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PMCH में दिखी कैंटीन संचालक की गुंडागर्दी, नहीं हुई कोई कार्रवाई

कैंटीन संचालको की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि जांच में निकले उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर के साथ दुर्व्यवहार किया गया. कैंटीन कर्मचारियों ने पहले तो हाथ पकड़कर उन्हें धक्का दिया. इसके बाद उनके साथ मारपीट और अपशब्द कहे.

कैंटीन संचालक
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Published : Apr 16, 2019, 11:20 PM IST

पटनाः सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में कैंटीन संचालक गुंडागर्दी देखने को मिली है. कैंटीन संचालकों ने पीएमसीएच के उपाधीक्षक के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया है.

दरअसल, कैंटीन संचालको की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि जांच में निकले उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर के साथ दुर्व्यवहार किया गया. कैंटीन कर्मचारियों ने पहले तो हाथ पकड़कर उन्हें धक्का दिया उसके बाद उनके साथ मारपीट और गाली गलौज की. जिसकी सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन मौके पर पहुंचे और उन्हें सुरक्षित कार्यालय तक पहुंचा दिया.

PMCH में दिखी कैंटीन संचालक की गुंडागर्दी

कैंटीन में लापरवाही

बता दें कि पीएमसीएच में तीन कैंटीन संचालित हो रहे हैं. जिसमें दो कैंटीन मरीजों को खाना खिलाने के लिये है और एक डॉक्टर के लिए है. बताया जाता है कि इस कैंटीन में हमेशा गंदगी बिख्री हुई रहती है. जिससे मरीजों को खाना खाने में बहुत तकलीफ होती है. वहीं कैंटीन के आस-पास नाले में कैंटीन के सभी कूड़ा-कचरा डाल दिया जाता है. जिससे कई समस्याएं होती हैं.

कोई कार्रवाई नहीं की गइ

वहीं इस मामलें को लेकर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने दोनों पक्ष को बुलाकर घंटों चली वार्ता में सुलह करा दिया है. लेकिन इस घटना को लेकर उन्होंने जांच कमेटी बनाई है और जांच के बाद कैंटीन संचालक पर सख्त कार्रवाई का भरोसा जताया है.

पटनाः सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में कैंटीन संचालक गुंडागर्दी देखने को मिली है. कैंटीन संचालकों ने पीएमसीएच के उपाधीक्षक के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया है.

दरअसल, कैंटीन संचालको की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि जांच में निकले उपाधीक्षक रंजीत जैमुआर के साथ दुर्व्यवहार किया गया. कैंटीन कर्मचारियों ने पहले तो हाथ पकड़कर उन्हें धक्का दिया उसके बाद उनके साथ मारपीट और गाली गलौज की. जिसकी सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन मौके पर पहुंचे और उन्हें सुरक्षित कार्यालय तक पहुंचा दिया.

PMCH में दिखी कैंटीन संचालक की गुंडागर्दी

कैंटीन में लापरवाही

बता दें कि पीएमसीएच में तीन कैंटीन संचालित हो रहे हैं. जिसमें दो कैंटीन मरीजों को खाना खिलाने के लिये है और एक डॉक्टर के लिए है. बताया जाता है कि इस कैंटीन में हमेशा गंदगी बिख्री हुई रहती है. जिससे मरीजों को खाना खाने में बहुत तकलीफ होती है. वहीं कैंटीन के आस-पास नाले में कैंटीन के सभी कूड़ा-कचरा डाल दिया जाता है. जिससे कई समस्याएं होती हैं.

कोई कार्रवाई नहीं की गइ

वहीं इस मामलें को लेकर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने दोनों पक्ष को बुलाकर घंटों चली वार्ता में सुलह करा दिया है. लेकिन इस घटना को लेकर उन्होंने जांच कमेटी बनाई है और जांच के बाद कैंटीन संचालक पर सख्त कार्रवाई का भरोसा जताया है.

Intro: EXCLUSIVE सूबे के सबसे बडे अस्पताल पीएमसीएच में कैंटीन संचालक की दिखी गुंडागर्दी, पीएमसीएच के उपाधीक्षक के साथ किया मारपीट एवं दुर्व्यवहार एक रिपोर्ट:-


Body:सुबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में चल रहे कैंटीन के संचालको की मनमानी इस कदर बढ गई है कि आज जांच में निकले उपाधीक्षक रंजीत जैन वार को कैंटीन कर्मचारियों ने पहले तो हाथ पकड़कर उन्हें धक्का दिया उसके बाद उनके साथ मारपीट और गाली गलौज की जिसकी सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन मौके पर पहुंचे और उन्हें सुरक्षित कार्यालय तक पहुंचा दिए, दरअसल पीएमसीएच में तीन कैंटीन संचालित हो रहा है, जिसमें दो कैंटीन मरीजों को खाना खिलाने के नाम पर और एक डॉक्टर के लिए है,सुपरस्पेशलिटी विभाग के पास कैंटीन जो मानव सेवा के रूप में ₹15 प्रति थाली भोजन कराता है,जहाँ आज वही मानव सेवा स्थल पर उपाधीक्षक के साथ अमानवीय व्यवहार देखने को मिला है, जो साफ तौर पर कैंटीन संचालकों की गुंडागर्दी कही जा सकती है, बताया जाता है कि उस कैंटीन में हमेशा गंदगी बिक्री हुई रहती है जिससे मरीजों को खाना खाने में बहुत ही तकलीफ होती है वही कैंटीन के आस पास नाले में कैंटीन के सभी कूड़े-कचरे डाल दिया जाता है जिससे कई समस्या होती है जिसकी जांच को लेकर पहले भी उपाधीक्षक ने उसे रद्द करने की अनुशंसा भी की थी


Conclusion:वही इस मामले को लेकर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने दोनों पक्ष को बुलाकर घंटों चली वार्ता में सुलह करा दिया है, लेकिन इस घटना को लेकर उन्होंने जांच कमेटी बनाई है और जांच के बाद कैंटीन संचालक पर सख्त कार्रवाई का भरोसा जताया है। लेकिन जरा सोचिए जिस अस्पताल के अस्पताल उपाधीक्षक के साथ मारपीट कर दी जाती है, और उसके बाद घंटों वार्ता में दोनों पक्ष में सुलह भी करा दिया जाता है, लेकिन कार्रवाई शून्य रहता है ऐसे में आम आवाम मरीजों का क्या होगा जब वह कैंटीन से उलझने की कोशिश करेगा। बाईट-डा.रंजीत जैमुआर, पिडित उपाधीक्षक, पीएमसीएच बाईट--राजीव रंजन प्रसाद अधीक्षक,पीएमसीएच
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