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सोमवार को 'चमकी' पर होगी 'सुप्रीम' सुनवाई, कई मुद्दों को लेकर जनहित याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में मुजफ्फरपुर में 100 मोबाइल आईसीयू की व्यवस्था करने और वहां मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की भी मांग की गई है.

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Published : Jun 19, 2019, 11:27 AM IST

Updated : Jun 19, 2019, 1:51 PM IST

डिजाइन फोटो , सुप्रीम कोर्ट

पटना/नई दिल्लीः बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. ये याचिका दो वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी ने की है. जिसकी सुनवाई 24 जून को होगी.

100 मोबाइल आईसीयू की मांग
जनहित याचिका में केंद्र और बिहार सरकार को 500 आईसीयू की व्यवस्था करने के लिए निर्देश देने के साथ-साथ इंसेफेलाइटिस के प्रकोप से निपटने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में मुजफ्फरपुर में 100 मोबाइल आईसीयू की व्यवस्था करने और वहां मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की भी मांग की गई है.

अब तक 157 बच्चों की मौत
बता दें कि बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का कहर जारी है. इस बीमारी से अब तक 157 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस बीच बच्चों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस मामले पर 24 जून को सुनवाई होगी है. चमकी बुखार से हो रही मौत का मुद्दा देश भर में उठ रहा है. इस मामले में राज्य सरकार के जरिए दी जा रही सुवाधिओं पर भी चर्चा हो रही है.

chamki
अस्पताल में बीमार बच्चे

जगह-जगह विरोध मार्च और प्रदर्शन
मालूम हो कि चमकी बुखार से पाड़ित बच्चों का हालचाल जानने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्पताल में पाई गई कमियों को पूरा करने की बात कही है. लेकिन बच्चों की हो रही लगातार मौत के बाद विपक्षियों ने सरकार पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. जगह-जगह विरोध मार्च और प्रदर्शन जारी है. बहरहाल, सरकार के अलावा परिजनों को भी अपने तौर पर बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए अलर्ट रहने की जरूरत है. ताकि बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सके.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़ फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

पटना/नई दिल्लीः बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. ये याचिका दो वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी ने की है. जिसकी सुनवाई 24 जून को होगी.

100 मोबाइल आईसीयू की मांग
जनहित याचिका में केंद्र और बिहार सरकार को 500 आईसीयू की व्यवस्था करने के लिए निर्देश देने के साथ-साथ इंसेफेलाइटिस के प्रकोप से निपटने के लिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में मुजफ्फरपुर में 100 मोबाइल आईसीयू की व्यवस्था करने और वहां मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की भी मांग की गई है.

अब तक 157 बच्चों की मौत
बता दें कि बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का कहर जारी है. इस बीमारी से अब तक 157 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस बीच बच्चों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. इस मामले पर 24 जून को सुनवाई होगी है. चमकी बुखार से हो रही मौत का मुद्दा देश भर में उठ रहा है. इस मामले में राज्य सरकार के जरिए दी जा रही सुवाधिओं पर भी चर्चा हो रही है.

chamki
अस्पताल में बीमार बच्चे

जगह-जगह विरोध मार्च और प्रदर्शन
मालूम हो कि चमकी बुखार से पाड़ित बच्चों का हालचाल जानने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्पताल में पाई गई कमियों को पूरा करने की बात कही है. लेकिन बच्चों की हो रही लगातार मौत के बाद विपक्षियों ने सरकार पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. जगह-जगह विरोध मार्च और प्रदर्शन जारी है. बहरहाल, सरकार के अलावा परिजनों को भी अपने तौर पर बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए अलर्ट रहने की जरूरत है. ताकि बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सके.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़ फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.
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Last Updated : Jun 19, 2019, 1:51 PM IST
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