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राबड़ी पर PK का पलटवार- मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं लालू, हो जाएगा सब साफ - Lalu Yadav

लालू प्रसाद ने अपनी किताब ‘गोपालगंज टु रायसीना : माई पॉलिटिकल जर्नी’ में दावा किया है कि नीतीश ने महागठबंधन में वापसी के लिए कई बार पीके को उनके पास दूत बनाकर भेजा था.

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Published : Apr 13, 2019, 9:20 AM IST

Updated : Apr 13, 2019, 10:18 AM IST

पटना: लालू प्रसाद की बायोग्राफी 'गोपालगंज से रायसीना' का विवाद अभी थमा नहीं है. किताब में नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी की चर्चा अभी भी जोरों पर है. तेजस्वी के बाद राबड़ी देवी के आरोपों पर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने लालू परिवार को जवाब दिया है.

  • Those convicted or facing charges of abuse of public office and misappropriation of funds are claiming to be the custodians of truth.@laluprasadrjd जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया।

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 13, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जो सार्वजनिक कार्यालय के दुरुपयोग और धन की हेराफेरी के आरोपों में दोषी हैं. लालू प्रसाद जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया.
  • नीतीश कुमार माफ़ी और अनेकों प्रकार की लुभावनी डील के साथ महागठबंधन में आने को गिड़गिड़ा रहे थे। बार-बार उनके कबूतर चिट्ठी लेकर आ रहे थे।एकबार उनके दूत को इस विषय पर बात करने पर मैंने उसे घर से निकाल दिया था।

    जनता के विश्वास और वोटों का सौदा करने वाले पलटू किसी के भी सगे नहीं है।

    — Rabri Devi (@RabriDeviRJD) April 12, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें राबड़ी देवी ने शुक्रवार को ट्वीट करके पीके को नीतीश कुमार का ‘कबूतर’ करार देते हुए कहा कि कई प्रकार की लुभावनी डील के साथ वह बार-बार चिट्ठी लेकर आते थे. एक बार तो मैंने खुद उन्हें अपने घर से बाहर जाने के लिए कह दिया था. राबड़ी ने कहा कि प्रशांत किशोर झूठ बोल रहे हैं. वह पांच बार लालूजी से मिले थे. जनता के विश्वास और वोटों का सौदा करने वाले पलटू किसी के भी सगे नहीं हैं.

पटना: लालू प्रसाद की बायोग्राफी 'गोपालगंज से रायसीना' का विवाद अभी थमा नहीं है. किताब में नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी की चर्चा अभी भी जोरों पर है. तेजस्वी के बाद राबड़ी देवी के आरोपों पर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने लालू परिवार को जवाब दिया है.

  • Those convicted or facing charges of abuse of public office and misappropriation of funds are claiming to be the custodians of truth.@laluprasadrjd जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया।

    — Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 13, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जो सार्वजनिक कार्यालय के दुरुपयोग और धन की हेराफेरी के आरोपों में दोषी हैं. लालू प्रसाद जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया.
  • नीतीश कुमार माफ़ी और अनेकों प्रकार की लुभावनी डील के साथ महागठबंधन में आने को गिड़गिड़ा रहे थे। बार-बार उनके कबूतर चिट्ठी लेकर आ रहे थे।एकबार उनके दूत को इस विषय पर बात करने पर मैंने उसे घर से निकाल दिया था।

    जनता के विश्वास और वोटों का सौदा करने वाले पलटू किसी के भी सगे नहीं है।

    — Rabri Devi (@RabriDeviRJD) April 12, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें राबड़ी देवी ने शुक्रवार को ट्वीट करके पीके को नीतीश कुमार का ‘कबूतर’ करार देते हुए कहा कि कई प्रकार की लुभावनी डील के साथ वह बार-बार चिट्ठी लेकर आते थे. एक बार तो मैंने खुद उन्हें अपने घर से बाहर जाने के लिए कह दिया था. राबड़ी ने कहा कि प्रशांत किशोर झूठ बोल रहे हैं. वह पांच बार लालूजी से मिले थे. जनता के विश्वास और वोटों का सौदा करने वाले पलटू किसी के भी सगे नहीं हैं.

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पटना: लालू प्रसाद की बायोग्राफी 'गोपालगंज से रायसीना' का विवाद अभी थमा नहीं है. किताब में नीतीश कुमार के महागठबंधन में वापसी की चर्चा अभी भी जोरों पर है. तेजस्वी के बाद राबड़ी देवी के आरोपों पर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने लालू परिवार को जवाब दिया है.

प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि जो सार्वजनिक कार्यालय के दुरुपयोग और धन की हेराफेरी के आरोपों में दोषी हैं. लालू प्रसाद जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया.

बता दें राबड़ी देवी ने शुक्रवार को ट्वीट करके पीके को नीतीश कुमार का ‘कबूतर’ करार देते हुए कहा कि कई प्रकार की लुभावनी डील के साथ वह बार-बार चिट्ठी लेकर आते थे. एक बार तो मैंने खुद उन्हें अपने घर से बाहर जाने के लिए कह दिया था. राबड़ी ने कहा कि प्रशांत किशोर झूठ बोल रहे हैं. वह पांच बार लालूजी से मिले थे. जनता के विश्वास और वोटों का सौदा करने वाले पलटू किसी के भी सगे नहीं हैं.




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Last Updated : Apr 13, 2019, 10:18 AM IST
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