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बिहार के कई जिलों में CAA और NRC के विरोध में बनाई गई मानव श्रृंखला

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Published : Jan 25, 2020, 8:03 PM IST

देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध लगातार जारी है और इसी कड़ी में वाम दल कार्यकर्ताओं के साथ पटना के डाकबंगला चौराहे पर मौजूद जाप कार्यकर्ताओं ने पटना के बुद्धा स्मृति पार्क से लेकर स्टेशन तक मानव श्रृंखला का निर्माण किया.

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पटना: प्रदेश के कई जिलों में सीएए और एनआरसी के विरोध में लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई. जिसमें विपक्ष की कई पार्टियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाएं भी बड़ी संख्या में दिखीं. सासाराम में भाकपा माले की ओर से मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होकर हजारों कार्यकर्ताओं ने एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध किया.

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सीएए का विरोध करते लोग

एनआरसी का विरोध
छपरा में भी वामदलों की ओर से एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया. इसमें हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाये.

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हाथों में no nrc की तख्ती लिए हुए कार्यकर्ता

केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य सड़क के किनारे सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ वामदल के कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला का आयोजन किया. इसमें कई संगठनों के लोग मौजूद थे. इस मानव श्रृंखला के दौरान लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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सड़क के किनारे खड़े विपक्ष पार्टी के कार्यकर्ता

भाकपा-माले के कार्यकताओं ने किया विरोध
खगड़िया जिले में शनिवार को फिर से एक बार मानव श्रृंखला देखने को मिली. ये केंद्र सरकार के लाए गए कानून सीएए के विरोध में थी. इस मानव श्रृंखला में भाकपा-माले के कार्यकताओं के अलावा स्वराज इंडिया और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के साथ आरजेडी के कार्यकताओं ने भी भाग लिया.

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महिलाएं भी मानव श्रृंखला में हुई शामिल

मानव श्रृंखला में महिलाओं ने भी लिया हिस्सा
वहीं, जहानाबाद में भी शनिवार को वामदलों की ओर से एनआरसी सीएए और एनपीआर के खिलाफ मानव श्रृंखला सड़क के दोनों तरफ लगाई गई. इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मानव श्रृंखला में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

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मानव श्रृंखला में शामिल लोग

एनआरसी के विरोध में 7 किलोमीटर लंबी बनाई गई मानव श्रृंखला
इधर, जमुई में भी सीएए के विरोध में 7 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई. शहर के कचहरी चौक से मलयपुर तक लोग नो एनआरसी, नो सीएए, नो एनपीआर लिखी तख्तियां गले में टांगे हाथ से हाथ मिलाकर खड़े रहे. इस दौरान मानव श्रृंखला में सर्वदलीय एकता मंच और जाप भी शामिल हुई.

पेश है रिपोर्ट

एनआरसी, सीएए और एनपीआर का लोगों ने किया विरोध
देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध लगातार जारी है और इसी कड़ी में वाम दल कार्यकर्ताओं के साथ पटना के डाकबंगला चौराहे पर मौजूद जाप कार्यकर्ताओं ने पटना के बुद्धा स्मृति पार्क से लेकर स्टेशन तक मानव श्रृंखला का निर्माण किया. इस मानव श्रृंखला में वाम दल कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जाप कार्यकर्ताओं ने भी एक दूसरे का हाथ थामकर इस नागरिकता संशोधन कानून को काला कानून बताया.

पटना: प्रदेश के कई जिलों में सीएए और एनआरसी के विरोध में लोगों ने मानव श्रृंखला बनाई. जिसमें विपक्ष की कई पार्टियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाएं भी बड़ी संख्या में दिखीं. सासाराम में भाकपा माले की ओर से मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होकर हजारों कार्यकर्ताओं ने एनआरसी, सीएए और एनपीआर का विरोध किया.

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सीएए का विरोध करते लोग

एनआरसी का विरोध
छपरा में भी वामदलों की ओर से एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में मानव श्रृंखला का निर्माण किया गया. इसमें हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और जमकर सरकार विरोधी नारे लगाये.

