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ऐसे तो ना हो पाएगा CM साहब ! पौधारोपण की राह में अतिक्रमण अड़ंगा - nitish kumar

बिहार पृथ्वी दिवस तक बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने के सीएम नीतीश कुमार के लक्ष्य पर ग्रहण लगता दिख रह रहा है. शहरी क्षेत्रों में पौधारोपण की गति काफी धीमी है. इसकी वजह शहरों में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है. पढ़ें रिपोर्ट...

पौधारोपण
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Published : Jul 24, 2021, 7:35 PM IST

पटनाः बिहार में जल, जीवन, हरियाली (Jal Jeevan Hariyali) कार्यक्रम के तहत पर्यावरण दिवस लेकर बिहार पृथ्वी दिवस (Bihar Earth Day) यानि 9 अगस्त तक 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. पौधारोपण के लिए पर्यावरण विभाग (Environment Department) के अलावा जीविका दीदियों और मनरेगा को जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण इस मुहिम में अड़ंगा बन रहा है.

इसे भी पढ़ें- वृक्षों के संरक्षण से लिए पटना नगर निगम का 'ऑपरेशन चबूतरा', वन विभाग ने सौंपी जिम्मेदारी

पूरे बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के तहत जीविका दीदियों को करीब 1.5 करोड़ और मनरेगा कर्मियों को दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है. जीविका दीदियों और मनरेगा कर्मियों को तो गांवों में पौधारोपण में आसानी हो रही है लेकिन अतिक्रमण की वजह से शहरी क्षेत्रों में पौधारोपण करना बड़ी समस्या है.

देखें वीडियो

"अतिक्रमण की वजह से शहरी इलाकों में पौधारोपण में काफी समस्याएं हो रही हैं. फुटकर दुकानदार और दूसरे तरह के लोगों के द्वारा ये समस्यां उत्पन्न हो रही हैं. हमारी कोशिश है कि उन्हें किसी दूसरे जगह पर शिफ्ट किया जाए, जिससे उनकी जीविका प्रभावित नहीं हो. इसके बाद पौधारोपण आसानी से हो सकेगा.-" तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री, बिहार

बिहार सरकार के पर्यावरण विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा है कि अर्बन प्लांटेशन को बढ़ावा देने के लिए लगातार नगर विकास विभाग के साथ संपर्क में हैं. उन्होंने बिहार के अन्य शहरों में पौधारोपण की स्थिति को दयनीय बताया है. मंत्री का कहना है कि अतिक्रमण हटाकर उस जगह पर पौधारोपण करने पर जोर दिया जा रहा है. इससे शहर का प्रदूषण स्तर काफी कम हो सकेगा.

इसे भी पढ़ें- बिहार पृथ्वी दिवस तक 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य, ग्रीन कवर बढ़ाने की राह में कितनी चुनौतियां?

"पटना और गया समेत बिहार के कुछ बड़े शहर वायु प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. इन शहरों में गाड़ियों की संख्या काफी है, जिस वजह से प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है. इसलिए शहरी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण जरूरी हो गया है. शहरी इलाकों में विकास कार्यों और अतिक्रमण की वजह से इस काम में समस्या हो रही है."- डॉ संजय कुमार, पर्यावरण विशेषज्ञ

शहरी इलाकों में पौधारोपण की धीमी गति होने का कारण नगर निगम का सहयोग नहीं मिलना भी बताया जाता है. पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और आरा समेत अन्य शहरों में अतिक्रमण की समस्या गंभीर है, जिस वजह से शहरी क्षेत्रों में पौधा लगाना काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.

इसे भी पढ़ें- विलुप्त हो रहे विशेष प्रजाति के पौधे को संरक्षण देने की तैयारी में जुटा निगम प्रशासन, विशेषज्ञों ने कहा- अच्छी पहल

बिहार में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. सरकार की ओर से सड़कों पर ग्रीन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों पर जोर दिया जा रहा है. इसी के तहत शनिवार को 50 नई सीएनजी बसों का परिचालन शुरू किया गया है. प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य कई प्रयास किए जा रहे हैं. जल जीवन हरियाली योजना के तहत पूरे बिहार में बड़ी संख्या में पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है.

पटनाः बिहार में जल, जीवन, हरियाली (Jal Jeevan Hariyali) कार्यक्रम के तहत पर्यावरण दिवस लेकर बिहार पृथ्वी दिवस (Bihar Earth Day) यानि 9 अगस्त तक 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. पौधारोपण के लिए पर्यावरण विभाग (Environment Department) के अलावा जीविका दीदियों और मनरेगा को जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण इस मुहिम में अड़ंगा बन रहा है.

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पूरे बिहार में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के तहत जीविका दीदियों को करीब 1.5 करोड़ और मनरेगा कर्मियों को दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है. जीविका दीदियों और मनरेगा कर्मियों को तो गांवों में पौधारोपण में आसानी हो रही है लेकिन अतिक्रमण की वजह से शहरी क्षेत्रों में पौधारोपण करना बड़ी समस्या है.

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"अतिक्रमण की वजह से शहरी इलाकों में पौधारोपण में काफी समस्याएं हो रही हैं. फुटकर दुकानदार और दूसरे तरह के लोगों के द्वारा ये समस्यां उत्पन्न हो रही हैं. हमारी कोशिश है कि उन्हें किसी दूसरे जगह पर शिफ्ट किया जाए, जिससे उनकी जीविका प्रभावित नहीं हो. इसके बाद पौधारोपण आसानी से हो सकेगा.-" तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री, बिहार

बिहार सरकार के पर्यावरण विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा है कि अर्बन प्लांटेशन को बढ़ावा देने के लिए लगातार नगर विकास विभाग के साथ संपर्क में हैं. उन्होंने बिहार के अन्य शहरों में पौधारोपण की स्थिति को दयनीय बताया है. मंत्री का कहना है कि अतिक्रमण हटाकर उस जगह पर पौधारोपण करने पर जोर दिया जा रहा है. इससे शहर का प्रदूषण स्तर काफी कम हो सकेगा.

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"पटना और गया समेत बिहार के कुछ बड़े शहर वायु प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. इन शहरों में गाड़ियों की संख्या काफी है, जिस वजह से प्रदूषण की समस्या गंभीर हो गई है. इसलिए शहरी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण जरूरी हो गया है. शहरी इलाकों में विकास कार्यों और अतिक्रमण की वजह से इस काम में समस्या हो रही है."- डॉ संजय कुमार, पर्यावरण विशेषज्ञ

शहरी इलाकों में पौधारोपण की धीमी गति होने का कारण नगर निगम का सहयोग नहीं मिलना भी बताया जाता है. पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और आरा समेत अन्य शहरों में अतिक्रमण की समस्या गंभीर है, जिस वजह से शहरी क्षेत्रों में पौधा लगाना काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.

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बिहार में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. सरकार की ओर से सड़कों पर ग्रीन फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों पर जोर दिया जा रहा है. इसी के तहत शनिवार को 50 नई सीएनजी बसों का परिचालन शुरू किया गया है. प्रदूषण को कम करने के लिए अन्य कई प्रयास किए जा रहे हैं. जल जीवन हरियाली योजना के तहत पूरे बिहार में बड़ी संख्या में पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है.

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