पटना: बिहार में कोरोना जिस रफ्तार से बढ़ रहा है, सियासी गलियारों में इसका असर साफ दिख रहा है. सभी प्रमुख दलों का पार्टी कार्यालय कोरोना के कारण बंद हो चुके हैं. पार्टी कार्यालय के नेता और अधिकारी फोन, मेल और व्हाट्सएप से काम चला रहे हैं. कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देकर लोगों से मिलने में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की है, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. दूसरी तरफ कोरोना को लेकर सियासत भी होने लगी है.
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जेडीयू मंत्री मदन सहनी किसी से नहीं मिल रहे हैं. वहीं, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव भी किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं. नंदकिशोर यादव ने तो सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को ये जानकारी दी है कि परिवार के सदस्य और कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हैं, इसलिए मिलने में असमर्थ हूं. वहीं, कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने अपने आवास के बाहर नोटिस चिपका दिया है कि कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव होने के कारण किसी से अभी नहीं मिल सकते हैं.
सोशल मीडिया का ही सहारा
आरजेडी कार्यालय अनिश्चितकाल के लिए बंद है. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता कोरोना पॉजिटिव है. वहीं, बीजेपी में अभी सारी गतिविधियां ठप है. जेडीयू कार्यालय में तो नोटिस चिपका दिया गया है, लेकिन फोन नंबर दिया गया है और फोन नंबर से बातचीत करने की सलाह दी गई है. कोरोना पॉजिटिव होने पर विधायक से लेकर सभी पार्टी के नेता सूचना देने के लिए सोशल मीडिया का ही सहारा ले रहे हैं.
जदयू के वरिष्ठ नेता डॉक्टर सुनील सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया केवल राजनीतिक क्षेत्र में बड़ा माध्यम बना हुआ है, बल्कि इलाज में भी टेलीमेडिसिन के माध्यम से इसका उपयोग हो रहा है.
कोरोना को लेकर सियासत
बिहार में अब बढ़ते कोरोना को लेकर सियासत भी होने लगी है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौड़ का कहना है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही जितने भी कार्यक्रम थे, सब को स्थगित कर दिया. लेकिन जदयू और बीजेपी के लोग लगातार कार्यक्रम करते रहे हैं और इसके कारण कोरोना फैला है.
क्या कहते हैं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि जो अपने विधायक का इलाज ठीक ढंग से नहीं करा सकता है, वो आप लोगों का इलाज कैसे कराएगा. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि ऐसे मौके पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सबको मिलकर सरकार के साथ और उनके नियंत्रण में सहयोग करना चाहिए. सबको जागरुकता फैलाना चाहिए, जिससे लोग बच सके.
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पिछले साल कोरोना के कारण मंत्री विनोद कुमार सिंह की मौत हो गई थी. कई राजनेता कोरोना के काल में समय से पहले ग्रास बने थे और इस साल भी कोरोना लगातार बढ़ रहा है और कई नेताओं को चपेट में लेना शुरू कर दिया है. जदयू विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की मौत हो चुकी है और लगातार हो रही मौत का असर भी राजनीतिक गलियारों में भय का माहौल पैदा कर रहा है. ऐसे में सारे कार्यक्रम बंद हैं और कब कार्यक्रम शुरु होंगे. फिलहाल दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं दिख रही है. सोशल मीडिया और मोबाइल नंबर ही अब सहारा है.