पटना: बिहार में अब कोरोना (Corona) के बाद पोस्ट कोविड-19 (Post Covid) सिंड्रोम ने चिंता बढ़ा दी है. कोरोना से उबरने के बाद काफी संख्या में लोगों को पोस्ट कोविड-19 (Post Covid) इफेक्ट के तौर पर कई बीमारियां घेर ले रही हैं. ऐसे में इन मरीजों की मौत भी हो रही है.
पटना के एम्स (AIIMS), पीएमसीएच (PMCH), आईआईएमएस (IIMS) और एनएमसीएच (NMCH) समेत कई प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में भी पोस्ट कोविड-19 कॉम्प्लिकेशन को लेकर लोग पहुंच रहे हैं. बता दें कि कई मरीज अस्पताल में भर्ती हुए और कई मरीज की मौत भी हो गई है.
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जानिए क्या हैं आंकड़े
कोरोना के अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 25 मई से 8 जून के बीच शहर के चार मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (Medical College Hospital) से लगभग 300 के करीब कोरोना संबंधी मौतों में 40% यानि 130 मौतें मरीज के अस्पताल में भर्ती होने या मरीजों के घर जाने के 15 दिन के अंतराल पर हुई है.
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इलाज के बाद हो रही मौत
पीएमसीएच (PMCH) की बात करें तो पिछले साल जहां अधिकांश मौतें, लगभग 60% मौत मरीज के अस्पताल में भर्ती होने के 1 से 3 दिनों के भीतर हुई थी. जबकि इस साल संक्रमण की दूसरी लहर में अस्पताल में एडमिट मरीजों के इलाज के 10 दिन बाद उनकी मौत दर्ज की गई है.
दूसरी लहर पहले से काफी ज्यादा घातक
पीएमसीएच (PMCH) के अधिकारियों की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा घातक है. इलाज के 10 दिन बाद जब मरीजों को ठीक होना चाहिए, उस समय उनकी मौत दर्ज की गई है. कई मौतें कोविड-19 के बाद की जटिलताओं से होती हैं, जैसे कि हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज, किडनी फेल्योरेंस आदि.
शरीर में कई तरह की समस्याएं
लोगों की शिकायत रह रही है कि वे 10 दिन पहले कोरोना से ठीक हुए हैं. लेकिन अब उनके शरीर में कई समस्या आ रही हैं. लोगों में समस्याएं अलग-अलग हैं. लोगों को सिर से लेकर पांव तक सभी ऑर्गन इंवॉल्वमेंट की शिकायतें आ रही है.
ज्यादातर जो शिकायतें आ रही हैं, वह कमजोरी, थकावट और कफ की रह रही है. लोग कह रहे हैं कि वह ठीक हो गए हैं. लेकिन सही से चल नहीं पा रहे हैं. बहुत कमजोरी महसूस हो रही है. चलते हैं तो सांस फूलने लगती है. कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना से ठीक हुए 1 महीना हो गया. मगर खांसी लगातार बनी हुई है. कोरोना के कारण शरीर में खून का थक्का जमता है और इस वजह से कई लोगों के शरीर के लास्ट पार्ट में गैंग्रीन की शिकायतें सामने आने लगी हैं. कुछ लोगों को भूख कम लग रही है तो कुछ लोगों को चिड़चिड़ापन की समस्या आ गई है"- डॉ. अनिल कुमार, टेलीमेडिसिन हेड, एम्स
डिप्रेशन के हो रहे शिकार
डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि कोरोना के दौरान लोग जब आइसोलेशन पीरियड में रह रहे हैं तो इस दौरान अकेलेपन की वजह से लोगों में थोड़ा बहुत डिप्रेशन घर कर जा रहा है. उनके अंदर चिड़चिड़ापन की समस्या आ जा रही है.
धैर्य रखने की जरूरत
डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि लोगों को अभी के समय में धैर्य रखने की जरूरत है. बीमारी से अभी ठीक हुए हैं तो उनकी बॉडी को नॉर्मल होने में थोड़ा समय लगेगा. उन्होंने कहा कि अगर थकावट और कमजोरी महसूस हो रही है तो, धीरे-धीरे हल्का हल्का व्यायाम करें. एकाएक अधिक व्यायाम ना करें.
पोस्ट कोविड-19 आईसीयू वार्ड
पटना के पीएमसीएच (PMCH) में पोस्ट कोविड-19 (Post Covid-19) के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए अस्पताल के नए सर्जिकल इमरजेंसी भवन में चार बेड का पोस्ट कोविड-19 आईसीयू वार्ड (ICU Ward) तैयार किया जा रहा है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जल्द ही दो से 3 दिनों में इसे शुरू कर दिया जाएगा.
मरीजों की हो रही मौत
पीएमसीएच (PMCH) में प्रतिदिन पोस्ट कोविड-19 (Post Covid) इफेक्ट को लेकर 20 से 30 मरीज पहुंच रहे हैं. इनमें से 3 से 5 मरीजों को आईसीयू (ICU) की जरूरत पड़ रही है. वहीं एक से दो गंभीर मरीज की मौत हो जा रही है.
डॉक्टर अनिल कुमार के मुताबिक पोस्ट कोविड-19 इफेक्ट के तौर पर जो बीमारियां सामने आ रही हैं वह निम्न हैं:-
- कमजोरी
- सुस्ती
- भूख की कमी
- खांसी
- चिड़चिड़ापन
- गैंग्रीन
- ब्लैक फंगस