेश के शरीर पर जख्म के दाग चीख-चीख कर यह कह रही है कि उसकी पिटाई तो जरूर हुई है. लेकिन इस पोस्टमार्टम के लिए प्रतिनियुक्त एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट को राजेश के पीठ पर एक भी जख्म के दाग नहीं दिखे. मजिस्ट्रेट को उसका पैर भी नहीं देखा जिस पर रस्सी के गहरे निशान रमेश को उल्टे टांग कर पिटाई करने की गवाही दे रहा है.

झोले से हुआ शराब बरामद
वहीं उत्पाद विभाग ने पटना जिला अधिकारी को दी गई रिपोर्ट में रमेश को जेल भेजे जाने तक पूरी तरह से स्वस्थ बताया है. कार्यालय सहायक आयुक्त मध्य निषेध विभाग ने जिलाधिकारी पटना को दिए गए अपने रिपोर्ट में यह साफ तौर से बताया गया है कि 23 नवंबर को 4:45 में गुप्त सूचना के आधार पर गायघाट के नहर पर छापेमारी के क्रम में अभियुक्त राजेश पांडे की विधिवत तलाशी ली गई. जहां तलाशी के दौरान दाहिने हाथ में मौजूद झोले के अंदर तीन प्लास्टिक के थैले से लगभग 15 लीटर अवैध चुलाई की शराब राजेश पांडे के झोले से बरामद की गई थी.

इलाज के दौरान मौत
तो वहीं दूसरी ओर पटना के फुलवारी कारा प्रशासन ने भी यह स्वीकार किया है कि रजेश पांडे 24 नवंबर को फुलवारी जेल पहुंचा था. जहां 27 नवंबर को उसे ब्रेथलेस वीकनेस की समस्या और अन्य कई एल्कोहलिक समस्याएं होने के कारण कारा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा राजेश को पटना के पीएमसीएच भेज कर इलाज कराने की अनुशंसा की गई. जहां 29 नवंबर को 7:12 पर पीएमसीएच में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जेल प्रशासन ने यहां अपने रिपोर्ट में यह भी जानकारी नहीं दी है की जेल में एंट्री के समय राजेश के शरीर पर जख्म के निशान थे या नहीं.

पुलिस पर उठे सवाल
हालांकि, परिजन साफ तौर से आरोप लगा रहे हैं कि राजेश पांडे की मौत का कारण पुलिस द्वारा उसकी पिटाई के कारण ही हुआ है. लेकिन यहां सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि आखिरकार राजेश की पिटाई एक्साइज विभाग के पुलिसकर्मियों ने की है या फिर जेल प्रशासन के अंदर मौजूद जेल प्रशासन के पुलिस कर्मियों के द्वारा.

पटना: पीएमसीएच में बीते शनिवार को बस खलासी का काम करने वाले राजेश पांडे की कथित तौर पर एक्साइज विभाग के पुलिसकर्मियों के पिटाई के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले को लेकर शिविर मंडल कारा फुलवारी और सहायक आयुक्त कार्यालय मध निषेध विभाग की ओर से जिलाधिकारी को अपनी अपनी रिपोर्ट सौंप दी गई है.

देखें रिपोर्ट

गहरे निशान दे रहे हैं पिटाई के गवाही
वहीं, इस मामले में रजेश पांडे की मौत के बाद पटना के पीएमसीएच के पोस्टमार्टम रूम के बाहर पड़े रमेश के शरीर पर जख्म के दाग चीख-चीख कर यह कह रही है कि उसकी पिटाई तो जरूर हुई है. लेकिन इस पोस्टमार्टम के लिए प्रतिनियुक्त एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट को राजेश के पीठ पर एक भी जख्म के दाग नहीं दिखे. मजिस्ट्रेट को उसका पैर भी नहीं देखा जिस पर रस्सी के गहरे निशान रमेश को उल्टे टांग कर पिटाई करने की गवाही दे रहा है.

झोले से हुआ शराब बरामद
वहीं उत्पाद विभाग ने पटना जिला अधिकारी को दी गई रिपोर्ट में रमेश को जेल भेजे जाने तक पूरी तरह से स्वस्थ बताया है. कार्यालय सहायक आयुक्त मध्य निषेध विभाग ने जिलाधिकारी पटना को दिए गए अपने रिपोर्ट में यह साफ तौर से बताया गया है कि 23 नवंबर को 4:45 में गुप्त सूचना के आधार पर गायघाट के नहर पर छापेमारी के क्रम में अभियुक्त राजेश पांडे की विधिवत तलाशी ली गई. जहां तलाशी के दौरान दाहिने हाथ में मौजूद झोले के अंदर तीन प्लास्टिक के थैले से लगभग 15 लीटर अवैध चुलाई की शराब राजेश पांडे के झोले से बरामद की गई थी.

इलाज के दौरान मौत
तो वहीं दूसरी ओर पटना के फुलवारी कारा प्रशासन ने भी यह स्वीकार किया है कि रजेश पांडे 24 नवंबर को फुलवारी जेल पहुंचा था. जहां 27 नवंबर को उसे ब्रेथलेस वीकनेस की समस्या और अन्य कई एल्कोहलिक समस्याएं होने के कारण कारा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा राजेश को पटना के पीएमसीएच भेज कर इलाज कराने की अनुशंसा की गई. जहां 29 नवंबर को 7:12 पर पीएमसीएच में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जेल प्रशासन ने यहां अपने रिपोर्ट में यह भी जानकारी नहीं दी है की जेल में एंट्री के समय राजेश के शरीर पर जख्म के निशान थे या नहीं.

पुलिस पर उठे सवाल
हालांकि, परिजन साफ तौर से आरोप लगा रहे हैं कि राजेश पांडे की मौत का कारण पुलिस द्वारा उसकी पिटाई के कारण ही हुआ है. लेकिन यहां सवाल यह उठ खड़ा हो रहा है कि आखिरकार राजेश की पिटाई एक्साइज विभाग के पुलिसकर्मियों ने की है या फिर जेल प्रशासन के अंदर मौजूद जेल प्रशासन के पुलिस कर्मियों के द्वारा.

Last Updated : Dec 15, 2020, 5:37 PM IST
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