पटना : बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में महिलाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया है. टॉप टेन में महिला अभ्यर्थियों की संख्या अच्छी खासी है. हाजीपुर की रहने वाली प्रेरणा सिंह को तीसरा रैंक हासिल हुआ है. प्रेरणा डीएसपी के पद के लिए चयनित हुई हैं. प्रेरणा पटना के निजी हॉस्टल में रहकर तैयारी कर रही थीं. 3 साल के संघर्ष के बाद प्रेरणा सिंह को सफलता मिली और डीएसपी बनने का अवसर प्राप्त हुआ.
दो बार UPSC में असफलता से मिली 'प्रेरणा' : प्रेरणा ने बोर्ड की परीक्षा 2012 में पास की और 2019 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. बीपीएससी के लिए सोशियोलॉजी सब्जेक्ट को चुना और कामयाबी हासिल की. इस मुकाम को हासिल करने में प्रेरणा को 3 साल लग गए. प्रेरणा के माता-पिता ने भी इन्हें खूब सहयोग किया. पिता निरंजन सिंह और माता शीला सिंह दोनों पेशे से झारखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं. प्रेरणा को माता-पिता का भरपूर सहयोग मिला.
''प्रशासनिक सेवा में जाना हमारा बचपन का सपना था. ग्रेजुएशन खत्म होने के बाद हमने निश्चय किया कि अब प्रशासनिक सेवा की तैयारी में जुट जाना है. हर तीन-चार दिनों के अंतराल पर मुझे ख्याल आता था कि सिविल सेवा मुझसे नहीं हो पाएगा. एक बारगी यूपीएससी में दो बार असफल होने के बाद मैं किताब समेट कर रख दी थी. पढ़ाई भी छोड़ दिया था, लेकिन 3 महीने बाद फिर से मुझे माता-पिता और आईपीएस ऑफिसर किरण बेदी से इंस्पिरेशन मिला फिर मैंने पढ़ाई शुरू की.''- प्रेरण सिंह, 68वीं बीपीएससी 3rd रैंक
'सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं' : प्रेरणा सिंह ने कहा कि बीपीएससी की परीक्षा पास करने में मुझे 3 साल का वक्त लगा. अनवरत मेहनत से मैंने यह सफलता हासिल की. सफलता की कोई शॉर्टकट नहीं होती है. आपको लगातार प्रयास करना होता है. जो लोग बीपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए. प्रेरणा ने बताया कि मैं बचपन से किरण बेदी की तरह बनना चाहती थी और हमेशा मन में ख्याल आते रहते थे. बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भी मैंने पहला विकल्प डीएसपी का चुना था. मुझे डीएसपी का पद मिला मैं पूरी लगन और मेहनत के साथ आम जनता की उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करूंगी.
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