पटना: नीतीश कुमार पर गुलाम नबी आजाद के सियासी बयान से बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ गया है. वहीं, बयान के बाद कांग्रेसी नेता अलग-थलग पड़ गए हैं. तमाम दलों ने उनके बयान से पल्ला झाड़ लिया है. गुलाम नबी आजाद को उनके बयान पर अपनी पार्टी और सहयोगी दलों का भी साथ नहीं मिल पा रहा है.
बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर भाजपा को बहुमत नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में नीतीश कुमार हमारा साथ दे सकते हैं.
कांग्रेस ने किया बयान से किनारा
गुलाम नबी के इस बयान से बिहार की सियासत में उथल-पुथल मच गई है. वो अपने बयान के चक्रव्यूह में खुद ही फंस गए हैं. उनके इस बयान के बाद सहयोगी दल उनसे किनारा कर रहे हैं. इस मामले में बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने प्रतिक्रिया में कहा कि हमें यह संभव नहीं दिखाई देता कि नीतीश कुमार कांग्रेस के साथ आ सकते हैं. गुलाम नबी आजाद का यह व्यक्तिगत बयान हो सकता है. वे धर्मनिरपेक्षता को लेकर ऐसे बयान दिए होंगे.
RJD ने किया पलटवार
गुलाम नबी आजाद के बयान पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा है कि अगर नीतीश को उन्हें अपने साथ लाना है तो राहुल गांधी को छोड़कर उन्हें नीतीश कुमार को पीएम पद के लिए आगे लाना चाहिए.
JDU ने किया सिरे से खारिज
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने गुलाम नबी आजाद के बयान को खारिज करते हुए कहा है कि वह दिव्यस्वप्न देख रहे हैं. नीतीश कुमार ने एक ही बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ा था और आगे दूर-दूर तक इसकी कोई संभावना नहीं है. कांग्रेस नेता हार के चलते ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं.
BJP ने कहा कांग्रेस नेता देख रहे हैं सपने
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेश कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार और हमारा स्वाभाविक तौर पर गठबंधन है. कांग्रेस नेता सपने देख रहे हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस को हार का भय सता रहा है. लिहाजा वो पहले से ही गोलबंदी में जुट गए हैं.