पटनाः बिहार सरकार जहरीली शराब मामले में मुआवजा देने की शुरुआत मोतिहारी और नालंदा से करने जा रही है. पहले चरण में मोतिहारी शराब कांड के 26 और नालंदा शराब कांड के 12 परिवार को मुआवजा मिलेगा. पिछले दिनों मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा था 1 सप्ताह में जहरीली शराब से मृतक के परिजनों की रिपोर्ट तैयार कर ली जाएगी और मुख्यमंत्री राहत कोष से उन्हें 4-4 लाख की राशि दी जाएगी.
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डीएम स्तर से होगा अनुदान राशि का भुगतानः अप्रैल में सरकार की ओर से कैबिनेट में भी मुआवजा देने पर मुहर लगी था और अब 38 ऐसे आश्रितों को जिनके परिजन की मौत जहरीली शराब से हुई है मुआवजा देगी, इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है. जिलाधिकारी के माध्यम से विभाग को आश्रित परिवारों की रिपोर्ट मिली है. इसके बाद विभाग ने अपनी अनुशंसा मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दी है, इसके बाद डीएम के स्तर से अनुदान राशि का भुगतान किया जाएगा.
जहरीली शराब प्रभावित जिलों से मांगी गई रिपोर्टः जहरीली शराब से मौत पर अन्य जिलों से भी आश्रितों की रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आते ही संबंधित जिलों में भी आश्रित परिवारों को अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा. मंत्री सुनील कुमार ने पिछले दिनों कहा था एक अप्रैल, 2016 के बाद जहरीली शराब से मरने वाले मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान दिया जाना है. मुआवजा पाने के लिए पीडि़त परिवारों को अपने जिले के डीएम को लिखित आवेदन देना होगा.
परिजनों को मिलेगी चार लाख की राशिः इस आवेदन में यह लिखना होगा कि वे शराबबंदी के समर्थन में हैं और अन्य लोगों को भी शराबबंदी कानून मानने के लिए प्रेरित करेंगे. इसके साथ ही वे जहरीली शराब से मौत के मामले में हो रही जांच में भी अपना पूरा सहयोग करेंगे. 17 अप्रैल 2023 से पहले जहरीली शराब से जिनकी मौत हुई है यदि पोस्टमार्टम हुआ होगा तो सरकार मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख की राशि दे देगी लेकिन जिन का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं है उनकी जांच डीएम के स्तर पर होने के बाद ही सरकार देने का फैसला लेगी.
अभी नहीं आई है कई जिलों से रिपोर्ट: वहीं 17 अप्रैल 2023 के बाद जहरीली शराब से मौत पर अनुदान पाने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देना अनिवार्य है. आपको बता दें कि सीएम नीतीश कुमार पहले मुआवजा देने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष की तरफ से बढ़ते दबाव के बाद फैसला लेना पड़ा है और इसकी शुरुआत होने जा रही है, लेकिन अभी कई जिलों की रिपोर्ट आना बाकी है.