पटना: पीएमसीएच के नर्सिंग की छात्राएं आज 21वें दिन भी गर्दनीबाग धरना स्थल पर डटी (Protest of Nursing Students Continues For Demand of Hostel) हुई हैं. छात्राओं की मांग है कि उन्हें पटना में ही हॉस्टल मुहैया करवाया जाए, वह वैशाली नहीं जाएंगे. सरकार द्वारा पीएमसीएच के नर्सिंग छात्रों को वैशाली के राजापाकर में हॉस्टल की व्यवस्था किया गया है और वहीं पढ़ाई करने का फरमान भी जारी किया गया है. इसी के विरोध में पीएमसीएच के नर्सिंग की छात्राएं आंदोलन 21 दिन से आंदोलन कर रही है.
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नर्सिंग की छात्राओं का प्रदर्शन जारी: प्रदर्शन कर रही छात्राओं का साफ-साफ कहना है कि वे लोग पटना मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिए थे तो फिर वैशाली में जाकर पढ़ाई क्यों करेंगे. नर्सिंग की छात्राएं लगातार 10 दिनों से भूख हड़ताल पर भी है. इस दौरान कई छात्राओं की तबीयत भी खराब हुई है. उन्हें हॉस्पिटल में भी भर्ती करना पड़ा है. आज धरनास्थल पर बैठी नर्सिंग की छात्राओं ने स्वास्थ्य मंत्री के तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. छात्राओं का कहना है कि जब उनके लिए स्वास्थ्य मंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं, तो वे लोग यही समझ कर आज माल्यार्पण कर रहे हैं कि वह उनके लिए मर गए हैं.
"आज तक स्वास्थ्य मंत्री ने हम लोगों की बात का संज्ञान नहीं लिया. वह कहते हैं कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाकर बेटियों को आगे बढ़ाना है, लेकिन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हम लोगों के लिए अमंगल हैं. इसीलिए हम लोगों ने पोस्टर भी बनाया है और स्वास्थ्य मंत्री को अमंगल मानते हैं. वह हमारे हित की बात नहीं कर रहे हैं और लगातार हम लोग धरना स्थल पर भूख हड़ताल कर परेशान हो रहे हैं लड़कियां बीमार हो रही है लेकिन स्वास्थ्य मंत्री को कोई परवाह नहीं है."- पूनम कुमारी, नर्सिंग की छात्रा
"स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से हमारी बातों को संज्ञान नहीं ले रहा है. मजबूरन हम लोग भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. बावजूद इसके सरकार कुछ नहीं कर रही है."- प्रिया राज, नर्सिंग की छात्रा
"स्वास्थ्य मंत्री हमारे लिए मंगल कैसे हैं. वह तो हमारे लिए मंगल नहीं हैं, क्योंकि वह हमारी बात को सुनते ही नहीं हैं और यही सब सोचकर आज हम लोगों ने उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया है. वह हम लोगों के लिए मरे हुए हैं. क्योंकि आज तक हम लोगों के लिए वह कुछ नहीं सोच रहे हैं, तो ऐसे स्वास्थ्य मंत्री को लेकर क्या फायदा होगा."- प्रेरणा, नर्सिंग की छात्रा
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