पटना : जिले में अभी भी एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है. ऐसे में महादलित परिवारों को ठंड से बचाने के लिए शासन व (No help from district administration in cold) जिला प्रशासन की ओर से अब कोई कारगर उपाय नहीं गया है. मसौढ़ी के ग्रामीण इलाकों में सैंकड़ों ग्रामीण कंबल और अलाव का इंतजार कर रहे हैं. सरकार की ओर से गांव में कंबल का वितरण किया जा रहा है और ना ही अलाव की व्यवस्था हो गई है.जैसे तैसे लोग अपनी-अपनी झोपड़ियों में ठंड काट रहे हैं.
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"सरकार के ओर से कोई व्यवस्था नही की गई है. हमलोग ठंड से परेशान है. सरकार से मांग है कि हम लोगों पर भी नजरें इनायत करें. कपकपाती ठंड में रहना मुश्किल हो रहा है."-रविंद्र मांझी, चेथौल,मसौढ़ी
"तन पर कपड़ा नहीं है. फटा पुराना कपड़ा पहनकर ठंड में गुजारा कर रहे हैं. सरकार यदि यहां भी कंबल बांटती तो इस सर्द रात में काफी मदद मिलता." -सोनम देवी, चेथौल, मसौढ़ी
तंगी से जूझ रहे परिवार को प्रशासन का नहीं सहारा : मसौढ़ी के महादलित गांव में रहने वाले अधिकतर परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. आर्थिक तंगी के चलते वह अपने परिवार के सदस्यों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़ा व कंबल, रजाई भी नहीं खरीद पाते हैं. ऐसे में शीत लहर ने इन गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है. गर्म कपड़ा न होने के कारण आग का सहारा लेकर रात काटनी पड़ रही है. प्रशासन की ओर से इन गरीबों को ठंड से राहत दिलाने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया. इसको लेकर गरीब काफी परेशान हैं और मदद के लिए प्रशासन की राह देख रहे हैं.
"ठंडा से परेशान है. यहां सरकार की ओर से न तो जलावन की व्यवस्था की न ही कंबल बंटा गया है. हमलोग इस ठंड में मर रहे हैं. सरकार की ओर से राशन भी नहीं दिया जा रहा है." -मनोज मांझी, चेथौल, मसौढ़ी
"हमलोगों को सरकार नहीं देगी तो और कौन देगा. कंबल की बहुत जरूरत है. बाल बच्चे के साथ इस ठंड में ठिठुर कर रहना पड़ रहा है." -सोनमती देवी, चेथौल,मसौढ़ी