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हाथों में no nrc की तख्ती लिए हुए कार्यकर्ता

केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य सड़क के किनारे सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ वामदल के कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला का आयोजन किया. इसमें कई संगठनों के लोग मौजूद थे. इस मानव श्रृंखला के दौरान लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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सड़क के किनारे खड़े विपक्ष पार्टी के कार्यकर्ता

भाकपा-माले के कार्यकताओं ने किया विरोध
खगड़िया जिले में शनिवार को फिर से एक बार मानव श्रृंखला देखने को मिली. ये केंद्र सरकार के लाए गए कानून सीएए के विरोध में थी. इस मानव श्रृंखला में भाकपा-माले के कार्यकताओं के अलावा स्वराज इंडिया और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के साथ आरजेडी के कार्यकताओं ने भी भाग लिया.

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महिलाएं भी मानव श्रृंखला में हुई शामिल

मानव श्रृंखला में महिलाओं ने भी लिया हिस्सा
वहीं, जहानाबाद में भी शनिवार को वामदलों की ओर से एनआरसी सीएए और एनपीआर के खिलाफ मानव श्रृंखला सड़क के दोनों तरफ लगाई गई. इस दौरान लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मानव श्रृंखला में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

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मानव श्रृंखला में शामिल लोग

एनआरसी के विरोध में 7 किलोमीटर लंबी बनाई गई मानव श्रृंखला
इधर, जमुई में भी सीएए के विरोध में 7 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई. शहर के कचहरी चौक से मलयपुर तक लोग नो एनआरसी, नो सीएए, नो एनपीआर लिखी तख्तियां गले में टांगे हाथ से हाथ मिलाकर खड़े रहे. इस दौरान मानव श्रृंखला में सर्वदलीय एकता मंच और जाप भी शामिल हुई.

पेश है रिपोर्ट

एनआरसी, सीएए और एनपीआर का लोगों ने किया विरोध
देश में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध लगातार जारी है और इसी कड़ी में वाम दल कार्यकर्ताओं के साथ पटना के डाकबंगला चौराहे पर मौजूद जाप कार्यकर्ताओं ने पटना के बुद्धा स्मृति पार्क से लेकर स्टेशन तक मानव श्रृंखला का निर्माण किया. इस मानव श्रृंखला में वाम दल कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जाप कार्यकर्ताओं ने भी एक दूसरे का हाथ थामकर इस नागरिकता संशोधन कानून को काला कानून बताया.

Intro:रोहतास। सासाराम में भाकपा माले के द्वारा एनआरसी सीसीए और इनपीआर के विरोध मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों कार्यकर्ता मानव श्रृंखला बनाकर इस कानून का विरोध किया .


Body:गौरतलब है कि पूरे देश में एनआरसी सीएए और एनपीआर खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। दिल्ली के शाहिनबाग से विरोध प्रदर्शन की निकली चिंगारी पूरे देश में पैर पसारती जा रही है। इसी सिलसिले में आज सासाराम में भी भाकपा माले के द्वारा इस काले कानून के खिलाफ मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। जिसमें मुस्लिम समुदाय से लेकर भाकपा माले के कई सदस्य शामिल हुए। वहीं इस मानव श्रृंखला में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। गौरतलब है कि महिलाएं अपनी हाथों में तख्ती लिए हुए एनआरसी और सीसीए का विरोध कर रही थी तो वहीं नीतीश कुमार के द्वारा चलाई जा रही जल जीवन हरियाली योजना के तहत गरीबों के घरों को उजाड़ जाने के खिलाफ भी अपनी आवाज बुलंद कर रही थी। बिहार में लगातार एनआरसी और सीसीए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसी सिलसिले में कल सासाराम में भी अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हो गई।

VO:1 बहरहाल मानव श्रृंखला में पहुंचे भाकपा माले के सचिव अशोक बैठा ने बताया कि देश में काला कानून लाया गया है। जिसका विरोध हम आखरी दम तक करेंगे। वहीं उन्होंने नीतीश कुमार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार की दोगली नीति है वह एनआरसी के खिलाफ कभी समर्थन देते हैं तो कभी एनआरसी नहीं लागू करने की बात करते हैं। नीतीश कुमार सत्ता के लालच में बीजेपी के गोद में बैठे हैं। ऐसे मतलब परस्त नेताओं को जनता सबक सिखाएगी।


Conclusion:बहरहाल भाकपा माले के द्वारा बनाए गए इस मानव श्रृंखला में हजारों की संख्या में लोग जुट कर एनआरसी सीएए और एनपीआर का विरोध प्रदर्शन किया। वहीं मुस्लिम समुदाय ने भी इस काले कानून के खिलाफ मानव श्रृंखला में शामिल होकर अपना विरोध जताया। अब देखना यह होगा कि आखिर इस विरोध के बाद सरकार पर कितना असर पड़ता है.
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