पटना: प्रदेश के कई जिलों में सीएए और एनआरसी के विरोध में लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई. जिसमें विपक्ष की कई पार्टियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाएं भी बड़ी संख्या में दिखीं. सासाराम में भाकपा माले की ओर से मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होकर हजारों कार्यकर्ताओं ने एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध किया.
एनआरसी का विरोध
छपरा में भी वामदलों की ओर से एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया. इसमें हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाये.
केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य सड़क के किनारे सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ वामदल के कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला का आयोजन किया. इसमें कई संगठनों के लोग मौजूद थे. इस मानव श्रृंखला के दौरान लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
भाकपा-माले के कार्यकताओं ने किया विरोध
खगड़िया जिले में शनिवार को फिर से एक बार मानव श्रृंखला देखने को मिली. ये केंद्र सरकार के लाए गए कानून सीएए के विरोध में थी. इस मानव श्रृंखला में भाकपा-माले के कार्यकताओं के अलावा स्वराज इंडिया और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के साथ आरजेडी के कार्यकताओं ने भी भाग लिया.
मानव श्रृंखला में महिलाओं ने भी लिया हिस्सा
वहीं, जहानाबाद में भी शनिवार को वामदलों की ओर से एनआरसी सीएए और एनपीआर के खिलाफ मानव श्रृंखला सड़क के दोनों तरफ लगाई गई. इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मानव श्रृंखला में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
एनआरसी के विरोध में 7 किलोमीटर लंबी बनाई गई मानव श्रृंखला
इधर, जमुई में भी सीएए के विरोध में 7 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई. शहर के कचहरी चौक से मलयपुर तक लोग नो एनआरसी, नो सीएए, नो एनपीआर लिखी तख्तियां गले में टांगे हाथ से हाथ मिलाकर खड़े रहे. इस दौरान मानव श्रृंखला में सर्वदलीय एकता मंच और जाप भी शामिल हुई.
एनआरसी, सीएए और एनपीआर का लोगों ने किया विरोध
देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध लगातार जारी है और इसी कड़ी में वाम दल कार्यकर्ताओं के साथ पटना के डाकबंगला चौराहे पर मौजूद जाप कार्यकर्ताओं ने पटना के बुद्धा स्मृति पार्क से लेकर स्टेशन तक मानव श्रृंखला का निर्माण किया. इस मानव श्रृंखला में वाम दल कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जाप कार्यकर्ताओं ने भी एक दूसरे का हाथ थामकर इस नागरिकता संशोधन कानून को काला कानून बताया.