पटना: बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है. इस साल बिहार विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी, पलायन, किसानों की समस्या, शिक्षा व्यवस्था आदि मुद्दों पर खूब बयानबाजी की जा रही है. वहीं आम आदमी के थाली का स्वाद बिगाड़ने वाली कमरतोड़ महंगाई चुनावी मुद्दा बनने में विफल रही.
लोगों का जीना हुआ मुश्किल
कमरतोड़ महंगाई ने आम लोगों के चूल्हे का बजट बिगाड़ दिया है. इसके कारण घरों में थाली से सब्जियां गायब है. जरूरी सामान की कीमतें भी आसमान छू रही है. बिहार में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण लोग दोहरी मार झेल रहे हैं. जहां एक तरफ रोजगार छिन गए तो दूसरी तरफ बेकाबू महंगाई ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है.
थाली से सब्जियां हुई गायब
चुनावी सरगर्मी के बीच लोगों के दर्द को महसूस करने वाला कोई नहीं है. लोगों की थाली से सब्जियां गायब है. आलू 50 रुपये का आंकड़ा पार कर चुका है तो प्याज 70 रूपये किलो बिक रहा है. वहीं सरसों तेल डेढ़ सौ रूपये लीटर तक पहुंच चुका है.
तेजस्वी ने जताया विरोध
सरकारी नीतियों की वजह से बढ़ी महंगाई को लेकर आरजेडी ने सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्याज की माला दिखा कर सत्ता में बैठे लोगों को घेरने की कोशिश की है.
लॉक डाउन के बाद से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. महंगाई को लेकर बीजेपी गोल-मोल जवाब दे रही है. सरकार को जनता की परेशानियों से कोई मतलब नहीं है-चितरंजन गगन, आरजेडी प्रवक्ता
देश में सक्षम नेतृत्व है और नरेंद्र मोदी महंगाई पर काबू पाने के लिए हर तरह से उपाय कर रहे हैं, लेकिन तेजस्वी यादव वोट के लिए प्रचार कर रहे हैं.-संजय मयूख, बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. महंगाई को लेकर केंद्र और बिहार सरकार गंभीर है. तेजस्वी यादव सिर्फ वोट की राजनीति कर रहे हैं. आम लोगों को इस बढ़ती महंगाई के कारण भारी मुश्किल हो रही है लेकिन उनके पास समाधान भी नहीं है.-अभिषेक झा, प्रवक्ता जेडीयू
महंगाई बढ़ने के पीछे वजह गवर्नेंस का फेल होना है. हर रोज पेट्रोल की कीमतों में इजाफा ही महंगाई का कारण है. इसके अलावा नए कानून से जमाखोरी की छूट मिल गई है. लिहाजा महंगाई सातवें आसमान पर है.- डीएम दिवाकर, अर्थशास्त्री
मंहगाई की दोहरी मार
सब्जियों की महंगाई ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. कोरोना के कारण एक तो पहले ही काम धंधे बंद हो गए थे उस पर महंगाई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. बिहार चुनाव 2020 में अब तक मंहगाई बड़ा मुद्दा नहीं बन पाई है. किसी भी राजनीतिक दल के घोषणा पत्र में भी मंहगाई का जिक्र नहीं किया गया है.
तीन चरण में बिहार चुनाव 2020
बता दें कि बिहार में तीन चरण में चुनाव होने वाले हैं. पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को 16 जिलों में 71 सीटों पर होगा. दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को 17 जिलों में 94 सीटों पर होगा वहीं, तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को 15 जिलों में 78 सीटों पर होगा.