पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन जोर आजमाइश में लगे हुए हैं. एक ओर जहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सत्ता को बनाए रखना चाहेगी. वहीं, महागठबंधन बहुमत के करीब पहुंचने के जुगत में है. इन सबके बीच प्रधानमंत्री के सौगात पर सबकी नजरें टिकी हुई है.
बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है. दोनों गठबंधन वोट बैंक साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं. विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए कई सौगातें दी हैं. अनुमान के अनुसरा छह चरण में करोड़ों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास होना है. अब तक 1766 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हो चुका है.
541 करोड़ रुपए खर्च होंगे
ई गोपाला ऐप मछली पालन और पशुपालन के क्षेत्रों की परियोजना नया इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य मुद्रा योजना के तहत 294. 53 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके अलावा जलापूर्ति सीवरेज ट्रीटमेंट रिवरफ्रंट डेवलपमेंट योजना के तहत कुल 541 करोड़ रुपए खर्च होंगे. पारादीप हल्दिया दुर्गापुर पाइप लाइन विस्तार परियोजना, पूर्वी चंपारण एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र और बांका के एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र एलपीजी भंडारण परियोजना पर कुल 931 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
सभी गांव में मार्च 2021 तक ऑप्टिकल फाइबर
बिहार के सभी गांव में मार्च 2021 तक ऑप्टिकल फाइबर से इंटरनेट पहुंचाने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा. 21 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के सभी गांव को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं. योजना के अंतर्गत बिहार के सभी 45945 गांव आगामी 31 मार्च तक भारत ने तय किया कि ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा. योजना के तहत गांव में ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाकर संचार और सूचना क्रांति की शुरुआत करने का लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है.
'प्रधानमंत्री की घोषणा महत्वपूर्ण है'
वहीं, जदयू नेता और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री की घोषणा महत्वपूर्ण है पिछले कई सालों से जहां विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाई थी, वहां के लिए योजनाओं की शुरुआत हुई है. विपक्ष आलोचना कर विपक्ष की भूमिका निभा रहा है.