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सावधान! कोरोना का कहर जारी, आने वाली हैं मौसमी बीमारी

कोरोना का ग्रहण कब हटेगा, ये किसी को नहीं मालूम. देश में पहली बार आए कोरोना ने सभी को घरों पर कैद कर दिया है. लेकिन हर साल आने वाली मौसमी बीमारियां, उनका क्या...?

बिहार में मौसमी बीमारी
बिहार में मौसमी बीमारी
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Published : May 29, 2020, 9:12 PM IST

पटना: देशभर में जहां कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है. वहीं, बिहार में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना रोकथाम के लिए सरकार ने आवश्यक कदम उठा रही है. आने वाली मौसमी बीमारियों को लेकर बिहार सरकार क्या एहतियातन कदम उठा रही है. ईटीवी भारत ने इस बात की तस्दीक की है.

बिहार में मौसम बदलते ही कई बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. डेंगू, चिकनगुनिया, जॉन्डिस जैसी तमाम बीमारियों का संक्रमण बिहारभर में देखने को मिलता है. वहीं, पटना के पीएमसीएच में वार्ड फुल नजर आने लगते हैं. पिछले साल की बात करें, तो डेंगू के हजारों लोग पीएमसीएच में भर्ती हुए थे. ऐसे में कोरोना काल के दौरान सरकार आने वाली बीमारियों के लिए भी अलर्ट मोड में दिख रही है.

पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट

बीमारी की जड़ को दूर कर रहा नगम निगम
पिछले साल पटना में हुए जलजमाव को भला कौन भूल सकता है. इस जलजमाव के बाद पटना में तेजी से डेंगू का प्रकोप फैला था. लिहाजा, सरकार ने इस साल जलजमाव न हो, इसको लेकर तीन बार नालों की सफाई करवायी है. वहीं, संप हाउस को ठीक कराने के लिए नगर विकास विभाग को आदेश जारी कर दिया गया है. हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में पटना में ड्रेनेज के लिए 70.42 लाख रुपयों की स्वीकृति दी गई है. बुडको इस राशि को नगर निगम में संप हाउस के संचालन पर खर्च करेगा.

पटना नगर निगम
पटना नगर निगम

पटना नगर निगम की मुस्तैदी
पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि मानसून के लिए पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि 1 मार्च से ही नालों की सफाई की जाने लगी थी. 10 जून तक टारगेट किया है कि पटना के सभी बड़े नाले साफ हो जाए. उन्होंने कहा कि डेंगू के बचाव के लिए लगातार फांगिग कराई जा रही है. निगम के पास लगभग 150 फांगिग मशीन हैं, जो राजधानी में फांगिग कर रही हैं.

हिमांशु शर्मा, आयुक्त, पटना नगर निगम
नालों की सफाई का काम शुरू

6 से 7 करोड़ रुपया किया जाता है खर्च
हिमांशु शर्मा ने बताया कि पटना में ड्रेनेज के लिए हर साल 6 से 7 करोड़ रुपया खर्च करता है. इस बार अतिरिक्त मशीन मंगाई गई है. इस साल 1 करोड़ रुपया अधिक लागत लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना के लॉकडाउन के बावजूद हमने अपनी तैयारी पूरी की हैं.

पटना नगर निगम
पटना के 75 वार्डों में फागिंग कराई जा रही है. एंटी लार्वा कीटनाशक दवा का भी छिड़काव किया जा रहा है. हर वार्ड में छोटी गाड़ी से लेकर बड़ी गाड़ी उपलब्ध करवाया गया है ताकि समय-समय पर फागिंग और कीटनाशक दवा का छिड़काव होता रहे. इसके लिए निगम 50 से 60 लाख रुपए प्रति वर्ष खर्च करता है.

हिमांशु शर्मा, आयुक्त, पटना नगर निगम
हिमांशु शर्मा, आयुक्त, पटना नगर निगम

तेजी से हो ड्रेनेज के लिए काम- बीजेपी विधायक
कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने कहा कि पटना में जलजमाव को लेकर सीएम नीतीश कुमार कई बार बैठकें की हैं. इसके बाद संप हाउस बदले जाने की पहल हुई है. लेकिन लॉकडाउन से संप हाउस के बदले जाने की प्रक्रिय धीमी पड़ गई है. उन्होंने कहा कि हम विकास कार्यों को लेकर नगर आयुक्त से बात करेंगे.

