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...आखिर CM नीतीश ने मीडिया से क्यों बनायी दूरी? विपक्ष का वार, JDU कर रहा बचाव

केंद्र में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाया गया. जेडीयू उसका विरोध करता रहा. लेकिन, बिल पारित हो गया. उससे पहले तीन तलाक जैसे मुद्दों पर भी जेडीयू का बीजेपी से अलग राय था.

नीतीश कुमार
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Published : Sep 17, 2019, 8:08 PM IST

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले लंबे समय से मीडिया से दूरी बनाकर रखे हैं. यहां तक कि लोक संवाद का कार्यक्रम भी लंबे समय से स्थगित है. लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद केंद्र में बनी मोदी सरकार में भी जेडीयू शामिल नहीं है.

केंद्र में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाया गया. जेडीयू उसका विरोध करता रहा. लेकिन, बिल पारित हो गया. उससे पहले तीन तलाक जैसे मुद्दों पर भी जेडीयू का बीजेपी से अलग राय था. मोदी सरकार ने इसे भी समाप्त किया. अब एनआरसी के मुद्दे पर भी बीजेपी नेताओं के बयान से जेडीयू की मुश्किलें बढ़ी हुई है.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

क्या कहते हैं पार्टी के नेता?
इस संबंध में जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ काम पर विश्वास करते हैं. बिहार में विकास के लिए उन्होंने कई कार्य किए हैं. वहीं, आरजेडी विधायक वीरेंद्र ने सीएम नीतीश कुमार पर जमरकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कई मामलों में फंसते नजर आ रहे हैं. इसीलिए बीजेपी उनको दुरुस्त करने में लगी है. भाई वीरेन्द्र ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी की बात नहीं मानेंगे तो बीजेपी उन्हें सृजन और शेल्टर होम जैसे कई मामलों में अंदर करवा सकती है.

मीडिया से दूर सीएम नीतीश कुमार
नरेंद्र मोदी की सरकार फिर से केंद्र में बनने के बाद नीतीश एक दो मौकों को छोड़कर मीडिया से बात तक नहीं की है. यहां तक कि बिहार विधानसभा का सत्र 1 महीने तक चला और पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री मीडिया से बातचीत करने से बचते दिखें. उससे पहले मुजफ्फरपुर में AES से बच्चों की मौत मामले में भी मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचे. अब विवादास्पद मुद्दों ने नीतीश कुमार को मीडिया से दूरी बनाए रखने के लिए मजबूर कर दिया है. ऐसे में देखना दिलचस्प है बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में होना है. उससे पहले नीतीश कुमार मीडिया से जो दूरी बनाकर रखे हैं, उसे समाप्त करते हैं या नहीं?

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले लंबे समय से मीडिया से दूरी बनाकर रखे हैं. यहां तक कि लोक संवाद का कार्यक्रम भी लंबे समय से स्थगित है. लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद केंद्र में बनी मोदी सरकार में भी जेडीयू शामिल नहीं है.

केंद्र में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाया गया. जेडीयू उसका विरोध करता रहा. लेकिन, बिल पारित हो गया. उससे पहले तीन तलाक जैसे मुद्दों पर भी जेडीयू का बीजेपी से अलग राय था. मोदी सरकार ने इसे भी समाप्त किया. अब एनआरसी के मुद्दे पर भी बीजेपी नेताओं के बयान से जेडीयू की मुश्किलें बढ़ी हुई है.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

क्या कहते हैं पार्टी के नेता?
इस संबंध में जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ काम पर विश्वास करते हैं. बिहार में विकास के लिए उन्होंने कई कार्य किए हैं. वहीं, आरजेडी विधायक वीरेंद्र ने सीएम नीतीश कुमार पर जमरकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कई मामलों में फंसते नजर आ रहे हैं. इसीलिए बीजेपी उनको दुरुस्त करने में लगी है. भाई वीरेन्द्र ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी की बात नहीं मानेंगे तो बीजेपी उन्हें सृजन और शेल्टर होम जैसे कई मामलों में अंदर करवा सकती है.

