पटना: पर्व त्योहारों में फूलों का काफी महत्व है. लोग पूजा-पाठ में धूप, दीप और नैवेद्य के साथ फूलों को भी शामिल करते हैं. त्योहारों का समय शुरू हो गया है. जल्द ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर्व (Chhath Puja) आने वाला है. इसको लेकर फूल मंडी (Patna Flower Market) में भीड़ जुट रही है.
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दिवाली के दिन लोग लक्ष्मी पूजा और काली पूजा करते हैं. इसमें फूलों की ज्यादा जरूरत होती है. इसके साथ ही भैया दूज और गोवर्धन पूजा भी एक ही दिन होती है. इसमें भी फूलों की माला का इस्तेमाल होता है. पटना के लोग गुल मलमल नाम के फूल से पूजा करते हैं. इसे पटना के ग्रामीण क्षेत्र बिहटा, मनेर और मसौढ़ी से लोग लाकर फूल मंडी में बेचते हैं. लक्ष्मी पूजन में अपराजिता और गुल मेंहदी के फूल का इस्तेमाल होता है. लक्ष्मी पूजा के दिन कमल के फूल की भी बिक्री बढ़ जाती है. कमल का एक फूल 40 से 50 रुपये तक में बिकता है.
फूल मंडी में फूल बेचने वाले पवन मालाकार का कहना है कि असमय वर्षा होने से फूल की खेती में किसानों को काफी दिक्कत हुई है. इसके चलते फूलों की कीमत लगातार बढ़ रही है. वैसे सबसे ज्यादा इस समय गेंदा के फूलों की बिक्री होती है. उसके साथ-साथ अपराजिता, गुल मेंहदी और कमल के फूल की भी बिक्री होती है.
"हमलोग अभी गेंदा फूल की एक माला 20 रुपये में बेच रहे हैं. अपराजिता फूल की माला हो या अन्य फूल की, उसे भी हमलोग थोक भाव में 20 रुपये प्रति माला की दर से बेचते हैं. फिलहाल फूलों की कीमत ज्यादा हो गई है. पर्व त्योहार के मौसम में पटना स्टेशन स्थित मंडी में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार होता है."- पवन मालाकार, फूल विक्रेता
फूल मंडी में फूल बेच रहे प्रदीप मालाकार ने कहा, 'गुलमेंहदी और अपराजिता फूल का लक्ष्मी पूजन में काफी महत्व है. कमल के फूल के साथ-साथ लोग अपराजिता और गुल मेहंदी के फूल का भी उपयोग करते हैं. छोटे-छोटे फूल को जोड़कर हम लोग लच्छा बनाकर बेचते हैं, जिसकी कीमत 50 रुपये है.' बिहटा से मनोज कुमार ने कहा, पहली बार इस मंडी में गुल मलमल फूल बेचने आया हूं. पर्व त्योहार में लोग इस फूल का उपयोग करते हैं. एक माला की कीमत 20 रुपये है. एक माला में हम लोग 10 फूल लगाकर बेचते हैं.'
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