अरुण सिन्हा, बीजेपी विधायक
अरुण सिन्हा, बीजेपी विधायक

बहरहाल, पटना नगर निगम की आने वाली मौसमी बीमारियों को लेकर कितना तैयार है. ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

पटना: देशभर में जहां कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है. वहीं, बिहार में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना रोकथाम के लिए सरकार ने आवश्यक कदम उठा रही है. आने वाली मौसमी बीमारियों को लेकर बिहार सरकार क्या एहतियातन कदम उठा रही है. ईटीवी भारत ने इस बात की तस्दीक की है.

बिहार में मौसम बदलते ही कई बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. डेंगू, चिकनगुनिया, जॉन्डिस जैसी तमाम बीमारियों का संक्रमण बिहारभर में देखने को मिलता है. वहीं, पटना के पीएमसीएच में वार्ड फुल नजर आने लगते हैं. पिछले साल की बात करें, तो डेंगू के हजारों लोग पीएमसीएच में भर्ती हुए थे. ऐसे में कोरोना काल के दौरान सरकार आने वाली बीमारियों के लिए भी अलर्ट मोड में दिख रही है.

पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट

बीमारी की जड़ को दूर कर रहा नगम निगम
पिछले साल पटना में हुए जलजमाव को भला कौन भूल सकता है. इस जलजमाव के बाद पटना में तेजी से डेंगू का प्रकोप फैला था. लिहाजा, सरकार ने इस साल जलजमाव न हो, इसको लेकर तीन बार नालों की सफाई करवायी है. वहीं, संप हाउस को ठीक कराने के लिए नगर विकास विभाग को आदेश जारी कर दिया गया है. हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में पटना में ड्रेनेज के लिए 70.42 लाख रुपयों की स्वीकृति दी गई है. बुडको इस राशि को नगर निगम में संप हाउस के संचालन पर खर्च करेगा.

पटना नगर निगम
पटना नगर निगम

पटना नगर निगम की मुस्तैदी
पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि मानसून के लिए पहले से तैयारियां शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि 1 मार्च से ही नालों की सफाई की जाने लगी थी. 10 जून तक टारगेट किया है कि पटना के सभी बड़े नाले साफ हो जाए. उन्होंने कहा कि डेंगू के बचाव के लिए लगातार फांगिग कराई जा रही है. निगम के पास लगभग 150 फांगिग मशीन हैं, जो राजधानी में फांगिग कर रही हैं.

हिमांशु शर्मा, आयुक्त, पटना नगर निगम
नालों की सफाई का काम शुरू

6 से 7 करोड़ रुपया किया जाता है खर्च
हिमांशु शर्मा ने बताया कि पटना में ड्रेनेज के लिए हर साल 6 से 7 करोड़ रुपया खर्च करता है. इस बार अतिरिक्त मशीन मंगाई गई है. इस साल 1 करोड़ रुपया अधिक लागत लगाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना के लॉकडाउन के बावजूद हमने अपनी तैयारी पूरी की हैं.

पटना नगर निगम
पटना के 75 वार्डों में फागिंग कराई जा रही है. एंटी लार्वा कीटनाशक दवा का भी छिड़काव किया जा रहा है. हर वार्ड में छोटी गाड़ी से लेकर बड़ी गाड़ी उपलब्ध करवाया गया है ताकि समय-समय पर फागिंग और कीटनाशक दवा का छिड़काव होता रहे. इसके लिए निगम 50 से 60 लाख रुपए प्रति वर्ष खर्च करता है.

हिमांशु शर्मा, आयुक्त, पटना नगर निगम
हिमांशु शर्मा, आयुक्त, पटना नगर निगम

तेजी से हो ड्रेनेज के लिए काम- बीजेपी विधायक
कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने कहा कि पटना में जलजमाव को लेकर सीएम नीतीश कुमार कई बार बैठकें की हैं. इसके बाद संप हाउस बदले जाने की पहल हुई है. लेकिन लॉकडाउन से संप हाउस के बदले जाने की प्रक्रिय धीमी पड़ गई है. उन्होंने कहा कि हम विकास कार्यों को लेकर नगर आयुक्त से बात करेंगे.

अरुण सिन्हा, बीजेपी विधायक
अरुण सिन्हा, बीजेपी विधायक

बहरहाल, पटना नगर निगम की आने वाली मौसमी बीमारियों को लेकर कितना तैयार है. ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

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