मीडिया से दूर सीएम नीतीश कुमार
नरेंद्र मोदी की सरकार फिर से केंद्र में बनने के बाद नीतीश एक दो मौकों को छोड़कर मीडिया से बात तक नहीं की है. यहां तक कि बिहार विधानसभा का सत्र 1 महीने तक चला और पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री मीडिया से बातचीत करने से बचते दिखें. उससे पहले मुजफ्फरपुर में AES से बच्चों की मौत मामले में भी मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचे. अब विवादास्पद मुद्दों ने नीतीश कुमार को मीडिया से दूरी बनाए रखने के लिए मजबूर कर दिया है. ऐसे में देखना दिलचस्प है बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में होना है. उससे पहले नीतीश कुमार मीडिया से जो दूरी बनाकर रखे हैं, उसे समाप्त करते हैं या नहीं?

Intro:पटना-- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश पिछले लंबे समय से मीडिया से दूरी बनाकर रखी है। यहां तक कि लोक संवाद का कार्यक्रम भी लंबे समय से स्थगित है। लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद केंद्र में बनी सरकार में भी जदयू शामिल नहीं है। बीजेपी सरकार बनने के बाद कई मुद्दों पर जिस पर जदयू का विरोध था उसे लागू किया गया और नीतीश कुमार इन्हीं विवादास्पद मुद्दों पर बोलने से बचने के लिए हैं पिछले लंबे समय से मीडिया से दूरी बनाकर रखी है। पेश है खास रिपोर्ट---


Body:केंद्र में फिर से नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद जम्मू कश्मीर से 370 धारा और 35 ए को हटाया गया, जदयू उसका विरोध करता रहा है उससे पहले तीन तलाक जैसे मुद्दों पर भी जदयू की बीजेपी से अलग राय थी लेकिन मोदी सरकार ने इसे भी समाप्त किया। और अब एनआरसी के मुद्दे पर भी बीजेपी नेताओं के बयान से जदयू की मुश्किलें बढ़ी हुई है। इन मुद्दों पर लंबे समय से जदयू का बीजेपी से अलग राय था जब केंद्र में अटल जी की सरकार थी उस समय कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना था और सभी विवादास्पद मुद्दों को बाहर रखा गया था लेकिन अब बीजेपी की बहुमत वाली सरकार है कोई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम नहीं बना है। यहां तक कि बिहार की प्रमुख सहयोगी जदयू केंद्र सरकार में शामिल भी नहीं है। बीजेपी उन मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में हर बार शामिल करती थी, इस बार भी शामिल किया था और जब इस बार बहुमत की सरकार बनी तो एक एक कर लागू भी किया और इसी कारण से सीएम नीतीश विवादास्पद मुद्दों पर बोलने से बचने के लिए ही लंबे समय से मीडिया से दूरी बना रखी है। हालांकि जदयू के नेता राजीव रंजन खुलकर कर बोलने से बच रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करने की कोशिश जरूर कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल आरजेडी के विधायक भी वीरेंद्र इस मामले में भी तंज कसने में पीछे नहीं है। बाइट्स--राजीव रंजन, प्रवक्ता, जदयू भाई वीरेंद्र, राजद विधायक।


Conclusion:नरेंद्र मोदी की सरकार फिर से केंद्र में बनने के बाद नीतीश एक दो मौकों को छोड़कर मीडिया से बात तक नहीं की है। यहां तक कि बिहार विधानसभा का सत्र 1 महीने तक चला और पहली बार ऐसा हुआ कि मुख्यमंत्री मीडिया से बातचीत करने से बचते रहे उससे पहले मुजफ्फरपुर में AES से बच्चों की मौत मामले में भी मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचते रहे थे और अब विवादास्पद मुद्दों ने नीतीश को मीडिया से दूरी बनाए रखने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसे में देखना दिलचस्प है बिहार विधानसभा का चुनाव 2020 में होना है उससे पहले नीतीश मीडिया से जो दूरी बनाकर रखी है उसे समाप्त करते हैं या नहीं। अविनाश, पटना।
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