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रेलवे प्रशासन की खुली पोल, पर्यटन पर्व के उद्घाटन के बाद गायब दिखे कुम्हार

नए एसी वेटिंग हॉल के एंट्री गेट के बगल में कुम्हारों को जगह दी गई है. लेकिन आज वहां न चाक था न मिट्टी. पर्यावरण पर्व का बैनर सिर्फ लगा दिखाई पड़ा जिसमें यह बताया गया है कि 15 दिनों तक यहां पर्यावरण पर्व मनाया जाएगा.

पर्यटन पर्व के उद्घाटन के बाद गायब दिखे कुम्हार
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Published : Oct 11, 2019, 4:47 PM IST

पटना: रेलवे जंक्शन पर कल देर शाम जीएम एलसी त्रिवेदी ने पर्यटन पर्व का शुभारंभ किया. लेकिन उसके ठीक अगले ही दिन वहां सन्नाटा पसरा दिखा. दरअसल स्टेशन परिसर में कुम्हरों को जगह दी गयी थी ताकि वो मिट्टी के दिये बनाकर यात्रियों को स्वदेशी सामानों का इस्तेमाल करने के प्रति जागरूक कर सकें. लेकिन कुम्हार पूरे दिन लापता रहे. जंक्शन प्रबंधन द्वारा कुम्हार को एलॉट की गई जगह पर यात्री अपने ट्रेन के इंतजार में बैठे दिखाई पड़े.

नए एसी वेटिंग हॉल के इंट्री गेट के बगल में कुम्हारों को जगह दी गई है. लेकिन आज वहां ना चाक था ना मिट्टी. पर्यावरण पर्व का बैनर सिर्फ लगा दिखाई पड़ा जिसमें यह बताया गया है कि 15 दिनों तक यहां पर्यावरण पर्व मनाया जाएगा और इस दीपावली के मौके पर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जायेगा.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

गायब दिखे कुम्हार
यात्रियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का 15 दिनों का जो मुहिम है, वह उद्घाटन के बाद पूरी तरह से शिथिल दिखाई पड़ रहा है. बता दें कि महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर पर्यावरण संरक्षण के तहत पर्यटन पर्व मनाया जा रहा है. इस दौरान स्वदेशी सामानों और भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पर्यटन पर्व पटना जंक्शन पर 15 दिनों तक मनाया जाएगा. 24 अक्टूबर को इसका समापन होगा.

पटना: रेलवे जंक्शन पर कल देर शाम जीएम एलसी त्रिवेदी ने पर्यटन पर्व का शुभारंभ किया. लेकिन उसके ठीक अगले ही दिन वहां सन्नाटा पसरा दिखा. दरअसल स्टेशन परिसर में कुम्हरों को जगह दी गयी थी ताकि वो मिट्टी के दिये बनाकर यात्रियों को स्वदेशी सामानों का इस्तेमाल करने के प्रति जागरूक कर सकें. लेकिन कुम्हार पूरे दिन लापता रहे. जंक्शन प्रबंधन द्वारा कुम्हार को एलॉट की गई जगह पर यात्री अपने ट्रेन के इंतजार में बैठे दिखाई पड़े.

नए एसी वेटिंग हॉल के इंट्री गेट के बगल में कुम्हारों को जगह दी गई है. लेकिन आज वहां ना चाक था ना मिट्टी. पर्यावरण पर्व का बैनर सिर्फ लगा दिखाई पड़ा जिसमें यह बताया गया है कि 15 दिनों तक यहां पर्यावरण पर्व मनाया जाएगा और इस दीपावली के मौके पर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जायेगा.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

गायब दिखे कुम्हार
यात्रियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का 15 दिनों का जो मुहिम है, वह उद्घाटन के बाद पूरी तरह से शिथिल दिखाई पड़ रहा है. बता दें कि महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर पर्यावरण संरक्षण के तहत पर्यटन पर्व मनाया जा रहा है. इस दौरान स्वदेशी सामानों और भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पर्यटन पर्व पटना जंक्शन पर 15 दिनों तक मनाया जाएगा. 24 अक्टूबर को इसका समापन होगा.

Intro:पटना जंक्शन पर कल देर शाम जोन के जीएम एलसी त्रिवेदी ने पर्यटन पर्व का शुभारंभ किया. महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर पर्यावरण संरक्षण के तहत पर्यटन पर्व मनाया जा रहा है. इस दौरान स्वदेशी सामानों और भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित किया जा रहा है.


Body:पर्यटन पर्व पटना जंक्शन पर 15 दिनों तक मनाया जाएगा. 24 अक्टूबर को इसका समापन होगा. इस दौरान पटना जंक्शन के नए एसी वेटिंग हॉल के इंट्री गेट के बगल में कुम्हार को जगह दिया गया है. कुम्हार 15 दिनों तक चाक से मिट्टी के दिए बनाने का प्रशिक्षण पटना जंक्शन पर यात्रियों को देगा. मिट्टी के दिए के माध्यम से जंक्शन प्रबंधन पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है


Conclusion: पटना जंक्शन पर बड़े धूमधाम से पर्यावरण पर्व का शुभारंभ हुआ लेकिन उसके अगले ही दिन सन्नाटा दिखाई पड़ा. जो जगह कुम्हार को दिया गया है जहां उसे यात्रियों को मिट्टी के दीए बनाने का प्रशिक्षण देना है वहां से कुम्हार पूरे दिन लापता रहा. जंक्शन प्रबंधन द्वारा कुम्हार को एलॉट किए गए जगह पर यात्री अपनी ट्रेन के इंतजार में बैठे दिखाई पड़े और वहां ना चाक था ना मिट्टी ताकि पता चले कि यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है. पर्यावरण पर्व का बैनर सिर्फ लगा दिखाई पड़ा जिसमें यह बताया गया है कि 15 दिनों तक यहां पर्यावरण पर्व मनाया जाएगा और इस दीपावली में लोग कैसे पर्यावरण का संरक्षण करें यह बताया जाएगा. पर्यावरण पर्व में जो यात्रियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का 15 दिनों का मुहिम है वह उद्घाटन के बाद पूरी तरह से शिथिल दिखाई पड़ा. रेलवे के कर्मी ऑफ द रिकॉर्ड बताते हैं कि यह सब सिर्फ खबरों में आने के लिए दिखावटी होता है बाद में कुछ होता जाता नहीं है. पर्यावरण पर्व के अंतिम दिन 24 अक्टूबर को भी एक बड़ा कार्यक्रम हो जाएगा और बताया जाएगा कि हमने 15 दिनों तक लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया लेकिन ऐसा कुछ यहां हो नहीं रहा है.
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