पटनाः सूबे में स्वास्थ्य सेवा का हाल बद से बदतर होता जा रहा है. जिसका मुख्य कारण राज्यभर के अस्पतालों में डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी होना है. ऐसे में सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच वर्षों से डॉक्टर और नर्स की कमी का दंश झेल रहा है.
पीएमसीएच को भले ही सरकार ने सुपरस्पेशलिटी का दर्जा दे दिया हो. लेकिन यहां डॉक्टर और नर्स की भारी कमी के वजह से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ऐसे हैं कि तकरीबन 200 मरीज एक डॉक्टर के भरोसे हैं. बता दें कि पीएमसीएच में रोजाना 3000 मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है. राज्य के कोने-कोने से मरीज अपना बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच आते हैं लेकिन डॉक्टरों की कमी और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को काफी मुशकिलें होती है.
PMCH में कर्मचारियों की भारी कमी
इस अस्पताल में 1258 नर्सों की जगह 1018 नर्स हैं, 42 एएनएम का पद हाल में ही सृजित हुआ है, 27 ओटी सहायकों में 19 ही कार्यरत हैं, 28 ड्रेसर का काम 11 ड्रेसर कर रहे हैं, 37 फार्मासिस्ट की जगह 30 हैं और 21 लैब टेक्नीशियन का काम 14 ही कर रहे हैं. वहीं ब्लड बैंक में छह मेडिकल ऑफिसर हैं. जिनमें से केवल दो ही बचे हैं. अब हालात यह है कि इमरजेंसी में बेड की संख्या भले ही 150 से 200 कर दिए गए हो. लेकिन स्टाफ नहीं बढ़ाए गए हैं.
सरकार पर कई सवाल
पीएमसीएच में ये सभी कमियां सरकार की जानकारी में हैं. बावजूद इन सब के अस्पताल का यह हाल स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल खड़े कर रहा है. जहां एक ओर पूरे राज्य में एईएम और हिट वेव से लोगों की जान जा रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार और प्रशासन अभी भी नींद में है.