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'नीतीश का अपमान कहकर चुटकी न लें तेजस्वी... खुद PM से काहे नहीं मिल लेते?'

बिहार में जातीय जनगणना पर एक बार फिर घमासान छिड़ गया है. तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए सीएम नीतीश का अपमान वाले बयान पर जदयू ने उनपर पलटवार किया है. जदयू ने तेजस्वी को चुटकी नहीं लेने की नसीहत दी है.

तेजस्वी
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Published : Aug 13, 2021, 2:48 PM IST

पटनाः बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) पर सियासत जारी है. सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) को समय नहीं देकर पीएम मोदी के द्वारा अपमानित करने के तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बयान पर घमासान छिड़ गया है. जदयू (JDU) ने साफ-साफ कहा है कि तेजस्वी चुटकी लेना बंद करें, यदि उन्हें इतना फिक्र है तो वे खुद जाकर क्यों नहीं मिल लेते हैं?

इसे भी पढे़ं- Caste Census: प्रधानमंत्री ने CM नीतीश को नहीं दिया वक्त, अब तेजस्वी ने लिखा नरेन्द्र मोदी को पत्र

जदयू के पूर्व विधायक ललन पासवान ने तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि "जातीय जनगणना का प्रस्ताव जब बिहार विधानसभा के सर्वसम्मति से चला गया तो यह बिहार का प्रस्ताव था. तेजस्वी यादव चुटकी लेना बंद करें. यदि उन्हें इतना ही फिक्र है तो खुद जाकर पीएम से क्यों नहीं मिल लेते हैं? नीतीश कुमार न तो किसी को अपमानित करते हैं और न अपमानित होते हैं. तेजस्वी सिर्फ राजनीति करने का काम कर रहे हैं."

देखें वीडियो

बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के नेताओं के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर दो प्रस्ताव दिया था. इसके बाद जातीय जनगणना के मसले पर प्रधानमंत्री से समय की मांग की गई थी. मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर समय की मांग की थी, लेकिन 1 सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस संदर्भ में प्रधानमंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.

इसे भी पढे़ं- जातीय जनगणना पर शाहनवाज हुसैन- 'मामला CM-PM के बीच, लिहाजा इंतजार करना चाहिए'

इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पटना में प्रेसवार्ता कर जहां केन्द्र सरकार नीयत पर सवाल उठाए थे, वहीं नीतीश कुमार को समय नहीं देकर पीएम के द्वारा अपमानित करने का आरोप लगाया.

तेजस्वी यादव ने कहा कि "हम जात-पात की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन ये जानना जरूरी है कि देश में किस जाति की जनसंख्या कितनी है. देश में गरीबों की जनसंख्या कितनी है. यही कारण है कि मैंने नीतीश कुमार से मिलकर इस मुद्दे पर पीएम मोदी से बात करने के लिए कहा था. लेकिन आज तक मिलने का वक्त नहीं दिया गया. इस मुद्दे पर आज मैंने भी पीएम मोदी को पत्र लिखा है और उनसे मिलने का वक्त मांगा है. सीएम को वक्त नहीं देना नीतीश कुमार का अपमान है."

इसे भी पढ़ें- IPL खेलना छोड़िए नीतीश जी... बताइए कि बाढ़ पीड़ितों को अब तक क्या मिला?: पुष्पम प्रिया चौधरी

तेजस्वी यादव के इसी बयान के बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है. एनडीए, खासकर जदयू यह सुनना नहीं चाहती है. इधर, विपक्ष सत्तापक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. लेकिन राजनीति और दिलचस्प तब हो गई है, जब इस मसले पर बिहार सरकार में शामिल दो महत्वपूर्ण सहयोगी दल भाजपा और जदयू के बीच ठनी हुई है. दोनों ही पार्टियों की इसपर अलग-अलग स्टैंड है.

पटनाः बिहार में जातीय जनगणना (Caste Census) पर सियासत जारी है. सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) को समय नहीं देकर पीएम मोदी के द्वारा अपमानित करने के तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के बयान पर घमासान छिड़ गया है. जदयू (JDU) ने साफ-साफ कहा है कि तेजस्वी चुटकी लेना बंद करें, यदि उन्हें इतना फिक्र है तो वे खुद जाकर क्यों नहीं मिल लेते हैं?

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जदयू के पूर्व विधायक ललन पासवान ने तेजस्वी यादव के द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि "जातीय जनगणना का प्रस्ताव जब बिहार विधानसभा के सर्वसम्मति से चला गया तो यह बिहार का प्रस्ताव था. तेजस्वी यादव चुटकी लेना बंद करें. यदि उन्हें इतना ही फिक्र है तो खुद जाकर पीएम से क्यों नहीं मिल लेते हैं? नीतीश कुमार न तो किसी को अपमानित करते हैं और न अपमानित होते हैं. तेजस्वी सिर्फ राजनीति करने का काम कर रहे हैं."

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बता दें कि विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के नेताओं के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर दो प्रस्ताव दिया था. इसके बाद जातीय जनगणना के मसले पर प्रधानमंत्री से समय की मांग की गई थी. मुख्यमंत्री ने पत्र लिखकर समय की मांग की थी, लेकिन 1 सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस संदर्भ में प्रधानमंत्री की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.

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इसी को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पटना में प्रेसवार्ता कर जहां केन्द्र सरकार नीयत पर सवाल उठाए थे, वहीं नीतीश कुमार को समय नहीं देकर पीएम के द्वारा अपमानित करने का आरोप लगाया.

तेजस्वी यादव ने कहा कि "हम जात-पात की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन ये जानना जरूरी है कि देश में किस जाति की जनसंख्या कितनी है. देश में गरीबों की जनसंख्या कितनी है. यही कारण है कि मैंने नीतीश कुमार से मिलकर इस मुद्दे पर पीएम मोदी से बात करने के लिए कहा था. लेकिन आज तक मिलने का वक्त नहीं दिया गया. इस मुद्दे पर आज मैंने भी पीएम मोदी को पत्र लिखा है और उनसे मिलने का वक्त मांगा है. सीएम को वक्त नहीं देना नीतीश कुमार का अपमान है."

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तेजस्वी यादव के इसी बयान के बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है. एनडीए, खासकर जदयू यह सुनना नहीं चाहती है. इधर, विपक्ष सत्तापक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. लेकिन राजनीति और दिलचस्प तब हो गई है, जब इस मसले पर बिहार सरकार में शामिल दो महत्वपूर्ण सहयोगी दल भाजपा और जदयू के बीच ठनी हुई है. दोनों ही पार्टियों की इसपर अलग-अलग स्टैंड है.

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